दुर्ग: छत्तीसगढ़ में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. दुर्ग में भयावह स्थिति बनी हुई है. आलम यह है कि अस्पतालों में जगह कम पड़ गई है. राजधानी रायपुर के बाद दुर्ग प्रदेश का दूसरा जिला है, जहां सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज (corona infected patients)हैं.
बैड नसीब नहीं, जमीन पर इलाज
दुर्ग जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों के साथ ही मौत के आंकड़े भी बढ़ते जा रहे हैं. दुर्ग जिला अस्पताल की मर्च्यूरी से भयावह तस्वीर सामने आईं हैं. बढ़ती मरीजों की संख्या के चलते अस्पताल में जगह कम पड़ गई है. गंभीर मरीजों को अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड भी नहीं मिल रहे हैं. मरीजों का इलाज जमीन पर किया जा रहा है. कई मरीज इलाज के अभाव में तड़पते दिखाई पड़े. अव्यवस्था का आलम ऐसा है कि मरीजों को स्ट्रैचर तक नहीं मिल पा रहा है.
एक बेटे का दर्द सुनिए
एक शख्स के मुंह में ऑक्सीजन लगा हुआ था. वह तड़प रहा था. इसी बीच बेटा वहां पहुंचा. पिता को तड़पता देख उसने हौसला बढ़ाया. पिता से धीरज बनाए रखने की बात कही. अस्पताल में मरीजों की संख्या इतनी ज्यादा है कि स्टाफ भी कम पड़ रहा है. कई बार मरीज की ये तड़प नजरअंदाज भी की जी रही है. हालांकि इस मरीज के बेटे की घंटों की मशक्कत के बाद पिता को किसी तरह कोविड केयर सेंटर भेजा गया.
दुर्ग में कोरोना संक्रमित वीडियो जर्नलिस्ट की मौत
अस्पताल की स्थिति भयावह !
दुर्ग जिले के 22 सरकारी और निजी कोविड-19 अस्पताल है. जहां ना ऑक्सीजन बेड खाली है, ना ही वेंटिलेटर उपलब्ध है. मरीजों की हालत बिगड़ रही है. लगातार मौत के आंकड़े बढ़ रहे हैं. मरीजों को समय पर वेंटिलेटर उपलब्ध नहीं हो पा रहा. जिले में 5 सरकारी और 17 निजी कोविड अस्पतालों में महज 706 ऑक्सीजन बेड है, 89 वेंटिलेटर है. सभी फुल हो चुके हैं.
1 अप्रैल से अबतक कोरोना का आंकड़ा
- 1 अप्रैल – 996 केस – 7 मौतें
- 2 अप्रैल – 964 केस- 7 मौतें
- 3 अप्रैल - 857 केस-10 मौतें
- 4 अप्रैल- 995 केस-10 मौतें
- 5 अप्रैल-1169 केस-6 मौतें
- 6 अप्रैल- 1838 केस-9 मौतें
- 7 अप्रैल-1664 केस-6 मौतें
- 8 अप्रैल- 2132 केस-19 मौतें
- 9 अप्रैल- 1786 केस-21 मौतें
- 10 अप्रैल – 2272केस – 27 मौतें
- 11 अप्रैल – 1651 केस – 26 मौतें
एक नजर में देखें दुर्ग जिले की स्थिति
- दुर्ग में लॉकडाउन- 6 से 14 अप्रैल तक
- कोरोना से मौत- 939
- एक्टिव केस- 16758
- दुर्ग की आबादी करीब 20 लाख
- निजी और शासकीय अस्पतालों में कुल 1483 बेड, 706 ऑक्सीजन बेड और वेंटिलेटर 89
- पाटन में 25 नए ऑक्सीजन बेड बनाने की तैयारी
- जिले में 60 से ज्यादा कंटेनमेंट जोन
- जिले में पेट्रोल पंप, LPG गैस, ATM, दवाई दुकानें हैं खुली
- दुर्ग में दवाइयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध
- शहर में 4 मुक्तिशाम, रोजाना जल रही लाशें