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हरेली तिहार 2022: हरेली पर छत्तीसगढ़ में गौमूत्र खरीदी की शुरुआत करेंगे सीएम बघेल

छत्तीसगढ़ में हरेली तिहार की रौनक देखते ही बन रही ( Cow urine purchase scheme in Chhattisgarh) है. हरेली तिहार 2022 के मौके पर सीएम भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ में गौमूत्र खरीदी योजना की शुरुआत ( Cow urine purchase scheme in Chhattisgarh on Hareli Tihar) करेंगे. दुर्ग के पाटन के करसा गांव से गौमूत्र खरीदी योजना की शुरुआत (Hareli Tihar 2022) होगी. गौमूत्र खरीदी योजना गोधन न्याय योजना के तहत शुरू किया जा (CM Bhupesh Baghel inaugurate cow urine purchase scheme) रहा है.

Hareli Tihar 2022
हरेली तिहार 2022
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Published : Jul 27, 2022, 6:19 PM IST

दुर्ग/रायपुर: हरेली पर्व के अवसर पर छत्तीसगढ़ में गौमूत्र खरीदी योजना की शुरुआत होगी. सीएम भूपेश बघेल दुर्ग के पाटन से इस योजना की शुरुआत ( Cow urine purchase scheme in Chhattisgarh) करेंगे. छत्तीसगढ़ में पहली बार गौमूत्र की खरीदी हो रही ( Cow urine purchase scheme in Chhattisgarh on Hareli Tihar) है. सीएम भूपेश बघेल दुर्ग के करसा गांव से गोधन न्याय योजना के इस नए योजना को आगे बढ़ाते हुए गौमूत्र खरीदी योजना की शुरुआत करेंगे. बघेल सरकार गौपालकों से चार रुपये प्रति लीटर में गौमूत्र की खरीदी कर (Hareli Tihar 2022) रही है. हरेली के मौके पर होने वाली इस खरीदी से प्रदेश के गौवंशपालकों को आर्थिक रूप से बड़ी मजबूती मिलेगी. दुर्ग में जैसे ही सीएम गौमूत्र की खरीदी करेंगे उसके बाद पूरे प्रदेश में यह योजना विधिवत लॉन्च हो जाएगी. रायपुर जिले में गोमूत्र की खरीदी की शुरुआत अभनपुर विकासखंड के नवागांव और आरंग विकासखंड के ग्राम बड़गांव के गौठान से (CM Bhupesh Baghel inaugurate cow urine purchase scheme) होगी

पशुधन के विकास में पशुपालकों को मिलेगी मदद: अब तक किसान गोबर का विक्रय करते आये थे. अब गोमूत्र भी बेचने से उनकी आय में इजाफा होगी. इससे पशुधन विकास के कार्य को बढ़ावा मिलेगा. इस मौके पर करसा में कृषि सम्मेलन का आयोजन भी किया गया है. यहां नये कृषि उपकरणों की लॉन्चिंग होगी. खेती किसानी के लिए उपयोगी कृषि प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी. मुख्यमंत्री किसानों से खेती किसानी के बारे में बातचीत करेंगे और उनका सम्मान भी करेंगे. 20 जुलाई 2020 को ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हरेली पर्व के अवसर पर ही गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी की शुरूआत की थी.

सीएम हेलीपेड से बैलगाड़ी में बैठकर कार्यक्रम स्थल तक पहुंचेंगे: हर साल की तरह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने विधानसभा क्षेत्र पाटन में इस बार भी हरेली के पर्व पर पहुंचेंगे. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हेलीपेड से पूजा स्थल तक बैलगाड़ी से जाएंगे और गौमाता की पूजा करेंगे. साथ ही परंपराओं के अनुसार कृषि यंत्रों की भी पूजा करेंगे. साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद कृषि यंत्र से पैरा काटकर गायों को खिलाएंगे. आपको बता दें कि पिछले साल भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने विधानसभा क्षेत्र पाटन में बैलगाड़ी से पूजा स्थल पर पहुंचे थे और यहां उन्होंने पारंपरिक रूप से पूजा अर्चना की थी. इसी दिन से गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी की भी शुरुआत की थी.

