ETV Bharat / state

आखिर क्यों बंद है कबड्डी के धाकड़ खिलाड़ी देने वाला ये मैदान ?

इस्पात नगरी से खेलो इंडिया खेलने वाले खिलाड़ी एक मैदान के लिए जूझ रहे हैं. खिलाड़ियों की मांग है कि जिस स्कूल के मैदान में प्रैक्टिस किया करते थे, उसे दुबारा खोला जाए.

kabaddi-players-demanding-to-open-playground-of-zone-2-khursipar-school-in-bhilai
जोन 2 खुर्सीपार स्कूल का खेल मैदान खोलने की मांग
author img

By

Published : Jan 28, 2021, 11:29 AM IST

Updated : Jan 28, 2021, 11:49 AM IST

दुर्ग/ भिलाई: इस्पात नगरी से हर साल नेशनल खिलाड़ी निकलते रहे हैं. ये खिलाड़ी नेशनल लेवल पर सबसे ज्यादा मेडल भी लेकर आते हैं. इसके बाद भी खिलाड़ियों को संसाधनों की कमी से जूझना पड़ रहा है. भिलाई के खुर्सीपार स्कूल के जिस मैदान की बदौलत 7 कबड्डी खिलाड़ियों ने 'खेलो इंडिया' में जगह बनाई थी, उस मैदान को ही जनभागीदारी समिति ने बंद करवा दिया है. अब खिलाड़ी इस मैदान के लिए अधिकारियों समेत नेताओं के चक्कर काट रहे हैं.

जोन 2 खुर्सीपार स्कूल का खेल मैदान खोलने की मांग

'खेलो इंडिया' में यहां के खिलाड़ियों का हो चुका है चयन

जोन 2 खुर्सीपार स्कूल से हर साल 20 से ज्यादा नेशनल खिलाड़ी निकलते हैं. स्कूल के इस मैदान को तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी आशुतोष चावरे ने 2011-12 में 60 हजार की लागत से तैयार कराया था. उसके बाद से इस मैदान ने प्रदेश को न केवल नेशनल खिलाड़ी दिए बल्कि 7 खिलाड़ियों का इंडिया कैंप के लिए चयन भी हुआ है. इन्हीं में से कुछ खिलाड़ियों ने शहीद पंकज विक्रम अवार्ड भी हासिल किया है. लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि यह अब वैसा मैदान नहीं रहा और ना ही कबड्डी के खिलाड़ियों को प्रैक्टिस की अनुमति मिल रही है.

अधिकारी और जनप्रतिनिधि से लगा चुके गुहार

खेलो इंडिया में चयनित होकर रजक और कांस्य पदक हासिल करने वाली कबड्डी प्लेयर कुमारी संजना बताती हैं कि ग्राउंड शुरू करवाने के लिए अधिकारियों समेत जनप्रतिनिधियों से भी गुहार लगा चुकी हैं. लेकिन अब तक मैदान खिलाड़ियों के लिए खोला नहीं गया. वे कहती हैं कि ग्राउंड बंद होने से प्लेयर्स को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. दूसरे खेलों के खिलाड़ी आगे बढ़ रहे हैं. लेकिन मैदान की कमी की वजह से कबड्डी के प्लेयर्स को मौका नहीं मिल पा रहा है.

प्रदेश से केवल 8 का चयन, जिसमें 7 एक ही स्कूल से

ETV भारत से बात करते हुए कबड्डी की नेशनल प्लेयर संध्या चौहान ने बताया कि 2020 में 'खेलो इंडिया' के लिए प्रदेश से केवल 8 खिलाड़ियों का चयन हुआ था, जिसमें से 7 इसी मैदान से थे. संध्या ने बताया कि अगर मैदान बंद नहीं होता और उनकी प्रैक्टिस अच्छे से होती तो वे गोल्ड मेडल जरूर लाते.

पढ़ें: मुर्गा पार्टी: जल संसाधन विभाग के दफ्तर में जमकर छलका 'त्योहारी जाम'

'कबड्डी की आड़ में होता था अनैतिक काम'

खुर्सीपार शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल की जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष मुरलीधर का कहना है कि यहां कबड्डी की आड़ में अनैतिक काम हुआ करते थे. अध्यक्ष का कहना है कि आए दिन बाहर के खिलाड़ी और कोच आकर शराब पार्टी करते थे. इसके साथ ही एक छात्रा की मौत भी हो गई थी, जिसके बाद समिति ने इसे बंद करने का निर्णय लिया. जनप्रतिनिधियों और DEO को लेटर भेजा गया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर मैदान बंद करने का निर्णय लिया.

'प्रबंधन चाहे तो खेल एक्टिविटी करा सकते हैं'

जिला खेल अधिकारी तनवीर अकील ने बताया कि खुर्सीपार स्कूल की मैदान की जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की है. खेल अधिकारी और स्कूल के प्राचार्य या समिति चाहे तो खेल एक्टिविटी शुरू कर सकते हैं.

