दुर्ग: छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित दुर्ग जिले में मिल रहे हैं. जो आंकड़े सामने आ रहे हैं वह चौकाने वाले हैं. ऐसे में प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है. दुर्ग कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने मंगलवार को निजी अस्पताल संचालकों की बैठक ली. इस दौरान निजी अस्पताल संचालकों को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि अपने अस्पतालों में कोविड के इलाज को लेकर रेट लिस्ट चस्पा करें. मरीज के परिजनों से नियमित काउंसिलिंग करते रहें. यदि कोई ऐसा इलाज आरंभ कर रहे हैं जिसमें लागत ज्यादा आने की आशंका है, तो इससे मरीज के परिजनों को अवगत कराएं. कोविड की स्थिति को देखते हुए अनिवार्य रूप से आइसोलेशन बेड रखें. कोविड के संदिग्ध मरीज को अपनी सेवाएं देने से इंकार न करें.
प्राइवेट अस्पताल दें सहयोग
बैठक के दौरान कलेक्टर ने कहा कि जिले में कोविड के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए यह जरुरी है कि कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में प्राइवेट अस्पताल भी अपनी पूरी ऊर्जा लगाएं. इसके लिए अपने अस्पताल में सबसे बेहतर इलाज की सुविधा सुनिश्चित करें. इसके साथ ही निजी अस्पतालों को लेकर जो कोरोना गाइडलाइन है उसका पालन करें. हॉस्पिटल में इलाज के लिए रेट लिस्ट चस्पा कर दें. ताकि मरीज के परिजनों को किसी तरह की दुविधा न हो. कलेक्टर ने कहा कि सामान्य बीमारियों के मरीज भी अस्पतालों में आते रहते हैं. यह सुनिश्चित करें कि उनका इलाज भी भलीभांती होता रहे और उनके इलाज में किसी तरह की बाधा न आए.
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प्रारंभिक इलाज के नहीं करना है रेफर
अस्पताल में जो भी आता है उसे बिना प्रारंभिक इलाज के रेफर नहीं करना है. प्रारंभिक इलाज के बाद स्टेबल होने के बाद ही मरीज को रेफर करना है. इसके लिए नोडल अधिकारी नियमित रूप से अस्पताल प्रशासन के संपर्क में रहेंगे. कलेक्टर ने निजी अस्पताल के प्रबंधकों से कहा कि मरीजों को हर संभव इलाज देने की कोशिश करें. जितनी गहन मॉनिटरिंग हो सकेगी, डेथ रेट को कम करने में उतनी ही मदद मिलेगी.
नोडल अधिकारियों को दिए निर्देश
बैठक में कलेक्टर ने नोडल अधिकारियों को भी निर्देशित किया. उन्होंने कहा कि आपकी जिम्मेदारी होगी कि इन निजी अस्पताल के प्रबंधन के साथ समन्वय स्थापित कर नागरिकों के लिए पारदर्शी सिस्टम और अच्छा इलाज मुहैया कराएं. बैठक में अपर कलेक्टर बीबी पंचभाई सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे.