दुर्ग : भिलाई के मैत्रीबाग चिड़ियाघर में दो माह पूर्व जन्म लिए सफेद बाघ के शावक को आज से केज में छोड़ दिया गया है. रोमा और सुल्तान से जन्मे इस शावक का नाम सिंघम रखा गया है. केज में आने के बाद सिंघम ने आज अपनी मां रोमा के साथ मिलकर ऐसे कई सारे एक्शन दिखाए. जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटकों की भीड़ चिड़ियाघर में लगी. (Singham came to Bhilai Maitri Bagh Zoo)
दो देशों की मिसाल का प्रतीक है मैत्रीबाग : भारत और सोवियत रूस के मैत्री के प्रतीक मैत्रीबाग चिड़ियाघर में एक बार से रौनक दिखाई दी है. व्हाइट टाइगर के कुनबे में इजाफा होने के बाद, जहां जू प्रबंधन में खुशी की लहर है. वहीं पर्यटकों का उत्साह भी दिखाई दे रहा है. इससे पहले 15 अगस्त 2018 को रक्षा और आजाद का जन्म हुआ था. चार साल बाद नन्हे सिंघम के आने के बाद अब इस जू में सफेद शेर की संख्या कुल 7 हो गई है.
कहां से आए सफेद बाघ : सबसे पहले 1997 में तरुण और तापसी के जोड़े को भुवनेश्वर के नंदन कानन से एक्स्चेंज के तहत यहां लाया गया था. इसके बाद इनका परिवार बढ़ता गया. अब तक करीब 19 से 20 शावकों को जन्म हो चुका है. रोमा और सुल्तान से जन्मे भी सिंघम भी इसी परिवार का हिस्सा है. मैत्रीबाग चिड़ियाघर के प्रभारी डॉ नवीन कुमार जैन का कहना है कि '' मैत्रीबाग सफेद बाघ के लिए काफी अनुकूल है. यहां के केज को प्राकतिक रूप प्रदान किया गया है. खान पान का विशेष ध्यान रखा जाता है. वहीं वातावरण चिकित्सा का भी ख्याल रखा जाता है. जिसके कारण बाघों का प्रजनन आसान हो जाता है.''
कब हुआ था सिंघम का जन्म : नन्हे सिंघम का जन्म दो महीने पूर्व हो चुका है. लेकिन इसे बाड़े में आज से छोड़ा गया है. क्योंकि जन्म के बाद यह शावक काफी कमजोर था. जू प्रबंधन को भी इस बात का भय था कि उसकी मां रोमा कहीं उल्टा रिएक्ट कर उसको नुकसान न पहुंचा दे. इसलिए प्रबंधन ने इसके स्वास्थ्य के मद्देनजर इसे मां से अलग कर दिया. सिंघम को आइसोलेट कर विशेष ध्यान रखा गया. अब ये नन्हा सिंघम अपनी मां रोमा के साथ मिलकर पैंतरेबाजी सीख रहा है.Durg bhilai news