कई स्कूलों के खेल मैदान की हालत खराब

जिले में कई स्कूल हैं जिसके मैदान की हालत बेहद खराब है. कुरूद स्कूल में भी हॉकी के खिलाड़ी मुरुम मैदान में प्रैक्टिस करने पर मजबूर हैं, तो वहीं एथलेटिक्स के लिए जिले में एक भी ट्रैक नहीं है. इसके साथ ही दुर्ग जिले में 124 हायर सेकंडरी स्कूल हैं, जिनमें 39 पीटीआई के पद रिक्त हैं.

दुर्ग/ भिलाई: इस्पात नगरी से हर साल नेशनल खिलाड़ी निकलते रहे हैं. ये खिलाड़ी नेशनल लेवल पर सबसे ज्यादा मेडल भी लेकर आते हैं. इसके बाद भी खिलाड़ियों को संसाधनों की कमी से जूझना पड़ रहा है. भिलाई के खुर्सीपार स्कूल के जिस मैदान की बदौलत 7 कबड्डी खिलाड़ियों ने 'खेलो इंडिया' में जगह बनाई थी, उस मैदान को ही जनभागीदारी समिति ने बंद करवा दिया है. अब खिलाड़ी इस मैदान के लिए अधिकारियों समेत नेताओं के चक्कर काट रहे हैं.

जोन 2 खुर्सीपार स्कूल का खेल मैदान खोलने की मांग

'खेलो इंडिया' में यहां के खिलाड़ियों का हो चुका है चयन

जोन 2 खुर्सीपार स्कूल से हर साल 20 से ज्यादा नेशनल खिलाड़ी निकलते हैं. स्कूल के इस मैदान को तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी आशुतोष चावरे ने 2011-12 में 60 हजार की लागत से तैयार कराया था. उसके बाद से इस मैदान ने प्रदेश को न केवल नेशनल खिलाड़ी दिए बल्कि 7 खिलाड़ियों का इंडिया कैंप के लिए चयन भी हुआ है. इन्हीं में से कुछ खिलाड़ियों ने शहीद पंकज विक्रम अवार्ड भी हासिल किया है. लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि यह अब वैसा मैदान नहीं रहा और ना ही कबड्डी के खिलाड़ियों को प्रैक्टिस की अनुमति मिल रही है.

अधिकारी और जनप्रतिनिधि से लगा चुके गुहार

खेलो इंडिया में चयनित होकर रजक और कांस्य पदक हासिल करने वाली कबड्डी प्लेयर कुमारी संजना बताती हैं कि ग्राउंड शुरू करवाने के लिए अधिकारियों समेत जनप्रतिनिधियों से भी गुहार लगा चुकी हैं. लेकिन अब तक मैदान खिलाड़ियों के लिए खोला नहीं गया. वे कहती हैं कि ग्राउंड बंद होने से प्लेयर्स को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. दूसरे खेलों के खिलाड़ी आगे बढ़ रहे हैं. लेकिन मैदान की कमी की वजह से कबड्डी के प्लेयर्स को मौका नहीं मिल पा रहा है.

प्रदेश से केवल 8 का चयन, जिसमें 7 एक ही स्कूल से

ETV भारत से बात करते हुए कबड्डी की नेशनल प्लेयर संध्या चौहान ने बताया कि 2020 में 'खेलो इंडिया' के लिए प्रदेश से केवल 8 खिलाड़ियों का चयन हुआ था, जिसमें से 7 इसी मैदान से थे. संध्या ने बताया कि अगर मैदान बंद नहीं होता और उनकी प्रैक्टिस अच्छे से होती तो वे गोल्ड मेडल जरूर लाते.

पढ़ें: मुर्गा पार्टी: जल संसाधन विभाग के दफ्तर में जमकर छलका 'त्योहारी जाम'

'कबड्डी की आड़ में होता था अनैतिक काम'

खुर्सीपार शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल की जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष मुरलीधर का कहना है कि यहां कबड्डी की आड़ में अनैतिक काम हुआ करते थे. अध्यक्ष का कहना है कि आए दिन बाहर के खिलाड़ी और कोच आकर शराब पार्टी करते थे. इसके साथ ही एक छात्रा की मौत भी हो गई थी, जिसके बाद समिति ने इसे बंद करने का निर्णय लिया. जनप्रतिनिधियों और DEO को लेटर भेजा गया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर मैदान बंद करने का निर्णय लिया.

'प्रबंधन चाहे तो खेल एक्टिविटी करा सकते हैं'

जिला खेल अधिकारी तनवीर अकील ने बताया कि खुर्सीपार स्कूल की मैदान की जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की है. खेल अधिकारी और स्कूल के प्राचार्य या समिति चाहे तो खेल एक्टिविटी शुरू कर सकते हैं.

कई स्कूलों के खेल मैदान की हालत खराब

जिले में कई स्कूल हैं जिसके मैदान की हालत बेहद खराब है. कुरूद स्कूल में भी हॉकी के खिलाड़ी मुरुम मैदान में प्रैक्टिस करने पर मजबूर हैं, तो वहीं एथलेटिक्स के लिए जिले में एक भी ट्रैक नहीं है. इसके साथ ही दुर्ग जिले में 124 हायर सेकंडरी स्कूल हैं, जिनमें 39 पीटीआई के पद रिक्त हैं.

Last Updated : Jan 28, 2021, 11:49 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.