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लोगों के लिए जानलेवा न हो जाए ड्रग विभाग की ये लापरवाही, कबाड़ में बदल सकती है मशीन

जिन दवाईयों को उपयोग से पहले एक निर्धारित तापमान में कोल्ड रूम में रखना अनिवार्य होता है, वही कोल्ड रूम बीते डेढ़ साल से खराब पड़ा है.

कबाड़ में बदल सकती है मशीन
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Published : Jun 1, 2019, 2:16 PM IST

दुर्ग: जिले में ड्रग विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिन दवाईयों को उपयोग से पहले एक निर्धारित तापमान में कोल्ड रूम में रखना अनिवार्य होता है, वही कोल्ड रूम बीते डेढ़ साल से खराब पड़ा है. अधिकारी इन जीवन रक्षक दवाओं को निजी कोल्ड स्टोरेज में रखवा रहे हैं जहां तापमान का कोई मापदंड तय नहीं है.

कबाड़ में बदल सकती है मशीन

दरअसल जिले में साल 2016 में करोड़ो रुपए की लागत से एक ड्रग वेयर हाउस निर्माण किया गया था. यहां कुछ महत्वपूर्ण दवाओं को एक निश्चित तापमान में ठंडे स्थान पर रखने के लिए लाखों रुपए खर्च कर कोल्ड स्टोरेज मशीन लगाई गई थी. लेकिन कुछ दिन काम करने के बाद मशीन खराब हो गई.

निजी कोल्ड स्टोरेज का सहारा
कोल्ड स्टोरेज के खराब होने के बाद विभाग ने इसका दूसरा उपाय भी खोज निकाला और निजी कोल्ड स्टोरेज की शरण ले ली. आपको बता दें कि इस ड्रग वेयर हॉउस में दुर्ग जिले के अलावा बेमेतरा और बालोद जिले की भी शासकीय दवाईयों को रखा जा रहा है. इनमें एलोपैथिक, आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी दवाएं शामिल हैं.

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी मशीन
ड्रग वेयर हॉउस की प्रभारी महिमा दुबे की मानें तो कोल्ड स्टोरेज महज कुछ महीने चलने के बाद ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया और खराब हो गया. इसके चलते विभाग अतिमहत्वपूर्ण दवाओं को निजी कोल्ड स्टोरेज में सुरक्षित रखने की दुहाई दे रहा है. इन दवाओं को रखने की एवज में हर महीने हजारों रुपए किराये के रूप में निजी कोल्ड स्टोरेज को अदा करना पड़ता है.

अधिकारियों ने नहीं किया सुधार
ड्रग वेयर हॉउस की प्रभारी ने कई बार इसकी जानकरी उच्च अधिकारियों को दी. लेकिन इसके बाद भी अभी तक कोल्ड स्टोरेज मशीन में सुधार नहीं किया गया है. मशीन वर्तमान में महज एक आलमारी का काम कर रही है. यदि कोल्ड स्टोरेज को जल्द से जल्द ठीक नहीं किया गया तो वो दिन दूर नहीं जब लाखों की ये मशीन कबाड़ में तब्दील हो जाएगी. जिला ड्रग वेयर हाउस विभाग के पास संसाधन होने के बावजूद निजी कम्पनियों पर जनता का पैसा बेवजह फूंका जा रहा है.

दुर्ग: जिले में ड्रग विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिन दवाईयों को उपयोग से पहले एक निर्धारित तापमान में कोल्ड रूम में रखना अनिवार्य होता है, वही कोल्ड रूम बीते डेढ़ साल से खराब पड़ा है. अधिकारी इन जीवन रक्षक दवाओं को निजी कोल्ड स्टोरेज में रखवा रहे हैं जहां तापमान का कोई मापदंड तय नहीं है.

कबाड़ में बदल सकती है मशीन

दरअसल जिले में साल 2016 में करोड़ो रुपए की लागत से एक ड्रग वेयर हाउस निर्माण किया गया था. यहां कुछ महत्वपूर्ण दवाओं को एक निश्चित तापमान में ठंडे स्थान पर रखने के लिए लाखों रुपए खर्च कर कोल्ड स्टोरेज मशीन लगाई गई थी. लेकिन कुछ दिन काम करने के बाद मशीन खराब हो गई.

निजी कोल्ड स्टोरेज का सहारा
कोल्ड स्टोरेज के खराब होने के बाद विभाग ने इसका दूसरा उपाय भी खोज निकाला और निजी कोल्ड स्टोरेज की शरण ले ली. आपको बता दें कि इस ड्रग वेयर हॉउस में दुर्ग जिले के अलावा बेमेतरा और बालोद जिले की भी शासकीय दवाईयों को रखा जा रहा है. इनमें एलोपैथिक, आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी दवाएं शामिल हैं.

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी मशीन
ड्रग वेयर हॉउस की प्रभारी महिमा दुबे की मानें तो कोल्ड स्टोरेज महज कुछ महीने चलने के बाद ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया और खराब हो गया. इसके चलते विभाग अतिमहत्वपूर्ण दवाओं को निजी कोल्ड स्टोरेज में सुरक्षित रखने की दुहाई दे रहा है. इन दवाओं को रखने की एवज में हर महीने हजारों रुपए किराये के रूप में निजी कोल्ड स्टोरेज को अदा करना पड़ता है.