ये भी पढ़ें: हरेली तिहार से गौमूत्र खरीदेगी छत्तीसगढ़ सरकार


मुख्यमंत्री गेड़ी प्रतियोगिता में होंगे शामिल: सीएम भूपेश बघेल हरेली तिहार पर गेड़ी प्रतियोगिता में शामिल होंगे. हरेली तिहार पर छत्तीसगढ़ में खेलों का दिन होता है. इस मौके पर छोटे बच्चे गेड़ी पर चढ़ते हैं और बड़े बुजुर्ग भी गेड़ी की सवारी करते हैं. इस दिन करसा में गेड़ी प्रतियोगिता भी होगी और इसके विजेताओं को सम्मानित भी किया जाएगा. इस मौके पर गेड़ी रेस, भौंरा, पिट्ठूल, कंचा, पतंग, गोली चम्मच, खोखो, रस्सा खींच, तिग्गा गोटी और गिल्ली डंडा जैसे खेलों का आयोजन भी किया जाएगा.


सीएम विकासकर्यो का भी करेंगे शुभारंभ और भूमिपूजन: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पाटन ब्लॉक के करसा में साढ़े तीन करोड़ की लागत से बनी मुक्तिधाम मार्ग का लोकार्पण करेंगे वही ग्राम करसा और घुघवा में बीएसपी के द्वारा बनाए जाने वाला सामुदायिक समरसता भवन का भूमिपूजन सीएम भूपेश बघेल करेंगे.

दो साल पहले हुई थी गोधन न्याय योजना की शुरुआत: करीब 2 साल पहले 20 जुलाई 2020 को गोधन न्याय योजना की शुरुआत हरेली के पर्व से हुई थी. इसके तहत गौठानों में पशुपालकों से दो रुपये प्रति किलो के दर से गोबर की खरीदी की जा रही है. देश-दुनिया में गोबर की खरीदी की अभिनव योजना की सफलता ही इसका आधार बनी है. गोबर खरीदी के जरिए बड़े पैमाने पर जैविक खाद का निर्माण और उसके उपयोग के उत्साहजनक परिणामों को देखते हुए अब गोमूत्र की खरीदी कर इससे कीट नियंत्रक उत्पाद ,जीवामृत ,ग्रोथ प्रमोटर बनाए जाएंगे. ताकि राज्य के किसानों को महंगे रासायनिक कीटनाशकों के बदले सस्ते दर पर जैविक कीटनाशक उपलब्ध हो सके . इसके पीछे मकसद यह भी है कि खाद्यान्न उत्पादन की विषाक्तता को कम करने के साथ ही खेती की लागत को भी कम किया जा सके.

खेती किसानी को रासायनिक खादों से बचाना है मकसद: अंधाधुंध रासायनिक खादों एवं रासायनिक कीटनाशकों का खेती में उपयोग होने से खाद्य पदार्थों की पौष्टिकता खत्म हो रही है. भूमि की उर्वरा शक्ति घट रही है. खाद्य पदार्थों में विषाक्तता की मात्रा बढ़ रही है ,जिसके कारण जन जीवन के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. अब गौठनों में गोमूत्र की खरीदी कर प्रशिक्षित महिला समूह के माध्यम से इससे कीटनाशक उत्पाद, जीवामृत आदि तैयार किए जाएंगे. जिसे किसानों को रियायती दर पर उपलब्ध कराया जाएगा. इन जैविक कीटनाशकों की कीमत बाजार में मिलने वाले महंगे रासायनिक कीटनाशक पेस्टिसाइड की कीमत से काफी कम होगी . कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि गोमूत्र कीटनाशक रासायनिक कीटनाशक का बहुत ही बेहतर और सस्ता विकल्प है. इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता, रासायनिक कीटनाशक से कई गुना अधिक होती है. खेतों में इसके छिड़काव से सभी प्रकार के कीटों के नियंत्रण में मदद मिलती है.

ये भी पढ़ें: नीति आयोग टीम ने छत्तीसगढ़ के विकास कार्यों को सराहा, कहा गोधन न्याय योजना शुरू करने वाला देश का पहला राज्य छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में लगातार हो रहा गौठानों का विकास: सुराजी गांव योजना के गरवा कार्यक्रम के तहत राज्य के 8408 गांव में गौठान बन गए हैं. जहां पशुओं के देखरेख चारा- पानी का निशुल्क प्रबंध है. इन गौठनों में गोधन न्याय योजना के तहत बीते 2 सालों से गोबर की खरीदी की जा रही है. जिससे महिला समूह जैविक खाद एवं अन्य उत्पाद तैयार कर रही हैं. राज्य में बीते 2 सालों में 76 लाख क्विंटल से अधिक की गोबर खरीदी की गई है. जिसके एवज में गोबर विक्रेता ग्रामीण पशुपालकों को 153 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का भुगतान किया गया है. महिला समूहों ने क्रय गोबर से अब तक 22 क्विंटल से अधिक जैविक खाद जिसमें वर्मी कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट , सुपर कंपोस्ट प्लस शामिल है. तैयार किया है. गौठानों में गोबर से जैविक खाद के निर्माण के साथ-साथ महिलाएं अन्य मूलक गतिविधियां भी संचालित कर रही हैं. जिनसे उन्हें बीते 2 सालों में 74 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय हुई है. गौठानों में महिला समूह द्वारा जैविक खाद के साथ-साथ अब जैविक कीटनाशक तैयार किए जाने से राज्य में जैविक खेती को और बढ़ावा मिलेगा. इससे पशुपालक ग्रामीणों को अतिरिक्त आय और महिला समूहों को रोजगार और आय का जरिया भी मिलेगा.

