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BSF Foundation day नक्सलियों से जल्द मुक्त होगा छत्तीसगढ़: बीएसएफ IG

foundation Day of Border Security Force भिलाई में सीमा सुरक्षा बल का 58वां स्थापना दिवस मनाया गया. इस दौरान बीएसएफ आईजी इंदरराज सिंह ने कहा "छत्तीसगढ़ सरकार और स्थानीय पुलिस की मदद से सीमा सुरक्षा बल के जवान नक्सलियों को खदेड़ने में सफल हो रहे हैं. " bsf foundation day bhilai

BSF Foundation Day celebrated in Bhilai
भिलाई में मनाया गया बीएसएफ का स्थापना दिवस
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Published : Dec 1, 2022, 6:00 PM IST

Updated : Dec 1, 2022, 7:48 PM IST

दुर्ग: भिलाई के रिसाली में सीमा सुरक्षा बल का 58वां स्थापना दिवस मनाया गया. इस दौरान बीएसएफ के महानिरीक्षक इंदरराज सिंह ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि "छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या बढ़ने के बाद 2009 से सीमा सुरक्षा बल यहां तैनात की गई है. यहां बीएसएफ काफी अच्छा काम कर रही है. "

भिलाई में मनाया गया बीएसएफ का स्थापना दिवस

बीएसएफ स्थापना दिवस मनाने के उद्देश्य: भारत पाकिस्तान की सीमाओं पर राज्य आर्म्ड पुलिस बल के द्वारा सुरक्षा प्रदान किया जाता था. लेकिन जब 9 अप्रैल 1965 को गुजरात के कच्छ इलाके में पाकिस्तान की सेना द्वारा भारतीय सीमा की चौकियों पर हमला किया गया. जिससे भारत सरकार ने पाकिस्तान से लगी सीमाओं की सुरक्षा के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षण प्राप्त किये एक अलग बल की स्थापना करने का निर्णय लिया. जिसके चीफ के रूप में के एफ रूस्तमजी को जिम्मा दिया गया. जिन्होने 01 दिसंबर 1965 को विश्व के सबसे बड़ी सीमा सुरक्षा बल का गठन किया.



बीएसएफ जवान देश को नक्सल मुक्त बनाने में लगे हैं: सीमा सुरक्षा बल जिला कांकेर के अतिसंवेदनशील इलाके में सरकार द्वारा किये जा रहे विकास कार्य जैसे सड़क निर्माण कार्य, माइनिंग प्रोजेक्ट, रेल प्रोजेक्ट और मोबाइल टावर निर्माण कार्यो में सुरक्षा प्रदान कर रही है. जहाँ बीएसएफ के जवान अपनी जान की बाजी लगाकर देश को नक्सल मुक्त बनाने में लगे हैं. वहीं दूसरी ओर समाज एवं प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हुए कांकेर के दूरदराज में फैले गांवों में गरीबों एवं विद्यार्थियों को जरूरत की चीजों का मुहैंया कराना. गांव को गोद लेना, मुफ्त चिकित्सा सुविधाएँ प्रदान करना, बेरोजगार युवाओं को स्किल डेवलपमेन्ट प्रोग्राम के तहत रोजगार प्रशिक्षण देना. ट्राइबल यूथ प्रोग्राम के तहत आदिवासी बच्चों को भारत भ्रमण में ले जाना और प्रदेश की संस्कृति को देश के समक्ष रखना इत्यादि कार्य करके उनका जीवन स्तर में सुधार हो रहे हैं.

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ विधानसभा विशेष सत्र : दो दिसंबर को लाया जाएगा आरक्षण से जुड़ा विधेयक

बीएसएफ ने नक्सलियों के विरोध जंग: बीएसएफ की कड़ी मुस्तैदी के कारण कांकेर जिले में अब तक 106 हार्डकोर नक़्लसियो ने आत्मसमर्पण किया है. वही 11 दुर्दांत नक्सलियों को मार गिराया गया है. 1082 को गिरफ्तार किया गया है. 543 से अधिक जिंदा बम (आईईडी) बरामद किया गया है. इसके अलावा वनांचल लोगो के आवागमन के लिए सड़को की व्यवस्था बेहतर की गई हैं. अलग अलग क्षेत्रों में करीब 6 सौ किलोमीटर की सड़कों की व्यवस्था दुरुस्त की गई है. आदिवासियों के बच्चों को स्कूल आनेजाने में अब कोई कठिनाई नही होती है.

चुनाव के दौरान नक्सल प्रभावित इलाके में संभाला मौका: बीएसएफ के आईजी इंदरराज सिंह ने यह भी कहा कि "छत्तीसगढ़ सरकार और स्थानीय पुलिस की मदद से सीमा सुरक्षा बल के जवान नक्सलियों को खदेड़ने में सफल हो रहे हैं. इसके अलावा बीएसएफ ने छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित इलाके में कठिनाईयों से लड़ते हुए, वर्ष 2013 एवं 2018 में विधानसभा चुनाव और 2014 एवं 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान नक्सलियों के किये गये विरोध के बावजूद बीएसएफ ने अतिसंवेदनशील नक्सल प्रभावित इलाके में शांतिपूर्ण मतदान कराने में कामयाबी हासिल की है."

