दुर्ग: पुरई गांव के बच्चे विभिन्न खेलों में अपना परचम लहरा रहे हैं और गांव के ही तालाब में तैराकी की प्रैक्टिस कर बेहतर प्रदर्शन भी कर रहे हैं. इस छोटे से गांव की ही, गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली चंद्रकला ओझा नया कीर्तिमान रचने के लिए इन दिनों कड़ी मेहनत कर रहीं हैं. 9 अप्रैल के दिन चंद्रकला सुबह पांच से दोपहर एक बजे तक यानी लगातार 8 घंटे तक तैरकर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराएंगी. इससे पहले 6 घंटे तक तैरने का रिकाॅर्ड दर्ज है, जिसे तोड़ेने के लिए चंद्रकला रोजाना कोच ओम ओझा की निगरानी में सुबह, शाम 6 से 7 घंटे तैरने की प्रैक्टिस कर रहीं हैं.
भाई बहन को देखकर स्विमर बनने का देखा सपना: चंद्रकला के बड़े परिवार में 20 से ज्यादा भाई बहन स्विमर हैं, जिन्हें देखकर ही उसने भी तैराकी को चुना. महज 6 साल की छोटी सी उम्र में पहली बार चंद्रकला तैराकी के लिए स्विमिंग पूल में उतरीं. घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. ऐसे में चंद्रकला की डाइट का खर्चा फ्लोटिंग विंग्स स्विमिंग एकेडमी उठा रही है.
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चंद्रकला पर टिकी निगाहें: चंद्रकला ओझा फ्लोटिंग विंग्स स्विमिंग एकेडमी से जुड़कर अभ्यास कर रही हैं. गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम शामिल कराने के लिए इन दिनों कड़ी मेहनत कर रहीं हैं. 2019 में वह, गुजरात में ओलंपिक की तैयारी में लगी हुई थीं, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते लगे लॉकडाउन की वजह से चन्द्रकला को वापस घर लौटना पड़ा था. स्कूल स्टेट चैंपियनशिप में तीन गोल्ड मेडल के साथ ही चन्द्रकला ने ओपन स्टेट जूनियर तैराकी चैंपियनशिप में 3 गोल्ड और 3 सिल्वर मेडल जीते हैं.