दुर्ग/रायपुर: हरेली पर्व के अवसर पर छत्तीसगढ़ में गौमूत्र खरीदी योजना की शुरुआत होगी. सीएम भूपेश बघेल दुर्ग के पाटन से इस योजना की शुरुआत ( Cow urine purchase scheme in Chhattisgarh) करेंगे. छत्तीसगढ़ में पहली बार गौमूत्र की खरीदी हो रही ( Cow urine purchase scheme in Chhattisgarh on Hareli Tihar) है. सीएम भूपेश बघेल दुर्ग के करसा गांव से गोधन न्याय योजना के इस नए योजना को आगे बढ़ाते हुए गौमूत्र खरीदी योजना की शुरुआत करेंगे. बघेल सरकार गौपालकों से चार रुपये प्रति लीटर में गौमूत्र की खरीदी कर (Hareli Tihar 2022) रही है. हरेली के मौके पर होने वाली इस खरीदी से प्रदेश के गौवंशपालकों को आर्थिक रूप से बड़ी मजबूती मिलेगी. दुर्ग में जैसे ही सीएम गौमूत्र की खरीदी करेंगे उसके बाद पूरे प्रदेश में यह योजना विधिवत लॉन्च हो जाएगी. रायपुर जिले में गोमूत्र की खरीदी की शुरुआत अभनपुर विकासखंड के नवागांव और आरंग विकासखंड के ग्राम बड़गांव के गौठान से (CM Bhupesh Baghel inaugurate cow urine purchase scheme) होगी

पशुधन के विकास में पशुपालकों को मिलेगी मदद: अब तक किसान गोबर का विक्रय करते आये थे. अब गोमूत्र भी बेचने से उनकी आय में इजाफा होगी. इससे पशुधन विकास के कार्य को बढ़ावा मिलेगा. इस मौके पर करसा में कृषि सम्मेलन का आयोजन भी किया गया है. यहां नये कृषि उपकरणों की लॉन्चिंग होगी. खेती किसानी के लिए उपयोगी कृषि प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी. मुख्यमंत्री किसानों से खेती किसानी के बारे में बातचीत करेंगे और उनका सम्मान भी करेंगे. 20 जुलाई 2020 को ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हरेली पर्व के अवसर पर ही गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी की शुरूआत की थी.

सीएम हेलीपेड से बैलगाड़ी में बैठकर कार्यक्रम स्थल तक पहुंचेंगे: हर साल की तरह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने विधानसभा क्षेत्र पाटन में इस बार भी हरेली के पर्व पर पहुंचेंगे. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हेलीपेड से पूजा स्थल तक बैलगाड़ी से जाएंगे और गौमाता की पूजा करेंगे. साथ ही परंपराओं के अनुसार कृषि यंत्रों की भी पूजा करेंगे. साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद कृषि यंत्र से पैरा काटकर गायों को खिलाएंगे. आपको बता दें कि पिछले साल भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने विधानसभा क्षेत्र पाटन में बैलगाड़ी से पूजा स्थल पर पहुंचे थे और यहां उन्होंने पारंपरिक रूप से पूजा अर्चना की थी. इसी दिन से गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी की भी शुरुआत की थी.

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मुख्यमंत्री गेड़ी प्रतियोगिता में होंगे शामिल: सीएम भूपेश बघेल हरेली तिहार पर गेड़ी प्रतियोगिता में शामिल होंगे. हरेली तिहार पर छत्तीसगढ़ में खेलों का दिन होता है. इस मौके पर छोटे बच्चे गेड़ी पर चढ़ते हैं और बड़े बुजुर्ग भी गेड़ी की सवारी करते हैं. इस दिन करसा में गेड़ी प्रतियोगिता भी होगी और इसके विजेताओं को सम्मानित भी किया जाएगा. इस मौके पर गेड़ी रेस, भौंरा, पिट्ठूल, कंचा, पतंग, गोली चम्मच, खोखो, रस्सा खींच, तिग्गा गोटी और गिल्ली डंडा जैसे खेलों का आयोजन भी किया जाएगा.