दुर्ग: भिलाई के रिसाली में सीमा सुरक्षा बल का 58वां स्थापना दिवस मनाया गया. इस दौरान बीएसएफ के महानिरीक्षक इंदरराज सिंह ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि "छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या बढ़ने के बाद 2009 से सीमा सुरक्षा बल यहां तैनात की गई है. यहां बीएसएफ काफी अच्छा काम कर रही है. "

भिलाई में मनाया गया बीएसएफ का स्थापना दिवस

बीएसएफ स्थापना दिवस मनाने के उद्देश्य: भारत पाकिस्तान की सीमाओं पर राज्य आर्म्ड पुलिस बल के द्वारा सुरक्षा प्रदान किया जाता था. लेकिन जब 9 अप्रैल 1965 को गुजरात के कच्छ इलाके में पाकिस्तान की सेना द्वारा भारतीय सीमा की चौकियों पर हमला किया गया. जिससे भारत सरकार ने पाकिस्तान से लगी सीमाओं की सुरक्षा के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षण प्राप्त किये एक अलग बल की स्थापना करने का निर्णय लिया. जिसके चीफ के रूप में के एफ रूस्तमजी को जिम्मा दिया गया. जिन्होने 01 दिसंबर 1965 को विश्व के सबसे बड़ी सीमा सुरक्षा बल का गठन किया.



बीएसएफ जवान देश को नक्सल मुक्त बनाने में लगे हैं: सीमा सुरक्षा बल जिला कांकेर के अतिसंवेदनशील इलाके में सरकार द्वारा किये जा रहे विकास कार्य जैसे सड़क निर्माण कार्य, माइनिंग प्रोजेक्ट, रेल प्रोजेक्ट और मोबाइल टावर निर्माण कार्यो में सुरक्षा प्रदान कर रही है. जहाँ बीएसएफ के जवान अपनी जान की बाजी लगाकर देश को नक्सल मुक्त बनाने में लगे हैं. वहीं दूसरी ओर समाज एवं प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हुए कांकेर के दूरदराज में फैले गांवों में गरीबों एवं विद्यार्थियों को जरूरत की चीजों का मुहैंया कराना. गांव को गोद लेना, मुफ्त चिकित्सा सुविधाएँ प्रदान करना, बेरोजगार युवाओं को स्किल डेवलपमेन्ट प्रोग्राम के तहत रोजगार प्रशिक्षण देना. ट्राइबल यूथ प्रोग्राम के तहत आदिवासी बच्चों को भारत भ्रमण में ले जाना और प्रदेश की संस्कृति को देश के समक्ष रखना इत्यादि कार्य करके उनका जीवन स्तर में सुधार हो रहे हैं.

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ विधानसभा विशेष सत्र : दो दिसंबर को लाया जाएगा आरक्षण से जुड़ा विधेयक

बीएसएफ ने नक्सलियों के विरोध जंग: बीएसएफ की कड़ी मुस्तैदी के कारण कांकेर जिले में अब तक 106 हार्डकोर नक़्लसियो ने आत्मसमर्पण किया है. वही 11 दुर्दांत नक्सलियों को मार गिराया गया है. 1082 को गिरफ्तार किया गया है. 543 से अधिक जिंदा बम (आईईडी) बरामद किया गया है. इसके अलावा वनांचल लोगो के आवागमन के लिए सड़को की व्यवस्था बेहतर की गई हैं. अलग अलग क्षेत्रों में करीब 6 सौ किलोमीटर की सड़कों की व्यवस्था दुरुस्त की गई है. आदिवासियों के बच्चों को स्कूल आनेजाने में अब कोई कठिनाई नही होती है.

चुनाव के दौरान नक्सल प्रभावित इलाके में संभाला मौका: बीएसएफ के आईजी इंदरराज सिंह ने यह भी कहा कि "छत्तीसगढ़ सरकार और स्थानीय पुलिस की मदद से सीमा सुरक्षा बल के जवान नक्सलियों को खदेड़ने में सफल हो रहे हैं. इसके अलावा बीएसएफ ने छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित इलाके में कठिनाईयों से लड़ते हुए, वर्ष 2013 एवं 2018 में विधानसभा चुनाव और 2014 एवं 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान नक्सलियों के किये गये विरोध के बावजूद बीएसएफ ने अतिसंवेदनशील नक्सल प्रभावित इलाके में शांतिपूर्ण मतदान कराने में कामयाबी हासिल की है."

Last Updated : Dec 1, 2022, 7:48 PM IST
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