दुर्ग : बहुचर्चित नान घोटाले में EOW ने कांकेर में पदस्थ उपलेखाधिकारी चिंतामणि (सीएम-जैसा कि इस मामले में उनके लिए 'कोड वर्ड' इस्तेमाल किया गया है) चंद्राकर को गिरफ्तार किया है. EOW ने शनिवार को दुर्ग से उन्हें हिरासत में लिया था, लेकिन इस पूरे मामले में एक नया पेंच सामने आया है. चिंतामणि की पत्नी ने गुमशुदगी की लिखित शिकायत दर्ज कराई है.
पत्नी की शिकायत पर पुलिस ने कहा कि रविवार की सुबह चिंतामणि की पत्नी ने पद्मनाभपुर चौकी में पति की गुमशुदगी की लिखित शिकायत की थी. जांच में यह बात सामने आई है कि नान घोटले में शामिल चिंतामणि को EOW की टीम ने हिरासत में लिया है. शिकायत में पत्नी लता चंद्राकर ने लिखा है कि, 'शनिवार की सुबह अज्ञात लोगों ने मेरे पति को राजनांदगांव में मकान देखने के बहाने उन्हें लेकर गए. उसके बाद से वे घर नहीं गए. पुलिस ने चंद्राकर के परिजनों को EOW की टीम की ओर से गिरफ्तार करने की जानकारी दी है.
36 हजार करोड़ से ज्यादा का घोटाला
बता दें कि साल 2015 में पीडीएस गड़बड़ी को लेकर कार्रवाई की गई थी, जिसमें 36 हजार करोड़ से ज्यादा के घोटाले की जानकारी सामने आई थी. इस दौरान चिंतामणि ने नान के रायपुर ऑफिस में अकाउंट ऑफिसर के पद पर पदस्थ थे. नान के मुख्य आरोपी शिवशंकर भट्ट ने दो दिन पहले जो शपथ पत्र दिया, उसमें भी चिंतामणि का जिक्र था.
चंद्राकर के ठिकानों पर दबिश
नान घोटाले मामले में SIT गठित होने के बाद EOW की टीम ने सबसे पहले 19 अगस्त को चिंतामणि के ठिकानों पर दबिश देकर बड़े पैमाने पर अवैध संपति का पर्दाफाश किया था. इसमें टीम को रायपुर, दुर्ग, कांकेर से लेकर बेंगलोर तक चिंतामणि के नाम से प्लॉट और मकान मिले थे.