दुर्ग: प्रदेश में कुछ ही महीनों बाद चुनाव होना है. उससे पहले राजनीतिक दलों से लोगों और कार्यकर्ताओं के जुड़ने का सिलसिला लगातार जारी है. इस बीच मंगलवार को दुर्ग में बीजेपी से कुल 51 नए लोग जुड़े हैं. दुर्ग से लोकसभा सांसद विजय बघेल के निवास स्थान पर 51 लोगों ने बीजेपी की सदस्या ली है. उसके बाद बीजेपी का दावा है कि दुर्ग में उनके कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ रही है.
बीजेपी की रीति और नीति से हुए प्रभावित: दुर्ग में बीजेपी में शामिल होने वाले नए कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने बीजेपी की रीति और नीति से प्रभावित होकर ये कदम उठाया है.
अब एक नजर डालते हैं कि किन किन क्षेत्रों से कितने लोग बीजेपी में शामिल हुए हैं.
- वैशाली नगर से 35 लोग बीजेपी में शामिल हुए
- पाटन से 16 लोगों ने बीजेपी का दामन था.
अब तक कितने लोग बीजेपी से जुड़े: जिन 51 लोगों ने बीजेपी की सदस्यता हासिल की है. उसमें स्चच्छता अभियान के ब्रांड एम्बेसडर अमिताभ भट्टाचार्य सहित सिख समाज के लोग शामिल हैं. सभी लोगों को बीजेपी का गमछा पहनाकर बीजेपी की सदस्यता दिलाई गई है. बीजेपी के मुताबिक अब तक 2 महीने के अंदर 500 से ज्यादा लोग बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. बीजेपी का दावा है कि सभी वर्ग के लोग बीजेपी में शामिल हो रहे हैं.
"वैशाली नगर विधानसभा से 35 और पाटन विधानसभा से 16 लोग ने भाजपा में प्रवेश किया है. लोगों में रुझान है अभी तक पाटन विधानसभा से 2 महीने के अंदर लगभग 500 से ज्यादा लोग भाजपा में प्रवेश कर चुके हैं. सभी वर्गों के लोग भाजपा में प्रवेश कर रहे हैं. लोगों में भाव है प्रदेश और देश में कानून व्यवस्था दुरुस्त होना चाहिए. सबका सम्मान हो, लोगों के मन में विश्वास जगा है. इसीलिए लोग भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम रहे हैं. पीएम मोदी के काम से प्रभावित होकर लोग बीजेपी में शामिल हो रहे हैं "- विजय बघेल, दुर्ग सांसग और पाटन से प्रत्याशी
कांग्रेस ने किया पलटवार: इस पूरी घटना पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. वैशाली नगर के पार्षद अभिषेक मिश्रा का कहना है कि "जितने भी लोग भाजपा में प्रवेश किए हैं. वह सब आम लोग हैं. कोई भी कांग्रेस से ताल्लुक नहीं रखता है. जितने लोग भी बीजेपी में जा रहे हैं उन्हें जाने दीजिए. जीत तो हमारी ही होगी"
अब देखना होगा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में दुर्ग और पाटन के दंगल में कार्यकर्ताओं की संख्या का असर दिखता है कि नहीं. कुल मिलाकर चुनावी सीजन में अब नेता और कार्यकर्ताओं और आम लोगों का पार्टी बदलने का सिलसिला जारी है.