अधिकारियों ने नहीं किया सुधार
ड्रग वेयर हॉउस की प्रभारी ने कई बार इसकी जानकरी उच्च अधिकारियों को दी. लेकिन इसके बाद भी अभी तक कोल्ड स्टोरेज मशीन में सुधार नहीं किया गया है. मशीन वर्तमान में महज एक आलमारी का काम कर रही है. यदि कोल्ड स्टोरेज को जल्द से जल्द ठीक नहीं किया गया तो वो दिन दूर नहीं जब लाखों की ये मशीन कबाड़ में तब्दील हो जाएगी. जिला ड्रग वेयर हाउस विभाग के पास संसाधन होने के बावजूद निजी कम्पनियों पर जनता का पैसा बेवजह फूंका जा रहा है.

Intro:लाखो करोड़ो रुपये खर्च कर सरकारी दवाखानो के जरिये निशुल्क वितरण किये जाने वाली दवाओं को सुरक्षित रखने में कितनी बड़ी लापरवाही बरती जा रही है या यू कहे की बेतरतीब रखने की वजह से लोगो की जान के साथ खिलवाड़ खुद स्वास्थ्य विभाग का एक विंग कई वर्षों से कर रहा है,,,जी हां यह बड़ी लापरवाही कही और नही बल्कि प्रदेश के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के गृह जिले में विगत डेढ़ वर्षो से जारी है.....मामला इसलिए और भी गंभीर है क्योंकि जिन दवा को उपयोग से पूर्व तक एक निर्धारित तापमान में कोल्ड रूम में रखना अनिवार्य होता है वह पिछले डेढ़ वर्षो से खराब पड़ा है... अधिकारी इन जीवन रक्षक दवाओं को निजी कोल्ड स्टोरेज में रखवा रहे है जहां तापमान का कोई मापदंड ही तय नही है......Body:वीओ_दरअसल दुर्ग जिले में वर्ष 2016 में करोड़ो रूपये की लागत से 11 हजार 5 सौ स्क़वेयर फिट सरकारी जगह पर छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कारपोरेशन लिमिटेड का एक ड्रग वेयर हाउस निर्माण किया गया....इस वेयर हाउस में दवाओ को सुरक्षित रखने लाखो रुपये खर्च कर व्यवस्था भी की गई....इसी वेयर हाउस में कुछ महत्वपूर्ण दवा जिन्हें एक निश्चित तापमान में ठंडे स्थान पर रखने लाखो रूपये खर्च कर कोल्ड स्टोरेज मशीन लगाया गया है लेकिन कुछ दिन काम करने के बाद मशीन ख़राब हो गई ...जो अब महज सामान्य आलमारी के रूप काम कर रही है ...कोल्ड स्टोरेज के खराब होने के बाद विभाग ने इसका दूसरा उपाय भी खोज निकाला और निजी कोल्ड स्टोरेज की शरण ले ली... आपको बता दे कि इस ड्रग वेयर हॉउस में दुर्ग जिले की शासकीय दवाईयों को सुरक्षित रखने के लिया निर्माण किया गया है लेकिन इस वेयर हॉउस में दुर्ग जिले के अलावा बेमेतरा और बालोद जिले की भी शासकीय दवाईयों को रखा जा रहा है.....जिसमे एलोपैथिक,आयुर्वेदिक,होम्योपैथिक और यूनानी दवाएं शामिल है....कुछ खास दवाओं को उपयोग में लाने तक ठंडे स्थान पर रखना अनिवार्य होता है जिसका तापमान 2 डिग्री से 8 डिग्री सेल्सियस तक होता है...जबकि निजी कोल्ड स्टोरेज इन मानकों पर कितना खरा है इसकी जांच पड़ताल करने पर ही साफ होगी...ड्रग वेयर हॉउस की प्रभारी की माने तो वेयर हॉउस के निर्माण पिछले 3 साल पहले हुआ है कोल्ड स्टोरेज महज कुछ माह चलने के बाद ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ ख़राब हो गया है जिसके चलते विभाग अतिमहत्वपूर्ण दवाओं को निजी कोल्ड स्टोरेज में सुरक्षित रखने की दुहाई दे रहा है इन दवाओं को रखने की एवज में प्रतिमाह हजारो रूपये किराये के रूप में निजी कोल्ड स्टोरेज को अदा करना पड़ता है ड्रग वेयर हाउस प्रभारी महिमा दुबे ने कोल्ड स्टोरेज की खराब होने की जानकरी उच्च अधिकारियो को लगातार देने की बात भी कह रही है उसके बाद भी अभी तक कोल्ड स्टोरेज मशीन को सुधार नही किया गया है...कोल्ड स्टोरेज मशीन वर्तमान में महज एक आलमारी का काम कर रही है इसी तरह अगर कोल्ड स्टोरेज को जल्द से जल्द सुधार कार्य नही किया तो वो दिन दूर नही जब लाखो की कोल्ड स्टोरेज मशीन कबाड़ में तब्दील हो जाये ...जिला ड्रग वेयर हाउस विभाग के पास संसाधन होने के बावजूद निजी कम्पनियों पर जनता का पैसा बेवजह फुका जा रहा है ...



बाईट_महिमा दुबे ,सहायक प्रबंधक,CGMSC,दुर्ग



कोमेन्द्र सोनकर,दुर्गConclusion:
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