दुर्ग: गुरुवार को अम्लेश्वर थाना पुलिस ने नौकरी देने के नाम पर धोखाधड़ी के मामले में बड़ी कार्रवाई की है. प्रार्थी के शिकायत पर पुलिस ने रायपुर के ग्रीन अर्थ सिटी में रहने वाले मिलाप लहरे समेत परिवार के 4 सदस्यों के खिलाफ नौकरी लगाने के नाम धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर आरोपियों की धर पकड़ शुरु की. इस दौरान आरोपियों ने पुलिस से बचने की भी कोशिश की, लेकिन पुलिस ने चोरों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
7 बेरोजगारों से करोड़ों की ठगी: आरोपियों ने पुछताछ में बताया कि "शासकीय विभागों में नौकरी लगाने के नाम पर 7 युवक-युवतियों से करीब 1 करोड़ 81 लाख लिए थे. पैसे वापस मांगने पर गाली गलौज करते हुए धमकी देते थे. जिसके बाद आरोपी लंबे समय से फरार चल रहे थे. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी के मामला दर्ज किया और खोजबीन कर 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
सरकारी नौकरी दिलाने का देते थे झांसा: प्रार्थी ने पुलिस को बताया कि उसके सगे साढू भाई के जीजा और उसके परिवार वालों ने मिलकर शासकीय विभाग में नौकरी लगाने का झांसा दिया. जिनके बातों में आकर उसके छोटे भाई और रिश्तेदार से करोड़ों की ठगी की गई है. धोखाधड़ी में मिलाप लहरे, पत्नी पूर्णिमा लहरे, पुत्र यशवंत लहरे और गजेन्द लहरे शामिल हैं. उन्होंने अभनपुर के 7 बेरोजगारों से सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर करोड़ों रुपए ले लिए. लेकिन पैसे लेने के बाद भी नौकरी नहीं लगाई.
धोखाधड़ी कर बांटा फर्जी नियुक्ति पत्र: आरोपियों ने कुछ लोगों को नियुक्ति पत्र भी दिए थे. नियुक्ति पत्र पाने वाले बेरोजगारों ने जब संबंधित विभाग में जाकर पता किया, तो वह नियुक्ति पत्र फर्जी निकली. जिसके बाद इस पूरे मामले का उजागर हुआ. जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ अभनपुर थाना में मामला दर्ज कराया गया.
"एक ही परिवार के 4 सदस्यों को धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपी में मिलाप लहरे, पूर्णिमा लहरे, यशवंत लहरे और गजेन्द्र लहरे शामिल हैं. सभी आरोपियों ने नौकरी लगाने के नाम पर धोखाधड़ी करना स्वीकार किया है. आरोपियों को लंबे समय से पुलिस तलाश कर रही थी. आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया है." - देवांश राठौर, एसडीओपी
इन विभागों में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी: आरोपियों ने नायकबांधा के रहने वाले 7 युवक और युवतियों को नौकरी लगाने के लिए लाखों रुपए लिये थे. जिसमे मुकेश देशलहरे को जल संसाधन विभाग में उप अभियंता के पद पर नौकरी लगाने के नाम पर 35 लाख, यशवंत देशलहरे को शिक्षा विभाग में लैब टेक्नीशियन पद के लिए 25 लाख, झम्मन देशलहरे को शिक्षा विभाग में लैब टेक्नीशियन पद के लिए 25 लाख, नुनकरण कोसले को राजस्व विभाग में पटवारी पद के लिए 30 लाख, कुमारी चंद्रकला को महिला एवं बाल विकास विभाग में पर्यवेक्षक पद पर नौकरी के लिए 17 लाख 50 हजार, कंचन बंजारे को महिला एवं बाल विकास विभाग में पर्यवेक्षक पद के लिए 18 लाख और रेणुका गजेंद्र को शिक्षा विभाग में व्याख्याता पद पर नौकरी लगाने के नाम 20 लाख 50 हजार रुपए लिए हैं. आरोपियों ने सभी से कुल 1 करोड़ 81 लाख रुपए लेकर धोखाधड़ी की.