दुर्ग: कोरोना ने देश के हर कोने में डर और उदासी फैला दी है. लेकिन हर रोज उम्मीद की कोई न कोई किरण नजर आती है, जो हौसला देती है कि लड़ेंगे तो जीतेंगे. दुर्ग जिले की धमधा तहसील में पदस्थ नायब तहसीलदार हुलेश्वर पटेल से मिलकर भी आपके मन में ताकत पैदा होगी और वैक्सीन पर विश्वास ज्यादा पुख्ता हो जाएगा.
हुलेश्वर पटेल कहते हैं 'साल 2020 के मार्च महीने में जब कोविड-19 महामारी आई तब मैंने दुर्ग जिले में नायब तहसीलदार के पद पर ज्वॉइन किया. मैंने सैकड़ों डॉक्टर्स और स्वास्थ्यकर्मियों को इस वायरस से लड़ते हुए करीबी से देखा. क्योंकि मैं भी फ्रंट लाइन वर्कर्स में शामिल था. लिहाजा कोरोना वैक्सीन पहले मिली. मुझे 12 फरवरी 2021 को पहली और 18 मार्च को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगी. सब सामान्य चल रहा था लेकिन 29 मार्च को होली के दिन ड्यूटी के बाद थकान लगी. 30 मार्च को जब सोकर उठा तो ठीक था लेकिन शाम तक तबीयत बिगड़ने लगी.'
सरगुजा की लैब में पेंडिंग बढ़ने से नहीं हो रहा RT PCR टेस्ट
डॉक्टर की सलाह पर करते रहे काम
'31 मार्च की सुबह मुझे फीवर महसूस हुआ. मैं बेफिक्र था कि वैक्सीन के बाद कोविड नहीं होगा, लेकिन फिर भी पत्नी के साथ टेस्ट करा लिया. 4 अप्रैल को रिपोर्ट पॉजिटिव आई. फौरन डॉक्टर से एडवाइस लेकर खुद को आइसोलेट किया और चेस्ट का सीटी स्कैन कराया. सीटी स्कोर बहुत कम आया. होम आइसोलेशन में ही रहकर डॉक्टर की बताई सलाह पर अमल करना शुरू किया. सबसे अच्छी बात ये रही कि मेरी पत्नी की रिपोर्ट निगेटिव रही.'
लोगों से कोरोना का टीका लगवाने की अपील
नायब तहसीलदार हुलेश्वर पटेल ने ETV भारत के जरिए लोगों से अपील की है कि अधिक से अधिक संख्या में लोग कोरोना का टीका लगवाने आएं. वे कहते हैं कि वैक्सीन के बाद कोरोना हो भी जाए तो उससे लड़ने में मदद मिलती है.