दुर्ग : देश की आजादी को 70 साल से ज्यादा बीत चुके हैं, लेकिन आज भी हमारा समाज दकियानूसी सोच का शिकार है. एक तरफ जहां सरकार लोगों से स्वच्छता की मुहिम से जुड़ने की अपील कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर दुर्ग के पाटन गांव में एक परिवार को शौचालय बनवाने की भारी कीमत चुकानी पड़ रही है.
साहू परिवार को शौचालय बनाने की वजह से सामाज ने बहिष्कार कर दिया है. और, ये सब हो रहा है सीएम भूपेश बघेल के विधानसभा क्षेत्र पाटन में. बताया जा रहा है कि गांव के दबंग परिवारों ने इन 16 सदस्यों के परिवार के खिलाफ सामाजिक बहिष्कार का ऐलान किया है, जिसका समर्थन गांव के सभी लोग कर रहे हैं.
इस परिवार की 'गलती' सिर्फ इतनी है कि इसने प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत मिशन के तहत घर के बाहर शौचालय बना लिया. इसकी सजा उस परिवार को सामाजिक बहिष्कार के रुप में मिली. पीड़ित परिवार ने अधिकारियों से गुहार लगाई है. और गांव में बराबरी के हक की मांग की है.
बता दें कि गांव के कुछ दबंग और रसूखदारों ने इनके अधिकारों पर पाबंदी लगा दी है. साहू परिवार का कसूर बस इतना था कि उन्होंने अपने आंगन में गेट और शौचालय का निर्माण कराया था, आरोप है कि गांव के अरुण चंद्राकर, कुंजेश चंद्राकर, शत्रुध्न साहू, नरेश यादव, पुरानिक साहू की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई.
शौचालय का निर्माण वैध
दबंगों ने इस परिवार पर यह आरोप लगाया कि शौचालय का निर्माण शासकीय भूमि पर कराया गया है. इसके बाद पटवारी से लेकर तमाम कानूनी दांव पेच पूरे होने के बाद यह तो साबित हो गया कि शौचालय का निर्माण वैध था. बावजूद सरकारी आदेश को दरकिनार कर अपने आप को गांव के हुक्मरान समझने वाले लोगों ने इस पर निजी आपत्ति दर्ज करते हुए इनका सामाजिक बहिष्कार कर दिया.
बिना वजह लगाया गया अर्थदंड
इस सामाजिक बहिष्कार की कहानी यहीं नहीं खत्म हुई. दंबगों ने इन पर अर्थदंड भी लगा दिया. प्रार्थी परिवार ने दंड का भी भुगतान किया इसके बाद भी प्रताड़ना कम नहीं हुई. गांव के लोगों ने बैठक बुला कर इनके साथ किसी भी तरह की बातचीत करने और लेनदेन के लिए मना कर दिया.
सांसद, विधायक से भी लगा चुके हैं गुहार
पीड़ित परिवार एसपी, कलेक्टर, गृहमंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद समेत सभी के दरवाजे खट्खटा चुका है, लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिला. इस मामले को लेकर जब ETV भारत ने एसएसपी से बात की तो उन्होंने मामले में जांच की बात कही. वहीं एसएसपी ने परिवार के हुक्का पानी बंद करने को लेकर अधिकारियों को जरूरी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
अगर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विधानसभा क्षेत्र में ऐसी घटनाएं हो रही है तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि दूराज के इलाकों में क्या होता होगा. ऐसे में देखना होगा कि साहू परिवार को कब तक न्याय मिल पाता है.