गरियाबंद: स्वामी विवेकानंद के नाम पर एक NGO पर एजुकेशनल ट्रस्ट के बहाने 2 हजार बेरोजगारों से ठगी का मामला सामने आया है. NGO पर आरोप है कि उसने पिछले चार से पांच महीने में गांव के बेरोजगारों को शिक्षक बनाने के नाम पर अपना शिकार बनाया है. इस पूरे मामले में पुलिस ने NGO के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है.
स्वामी विवेकानंद एजूकेशनल चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम से संचालित NGO पर खुद को समाजिक सरोकार के लिए काम करने वाली संस्था बताकर गांव के लोगों से ठगी का आरोप लगा है. पीड़ितों ने बताया कि संस्था के सदस्यों ने कहा कि 'ये संस्था गांव के मानसिक रुप से कमजोर और पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने का काम करती है. बेरोजगार युवकों को ऐसे ही बच्चों को पढ़ाने का काम देने की बात कही गई थी. इसके साथ ही संस्था ने प्रत्येक आवेदक से रजिस्ट्रेशन के नाम पर एक हजार 550 रुपए जमा कराए गए. इसके बाद उन्हें बकायदा नियुक्ति पत्र देने की बात कही गई और प्रतिमाह 3 हजार 500 से 4 हजार तक वेतन देने का आश्वासन दिया गया.
शिक्षक बनाने के नाम पर की ठगी
संस्था ने गरियाबंद जिले के 2 हजार से ज्यादा बेरोजगारों को ठगी का आरोप है, अकेले देवभोग विकासखंड की 54 पंचायतों में 891 युवकों ने वार्ड स्तर पर शिक्षक बनने के नाम पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है. जिले के पांचों विकासखंडों की बात की जाए तो ये आंकड़ा 2 हजार से ज्यादा होने की उम्मीद है. ये संस्था पिछले 4-5 महीने से जिले के हर गांव में वार्ड स्तर पर अपना नेटवर्क फैलाने में लगी रही. बावजूद इसके जिला प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी.
पुलिस करेगी कार्रवाई
जिले में बेरोजगारों से ठगी का ये पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी नौकरी के नाम पर ठगी के कई मामले सामने आए हैं. ठग हर बार कोई नया तरीका अपनाकर युवकों को अपना शिकार बनाते रहे है. गरियाबंद एसपी ने कहा कि ठगी के मामलों को रोकने के लिए शासन-प्रशासन के साथ ही लोगों को भी जागरूक होना पड़ेगा.फिलहाल इस मामले में जांच की जा रही है, जिसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.