भिलाई: छत्तीसगढ़ में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है. ये गर्मी जितना आम जनमानस को प्रभावित करता है. उतना ही वन्यजीव भी इससे प्रभावित होते हैं. यही कारण है कि भीषण गर्मी में भिलाई मैत्री बाग जू में जानवरों का खासा ख्याल रखा जा रहा है. मैत्री बाग जू प्रबंधन ने वन्यजीवों के शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए व्यापक इंतजाम कर रखा है.
जानवरों के सामने परोसा जा रहा ठंडा मांस: मैत्री बाग चिड़ियाघर में हर दिन सफेद शेरों के केज के चारों ओर पानी का छिड़काव किया जा रहा है. ताकि इनक्लोजर में ठंडकता बनी रहे. साथ ही इन सफेद शेरों के शरीर का तापमान भी नियंत्रित रहे. इतना ही नहीं गर्मी को देखते हुए इन वन्यजीवों के डाइट में भी बदलाव किया गया है. शेरों के साथ ही भालू जैसे जानवरों को ठंडा मांस दिया जा रहा है. ताकि इन पर गर्मी का प्रभाव न पड़े. साथ ही गर्मी में होने वाली बीमारियों से इनका बचाव किया जा सके. इसके लिए विशेष तरह के टाइफा घास से छोटे वन्यजीवों के केज को कवर किया गया है. दिन के समय जब सूर्य की तपिश तेज होती है, तब पानी की बौछार इस घास पर की जाती है. पानी के छिड़काव से देर शाम तक इनक्लोजर ठंडा रहता है.
जानवरों को खिलाया जा रहा फल: मैत्री गार्डन प्रभारी डॉ नवीन जैन ने बताया कि "गर्मी से बचाने के लिए मैत्री गार्डन में मौजूद जानवरों के बैरकों में पानी का छिड़काव किया जा रहा है. जो जानवर खुले में है, उन पर पानी की बौछार की जाती है. साथ ही जानवरों के खाने-पीने का खासा ख्याल रखा जाता है. शेर और भालू जैसे जानवरों को ठंडा मांस दिया जा रहा है. बंदर सहित अन्य जानवरों को भोजन के तौर पर तरबूज-खरबूज दिया जा रहा है. ज्यादा गर्मी होने की वजह से जानवरों को डिहाइड्रेशन की वजह से कई बीमारियां भी होती है. इस पर भी जू प्रबंधन ने खास व्यवस्था की है."
जुगाड़ चटाई दिलाता है गर्मी से राहत: मैत्री गार्डन में शेर के पिंजरे में कई दरवाजा है. गर्म हवा अंदर न जाए उसके लिए प्रबंधन ने घास से जुगाड़ कर चटाई बनाकर दरवाजे और खिड़की पर लगाया है. इस पर समय-समय पर पानी डाला जाता है. इस जुगाड़ चटाई पिंजरे के अंदर ठंडी हवा जाती है. भालू के पिंजरे में छत के ऊपर से पानी का झरना बनाया गया है, जो गर्मी से पिंजरे को ठंडा रखता है. भालू पिंजरे से बाहर आएगा तो पानी से होकर गुजरेगा और इस भीषण गर्मी से राहत मिलेगी.