दुर्ग: भाजपा ने पाटन विधानसभा से पूर्व संसदीय सचिव विजय बघेल पर लोकसभा चुनाव के लिए अपना दांव खेला है. टिकट की घोषणा होते ही विजय बघेल के भिलाई स्थित निवास पर कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ पड़ा. अपने पार्टी के प्रत्याशी को बधाई देने देर रात तक कार्यकर्ता आते जाते रहे.
विजय बघेल को प्रत्याशी बनाये जाने के बाद कार्यकर्ताओं में भी खासा उत्साह नजर आ रहा है. विजय बघेल का कहना है कि पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है और कार्यकर्ताओं में जिस तरह का उत्साह है, उससे लगता है कि मोदी जी को जनता एक बार फिर से प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहती है. ऐसे में दुर्ग लोकसभा में भाजपा अपनी फतेह हासिल कर रिकॉर्ड मतों से जीतेगी.
विजय बघेल के सामने चुनौती की कमी नहीं
विजय बघेल के सामने चुनौती की कमी नहीं है. मुख्यमंत्री का जिला और 3 अन्य मंत्रियों की मौजूदगी कांग्रेस को मजबूत बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. पिछले चुनाव में मोदी लहर के बावजूद दुर्ग लोकसभा सीट से भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडेय चुनाव हार चुकी हैं. वहीं जिला भाजपा में गुटबाजी भी विजय बघेल का सरदर्द बन सकती है.
मोदी लहर के बावजूद हार चुकी हैं सरोज पांडेय
ऐसे में देखना होगा कि इस सीट पर कब्जा जमाने भाजपा क्या पैतरा अपनाती है. कांग्रेस ने अब तक अपना प्रत्याशी घोषित तो नहीं किया है पर जातिगत समीकरण के आधार पर वो भी किसी कुर्मी पर अपना दांव खेल सकती है. कांग्रेस से प्रत्याशी की घोषणा होने के बाद और भी स्थिति साफ हो सकती है कि दुर्ग लोकसभा में राजनीतिक ऊंट किस करवट बैठेगा.
मोदी लहर के बावजूद यहां से हार चुकी हैं सरोज पांडेय, क्या विजय बघेल फहरा पाएंगे झंडा
विजय बघेल के सामने चुनौती की कमी नहीं है. मुख्यमंत्री का जिला और 3 अन्य मंत्रियों की मौजूदगी कांग्रेस को मजबूत बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी.
दुर्ग: भाजपा ने पाटन विधानसभा से पूर्व संसदीय सचिव विजय बघेल पर लोकसभा चुनाव के लिए अपना दांव खेला है. टिकट की घोषणा होते ही विजय बघेल के भिलाई स्थित निवास पर कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ पड़ा. अपने पार्टी के प्रत्याशी को बधाई देने देर रात तक कार्यकर्ता आते जाते रहे.
विजय बघेल को प्रत्याशी बनाये जाने के बाद कार्यकर्ताओं में भी खासा उत्साह नजर आ रहा है. विजय बघेल का कहना है कि पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है और कार्यकर्ताओं में जिस तरह का उत्साह है, उससे लगता है कि मोदी जी को जनता एक बार फिर से प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहती है. ऐसे में दुर्ग लोकसभा में भाजपा अपनी फतेह हासिल कर रिकॉर्ड मतों से जीतेगी.
विजय बघेल के सामने चुनौती की कमी नहीं
विजय बघेल के सामने चुनौती की कमी नहीं है. मुख्यमंत्री का जिला और 3 अन्य मंत्रियों की मौजूदगी कांग्रेस को मजबूत बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. पिछले चुनाव में मोदी लहर के बावजूद दुर्ग लोकसभा सीट से भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडेय चुनाव हार चुकी हैं. वहीं जिला भाजपा में गुटबाजी भी विजय बघेल का सरदर्द बन सकती है.
मोदी लहर के बावजूद हार चुकी हैं सरोज पांडेय
ऐसे में देखना होगा कि इस सीट पर कब्जा जमाने भाजपा क्या पैतरा अपनाती है. कांग्रेस ने अब तक अपना प्रत्याशी घोषित तो नहीं किया है पर जातिगत समीकरण के आधार पर वो भी किसी कुर्मी पर अपना दांव खेल सकती है. कांग्रेस से प्रत्याशी की घोषणा होने के बाद और भी स्थिति साफ हो सकती है कि दुर्ग लोकसभा में राजनीतिक ऊंट किस करवट बैठेगा.
दुर्ग: भाजपा ने पाटन विधानसभा से पूर्व संसदीय सचिव विजय बघेल पर लोकसभा चुनाव के लिए अपना दांव खेला है. टिकट की घोषणा होते ही विजय बघेल के भिलाई स्थित निवास पर कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ पड़ा. अपने पार्टी के प्रत्याशी को बधाई देने देर रात तक कार्यकर्ता आते जाते रहे.
विजय बघेल को प्रत्याशी बनाये जाने के बाद कार्यकर्ताओं में भी खासा उत्साह नजर आ रहा है. विजय बघेल का कहना है कि पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है और कार्यकर्ताओं में जिस तरह का उत्साह है, उससे लगता है कि मोदी जी को जनता एक बार फिर से प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहती है. ऐसे में दुर्ग लोकसभा में भाजपा अपनी फतेह हासिल कर रिकॉर्ड मतों से जीतेगी.
विजय बघेल के सामने चुनौती की कमी नहीं
विजय बघेल के सामने चुनौती की कमी नहीं है. मुख्यमंत्री का जिला और 3 अन्य मंत्रियों की मौजूदगी कांग्रेस को मजबूत बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. पिछले चुनाव में मोदी लहर के बावजूद दुर्ग लोकसभा सीट से भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडेय चुनाव हार चुकी हैं. वहीं जिला भाजपा में गुटबाजी भी विजय बघेल का सरदर्द बन सकती है.
मोदी लहर के बावजूद हार चुकी हैं सरोज पांडेय
ऐसे में देखना होगा कि इस सीट पर कब्जा जमाने भाजपा क्या पैतरा अपनाती है. कांग्रेस ने अब तक अपना प्रत्याशी घोषित तो नहीं किया है पर जातिगत समीकरण के आधार पर वो भी किसी कुर्मी पर अपना दांव खेल सकती है. कांग्रेस से प्रत्याशी की घोषणा होने के बाद और भी स्थिति साफ हो सकती है कि दुर्ग लोकसभा में राजनीतिक ऊंट किस करवट बैठेगा.
Conclusion: