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दुर्ग: महिला सशक्तिकरण पर वेबिनार, छात्राओं को दी गई महिला अधिकारों की जानकारी

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Published : Jun 27, 2020, 2:05 PM IST

Updated : Jun 27, 2020, 4:53 PM IST

दुर्ग के पुलिस कंट्रोल रूम में महिला सशक्तिकरण पर वेबिनार का आयोजन किया गया, जिसमें लैंगिक समानता और महिलाओं के अपराध संबंधित विषयों पर चर्चा हुई.

Webinar organized on women empowerment in durg
महिला सशक्तिकरण पर हुआ वेबीनार का आयोजन

दुर्ग : भिलाई के सेक्टर 6 पुलिस कंट्रोल रूम में महिला सशक्तिकरण के ऊपर वेबिनार का आयोजन हुआ, इस आयोजन में महिला सशक्तिकरण के बारे में वेबिनार के माध्यम से महिलाओं को जानकारी दी गई. इसमें लैंगिक समानता और नारी सशक्तिकरण पर विद्यार्थियों से चर्चा की गई.

दुर्ग में महिला सशक्तिकरण पर हुआ वेबीनार का आयोजन

इस डिजिटल वेबिनार में विद्यार्थियों ने भी अपनी बातें रखीं. वेबिनार के माध्यम से कॉलेज के करीब 200 से अधिक छात्र-छात्राओं ने इस अवसर पर अपनी बातें रखते हुए कुछ ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान शहर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रोहित झा ने महिला सशक्तिकरण और समानता के अधिकार पर विस्तृत रूप से चर्चा करते हुए अलग-अलग काल की घटनाओं की जानकारी दी.

रायपुर गवर्नमेंट कॉलेज की प्रोफेसर ने दी जानकारी

रायपुर गवर्नमेंट कॉलेज से पहुंची प्रोफेसर श्वेता चौबे ने बताया कि, छात्र-छात्राओं को महिलाओं के अधिकार, महिलाओं के लिए बने कानून संबंधित विषयों की जानकारी दी गई. वेबिनार दुर्ग पुलिस के सहयोग से आयोजित किया गया है. उन्होंने आगे बताया कि हर साल सेमिनार के माध्यम से महिला सशक्तिकरण के बारे में जानकारियां दी जाती रही हैं.

कोविड-19 संक्रमण की वजह से इस बार वेबिनार के माध्यम से संबंधित जानकारियां दी गईं. इस दौरान दुर्ग एएसपी रोहित झा, एएसपी महिला सेल प्रज्ञा मिश्रा मौजूद रहे. इस दौरान अलग-अलग सेशन में कानून से जुड़ी जानकारियां अधिकारियों ने छात्रों को दी गईं.

IUCAW के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रज्ञा मेश्राम ने महिला संबंधी अपराध और घरेलू हिंसा के बारे में जानकारी दी. साथ ही बताया कि किसी भी प्रकार की विवाद की स्थिति में महिलाएं किस तरह से अपना अधिकार पा सकती हैं.

पढ़ें: राज्यसभा सांसद छाया वर्मा संसद रत्न पुरस्कार 2020 के लिए चयनित

बता दें कि, बदलते वक्त के साथ महिलाओं और बच्चियों से संबंधित अपराध भी बढ़ते जा रहे हैं. महिलाओं और बच्चियों से रेप, अपहरण , देह व्यापार, दहेज प्रताड़ना, घरेलू हिंसा, बाल विवाह और महिला तस्करी जैसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इसके लिए सरकार ने कानून भी बनाया है, लेकिन फिर भी महिलाओं और बच्चियों से संबंधित अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं.

महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए एक्ट

  • राष्‍ट्रीय महिला आयोग अधिनियम
  • सती प्रथा (निवारण) अधिनियम
  • महिलाओं के अश्लील प्रतिनिधित्व
  • दहेज प्रतिषेध अधिनियम (1961)
  • राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम (1990)
  • हिंदू विवाह अधिनियम (1955)
  • हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम (1956)
  • महिलाओं का अश्लील प्रतिनिधित्व (प्रतिषेध) अधिनियम (1986)
  • अनैतिक देह व्यापार (रोकथाम) अधिनियम (1956)
  • घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 (26.10.2006 से लागू)
  • मातृत्व लाभ अधिनियम (1961)
  • समान पारिश्रमिक अधिनियम (1976)
  • घरेलू हिंसा अधिनियम (2005)
  • महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम (2013)
  • पॉक्सो एक्ट (2012)

दुर्ग : भिलाई के सेक्टर 6 पुलिस कंट्रोल रूम में महिला सशक्तिकरण के ऊपर वेबिनार का आयोजन हुआ, इस आयोजन में महिला सशक्तिकरण के बारे में वेबिनार के माध्यम से महिलाओं को जानकारी दी गई. इसमें लैंगिक समानता और नारी सशक्तिकरण पर विद्यार्थियों से चर्चा की गई.

दुर्ग में महिला सशक्तिकरण पर हुआ वेबीनार का आयोजन

इस डिजिटल वेबिनार में विद्यार्थियों ने भी अपनी बातें रखीं. वेबिनार के माध्यम से कॉलेज के करीब 200 से अधिक छात्र-छात्राओं ने इस अवसर पर अपनी बातें रखते हुए कुछ ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान शहर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रोहित झा ने महिला सशक्तिकरण और समानता के अधिकार पर विस्तृत रूप से चर्चा करते हुए अलग-अलग काल की घटनाओं की जानकारी दी.

रायपुर गवर्नमेंट कॉलेज की प्रोफेसर ने दी जानकारी

रायपुर गवर्नमेंट कॉलेज से पहुंची प्रोफेसर श्वेता चौबे ने बताया कि, छात्र-छात्राओं को महिलाओं के अधिकार, महिलाओं के लिए बने कानून संबंधित विषयों की जानकारी दी गई. वेबिनार दुर्ग पुलिस के सहयोग से आयोजित किया गया है. उन्होंने आगे बताया कि हर साल सेमिनार के माध्यम से महिला सशक्तिकरण के बारे में जानकारियां दी जाती रही हैं.

कोविड-19 संक्रमण की वजह से इस बार वेबिनार के माध्यम से संबंधित जानकारियां दी गईं. इस दौरान दुर्ग एएसपी रोहित झा, एएसपी महिला सेल प्रज्ञा मिश्रा मौजूद रहे. इस दौरान अलग-अलग सेशन में कानून से जुड़ी जानकारियां अधिकारियों ने छात्रों को दी गईं.

IUCAW के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रज्ञा मेश्राम ने महिला संबंधी अपराध और घरेलू हिंसा के बारे में जानकारी दी. साथ ही बताया कि किसी भी प्रकार की विवाद की स्थिति में महिलाएं किस तरह से अपना अधिकार पा सकती हैं.

पढ़ें: राज्यसभा सांसद छाया वर्मा संसद रत्न पुरस्कार 2020 के लिए चयनित

बता दें कि, बदलते वक्त के साथ महिलाओं और बच्चियों से संबंधित अपराध भी बढ़ते जा रहे हैं. महिलाओं और बच्चियों से रेप, अपहरण , देह व्यापार, दहेज प्रताड़ना, घरेलू हिंसा, बाल विवाह और महिला तस्करी जैसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इसके लिए सरकार ने कानून भी बनाया है, लेकिन फिर भी महिलाओं और बच्चियों से संबंधित अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं.

महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए एक्ट

  • राष्‍ट्रीय महिला आयोग अधिनियम
  • सती प्रथा (निवारण) अधिनियम
  • महिलाओं के अश्लील प्रतिनिधित्व
  • दहेज प्रतिषेध अधिनियम (1961)
  • राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम (1990)
  • हिंदू विवाह अधिनियम (1955)
  • हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम (1956)
  • महिलाओं का अश्लील प्रतिनिधित्व (प्रतिषेध) अधिनियम (1986)
  • अनैतिक देह व्यापार (रोकथाम) अधिनियम (1956)
  • घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 (26.10.2006 से लागू)
  • मातृत्व लाभ अधिनियम (1961)
  • समान पारिश्रमिक अधिनियम (1976)
  • घरेलू हिंसा अधिनियम (2005)
  • महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम (2013)
  • पॉक्सो एक्ट (2012)
Last Updated : Jun 27, 2020, 4:53 PM IST
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