सीएम विकासकर्यो का भी करेंगे शुभारंभ और भूमिपूजन: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पाटन ब्लॉक के करसा में साढ़े तीन करोड़ की लागत से बनी मुक्तिधाम मार्ग का लोकार्पण करेंगे वही ग्राम करसा और घुघवा में बीएसपी के द्वारा बनाए जाने वाला सामुदायिक समरसता भवन का भूमिपूजन सीएम भूपेश बघेल करेंगे.

दो साल पहले हुई थी गोधन न्याय योजना की शुरुआत: करीब 2 साल पहले 20 जुलाई 2020 को गोधन न्याय योजना की शुरुआत हरेली के पर्व से हुई थी. इसके तहत गौठानों में पशुपालकों से दो रुपये प्रति किलो के दर से गोबर की खरीदी की जा रही है. देश-दुनिया में गोबर की खरीदी की अभिनव योजना की सफलता ही इसका आधार बनी है. गोबर खरीदी के जरिए बड़े पैमाने पर जैविक खाद का निर्माण और उसके उपयोग के उत्साहजनक परिणामों को देखते हुए अब गोमूत्र की खरीदी कर इससे कीट नियंत्रक उत्पाद ,जीवामृत ,ग्रोथ प्रमोटर बनाए जाएंगे. ताकि राज्य के किसानों को महंगे रासायनिक कीटनाशकों के बदले सस्ते दर पर जैविक कीटनाशक उपलब्ध हो सके . इसके पीछे मकसद यह भी है कि खाद्यान्न उत्पादन की विषाक्तता को कम करने के साथ ही खेती की लागत को भी कम किया जा सके.

खेती किसानी को रासायनिक खादों से बचाना है मकसद: अंधाधुंध रासायनिक खादों एवं रासायनिक कीटनाशकों का खेती में उपयोग होने से खाद्य पदार्थों की पौष्टिकता खत्म हो रही है. भूमि की उर्वरा शक्ति घट रही है. खाद्य पदार्थों में विषाक्तता की मात्रा बढ़ रही है ,जिसके कारण जन जीवन के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. अब गौठनों में गोमूत्र की खरीदी कर प्रशिक्षित महिला समूह के माध्यम से इससे कीटनाशक उत्पाद, जीवामृत आदि तैयार किए जाएंगे. जिसे किसानों को रियायती दर पर उपलब्ध कराया जाएगा. इन जैविक कीटनाशकों की कीमत बाजार में मिलने वाले महंगे रासायनिक कीटनाशक पेस्टिसाइड की कीमत से काफी कम होगी . कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि गोमूत्र कीटनाशक रासायनिक कीटनाशक का बहुत ही बेहतर और सस्ता विकल्प है. इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता, रासायनिक कीटनाशक से कई गुना अधिक होती है. खेतों में इसके छिड़काव से सभी प्रकार के कीटों के नियंत्रण में मदद मिलती है.

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छत्तीसगढ़ में लगातार हो रहा गौठानों का विकास: सुराजी गांव योजना के गरवा कार्यक्रम के तहत राज्य के 8408 गांव में गौठान बन गए हैं. जहां पशुओं के देखरेख चारा- पानी का निशुल्क प्रबंध है. इन गौठनों में गोधन न्याय योजना के तहत बीते 2 सालों से गोबर की खरीदी की जा रही है. जिससे महिला समूह जैविक खाद एवं अन्य उत्पाद तैयार कर रही हैं. राज्य में बीते 2 सालों में 76 लाख क्विंटल से अधिक की गोबर खरीदी की गई है. जिसके एवज में गोबर विक्रेता ग्रामीण पशुपालकों को 153 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का भुगतान किया गया है. महिला समूहों ने क्रय गोबर से अब तक 22 क्विंटल से अधिक जैविक खाद जिसमें वर्मी कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट , सुपर कंपोस्ट प्लस शामिल है. तैयार किया है. गौठानों में गोबर से जैविक खाद के निर्माण के साथ-साथ महिलाएं अन्य मूलक गतिविधियां भी संचालित कर रही हैं. जिनसे उन्हें बीते 2 सालों में 74 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय हुई है. गौठानों में महिला समूह द्वारा जैविक खाद के साथ-साथ अब जैविक कीटनाशक तैयार किए जाने से राज्य में जैविक खेती को और बढ़ावा मिलेगा. इससे पशुपालक ग्रामीणों को अतिरिक्त आय और महिला समूहों को रोजगार और आय का जरिया भी मिलेगा.

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