दुर्ग :जिला अस्पताल में दो अलग-अलग हाई रिस्क केस का सफलता पूर्वक ऑपरेशन किया गया. पहला मामला मरीज आदित्य प्रसाद का था. सात वर्षीय मरीज दुर्ग निवासी है. उनके दाहिने पैर में सात उंगलियां थी जो कि बहुत ही रेयर होती हैं. पॉलिडेक्टाइल के केसेस में 6 उंगलियां पाई जाती हैं. लेकिन इस केस में 7 उंगलियां थी. इस वजह से आदित्य को चलने में जूते चप्पल पहनने में बड़ी परेशानी होती थी. इस उंगली के कारण उसके पूरे पंजे में काफी दर्द रहता था.जैसे जैसे वो बड़ा हो रहा था उसकी परेशानी बढ़ रही थी. इसलिए ऑपरेशन करना बहुत ही जरूरी था. डॉक्टरों ने इस केस में विचार करने के बाद एक टीम बनाई और आदित्य के पैर को ठीक किया. इस ऑपरेशन को करने वाले सर्जन डॉ. अखिलेश यादव, एनेस्थीसिया देने वाले डॉ. बंसत चौरसिया, स्टॉफ नर्स सिबेन, रमेश और मयूरी ने अहम भूमिका निभाई.
दाहीने ओर धड़क रहा था हृदय : वहीं एक 21 वर्ष की दिव्या कुमारी जो कि उमरपोटी की रहने वाली हैं. उनका भी सफल ऑपरेशन किया गया. पेशेंट दिव्या के दोनों स्तन में गांठ होने की वजह से अस्पताल आई . जांच में पता चला कि दिव्या का दिल बायीं ओर न होकर दायीं ओर है. कार्डियोलॉजिस्ट की राय लेने के बाद सावधानी रखते हुए सर्जन डॉ. सरिता मिंज ने ऑपरेशन करने का निर्णय लिया. जिसके बाद सर्जन डॉक्टर सरिता मिंज, एनेस्थीसिया देने वाले डॉ. बंसत चौरसिया और नर्सिंग स्टाफ शीनी चेरियन की मदद से सफल ऑपरेशन किया गया. दोनों ही मरीज ऑपरेशन के बाद स्वस्थ हैं.
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गरीबों का जिला अस्पताल में बढ़ा मुश्किल : जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने अपनी टीम के साथ दोनों मरीजों का सफलता पूर्वक ऑपरेशन कर दोनों मरीजों को नया जीवन दिया है. यह पहला ऐसा मौका था जब दो हाई रिस्क केसेस एक साथ जिला चिकित्सालय में सफलता पूर्वक किए गए.इस केस को सफलता पूर्वक ठीक करने के बाद अब जिला अस्पताल के प्रति गरीब मरीजों का विश्वास और भी ज्यादा बढ़ गया है.