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दुर्ग: उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी पर लगाया 18 लाख रुपये का जुर्माना

बीमा राशि का भुगतान नहीं किए जाने पर उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी पर 18 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.

Consumer Forum
उपभोक्ता फोरम
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Published : Dec 10, 2019, 12:43 PM IST

Updated : Dec 10, 2019, 1:54 PM IST

दुर्ग: भिलाई में एक ट्रक का बीमा राशि नहीं मिलने पर प्रार्थी ने बीमा कंपनी के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी पर 18 लाख 2 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

उपभोक्ता फोरम

हाउसिंग बोर्ड औद्योगिक क्षेत्र के रहने वाले परिवादिनी ने ट्रक का बीमा नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के भिलाई शाखा में करवाया था. जिसके बाद 2016 में ट्रक ड्राइवर कोयला लेकर महाराष्ट्र गया था, जहां से ट्रक समेत वह फरार हो गया, जिसकी FIR प्रार्थी ने दर्ज कराई और बीमा कंपनी को इसकी सूचना दी. बीमा कंपनी के पास सभी दस्तावेज जमा करने के बाद भी कंपनी प्रार्थी को टालते रही और अंत में बीमा की राशि देने से इंकार कर दिया. इसके बाद प्रार्थी ने उपभोक्ता फोरम में बीमा कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.

पढ़ें: स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का बयान, यूनिवर्सल हेल्थ केयर की दिशा में आगे बढ़ रहा प्रदेश

बीमा कंपनी का दावा खारिज करना अनुचित
प्रकरण में बीमा कंपनी ने ड्राइवर के पास वैध लाइसेंस नहीं होने का तर्क प्रस्तुत करते हुए, इसे बीमा पॉलिसी के नियम के खिलाफ बताया और राशि देने के कंपनी को उत्तरदायी नहीं बताया था. वहीं जिला उपभोक्ता फोरम ने पाया कि परिवादिनी का वाहन चोरी होना एक प्रमाणित तथ्य है और बीमा कंपनी ने वाहन के ड्राइवर के वैध ड्राइविंग लाइसेंस के अभाव में दावा खारिज किया है जो उचित नहीं है.

बीमा कंपनी पर लगा जुर्माना
वैध ड्राइविंग लाइसेंस संबंधी शर्त वाहन परिचालन के समय हुई दुर्घटना की स्थिति में ही लागू होती है. चोरी से हुई क्षति की स्थिति में वाहन चालक के वैध ड्राइविंग लाइसेंस का कोई औचित्य नहीं होने की बात कहते हुए, कंपनी पर 18 लाख 2 हजार रुपए का जुर्माना लगाया. जिसमें वाहन का बीमित मूल्य 17 लाख 50 हजार रुपए, मानसिक और आर्थिक क्षतिपूर्ति के लिए 50 हजार रुपए और वाद व्यय 2 हजार रुपए अदा करने का आदेश दिया है.

दुर्ग: भिलाई में एक ट्रक का बीमा राशि नहीं मिलने पर प्रार्थी ने बीमा कंपनी के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी पर 18 लाख 2 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

उपभोक्ता फोरम

हाउसिंग बोर्ड औद्योगिक क्षेत्र के रहने वाले परिवादिनी ने ट्रक का बीमा नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के भिलाई शाखा में करवाया था. जिसके बाद 2016 में ट्रक ड्राइवर कोयला लेकर महाराष्ट्र गया था, जहां से ट्रक समेत वह फरार हो गया, जिसकी FIR प्रार्थी ने दर्ज कराई और बीमा कंपनी को इसकी सूचना दी. बीमा कंपनी के पास सभी दस्तावेज जमा करने के बाद भी कंपनी प्रार्थी को टालते रही और अंत में बीमा की राशि देने से इंकार कर दिया. इसके बाद प्रार्थी ने उपभोक्ता फोरम में बीमा कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.

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बीमा कंपनी का दावा खारिज करना अनुचित
प्रकरण में बीमा कंपनी ने ड्राइवर के पास वैध लाइसेंस नहीं होने का तर्क प्रस्तुत करते हुए, इसे बीमा पॉलिसी के नियम के खिलाफ बताया और राशि देने के कंपनी को उत्तरदायी नहीं बताया था. वहीं जिला उपभोक्ता फोरम ने पाया कि परिवादिनी का वाहन चोरी होना एक प्रमाणित तथ्य है और बीमा कंपनी ने वाहन के ड्राइवर के वैध ड्राइविंग लाइसेंस के अभाव में दावा खारिज किया है जो उचित नहीं है.

बीमा कंपनी पर लगा जुर्माना
वैध ड्राइविंग लाइसेंस संबंधी शर्त वाहन परिचालन के समय हुई दुर्घटना की स्थिति में ही लागू होती है. चोरी से हुई क्षति की स्थिति में वाहन चालक के वैध ड्राइविंग लाइसेंस का कोई औचित्य नहीं होने की बात कहते हुए, कंपनी पर 18 लाख 2 हजार रुपए का जुर्माना लगाया. जिसमें वाहन का बीमित मूल्य 17 लाख 50 हजार रुपए, मानसिक और आर्थिक क्षतिपूर्ति के लिए 50 हजार रुपए और वाद व्यय 2 हजार रुपए अदा करने का आदेश दिया है.

Intro:भिलाई के हाउसिंग बोर्ड औद्योगिक क्षेत्र निवासी परिवादिनी ने अपने वाहन ट्रक के नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की भिलाई शाखा से बीमा करवाया था। परिवादिनी का नियमित ड्राइवर छुट्टी पर होने से उसने एक अन्य ड्राइवर को अपने ट्रक में कोयला लेकर नवंबर 2016 में पहुर जिला जलगांव महाराष्ट्र भेजा लेकिन सामान की डिलीवरी के बाद ड्राइवर ट्रक सहित गायब हो गया, जिसके बाद परिवादिनी ने थाना पहुर में ड्राइवर सुरेंद्र कुमार पाठक के खिलाफ ट्रक चोरी की एफआईआर दर्ज कराई और बीमा कंपनी को सूचना दी। परिवादिनी ने एफआईआर एवं आवश्यक दस्तावेजों के साथ अनावेदक बीमा कंपनी के समक्ष दिनांक 28.11.2016 को बीमा दावा प्रपत्र प्रस्तुत किया गया



Body:लेकिन अनावेदक बीमा कंपनी ने अलग-अलग दस्तावेज मांगते हुए परिवादिनी को कई दिनों तक चक्कर लगवाने के बाद अंत में दावा राशि देने से इंकार कर दिया। जिसके बाद परिवादिनी ने उपभोक्ता फोरम में प्रकरण को लाया प्रकरण में बीमा कंपनी ने तर्क दते हुए कहा कि दिनांक 15.11.2016 को ड्राइवर सुरेंद्र कुमार पाठक के पास वाहन चलाने के लिए वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था जो कि बीमा पॉलिसी की नियम व शर्तों का उल्लंघन है इस कारण बीमा कंपनी परिवादी को किसी प्रकार से वाहन की क्लेम राशि देने के लिए उत्तरदायी नहीं है वही जिला उपभोक्ता फोरम ने यह पाया कि परिवादिनी का वाहन चोरी होना एक प्रमाणित तथ्य है और बीमा कंपनी ने वाहन के ड्राइवर के वैध ड्राइविंग लाइसेंस के अभाव में दावा खारिज किया है तो यह उचित नहीं है क्योंकि वैध ड्राइविंग लाइसेंस संबंधी शर्त वाहन परिचालन के समय हुई दुर्घटना की स्थिति में ही लागू होती है, चोरी से हुई क्षति की स्थिति में वाहन चालक के वैध ड्राइविंग लाइसेंस का कोई औचित्य ही नहीं है, वाहन चोरी हुआ है ना कि दुर्घटनाग्रस्त हुआ है, ऐसे में बीमा दावा खारिज करने का आधार उचित नहीं है।



Conclusion:जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा कम्पनी पर 18 लाख 2 हजार रुपये हर्जाना लगाया जिसमें वाहन का बीमित मूल्य 17 लाख 50 हजार रुपये, मानसिक व आर्थिक क्षतिपूर्ति स्वरूप 50 हजार रुपये तथा वाद व्यय 2 हजार रुपये अदा करने का आदेश दिया है

कोमेन्द्र सोनकार,दुर्ग
Last Updated : Dec 10, 2019, 1:54 PM IST
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