भिलाई : 23 साल बाद भिलाई टाउनशिप के 4500 लीज धारकों को मकान का मालिकाना हक मिला.इसके बाद लीज धारकों ने पुराने दर पर अपने मकान की रजिस्ट्री कराई.लेकिन अब एक बार फिर लीज धारकों के मन में एक सवाल पैदा होने लगा था.सवाल था कि जिस मकान की रजिस्ट्री वो करवा रहे हैं. क्या उस प्रॉपर्टी पर उन्हें लोन मिलेगा.क्योंकि कई जगहों से ऐसी बातें निकलकर आ रही थी कि प्रॉपर्टी का नियमितिकरण भले ही निगम के माध्यम से हो रहा है,लेकिन इस पर लोन नहीं मिलेगा.इस मुद्दे को लेकर निगम में भी विपक्ष ने कई सवाल उठाए.
महापौर ने स्थिति को क्लीयर किया : लीज धारकों के सवालों का जवाब देने के लिए महापौर नीरज पाल सामने आए.नीरज पाल के मुताबिक कलेक्टर ने क्लीयर किया है कि, रजिस्ट्री के बाद लीजधारी को टाइटल मिल चुका है. कानूनी अपने आप में स्थापित है.बीएसपी से एनओसी लेने की जरूरत नहीं है. बीएसपी प्रॉपर्टी टैक्स ही वसूलती है. बीएसपी और निगम के बीच इसको लेकर बात चल रही है. संपत्ति कर निर्धारण की प्रक्रिया है, जिसे भिलाई नगर निगम करेगा. रजिस्ट्री 2002 की है, उस वक्त लीजधारक ने जो प्रीमियम दिया है. वही प्रतिफल की राशि है. लीजधारी को अधिकार और कर्तव्य अब प्राप्त हो गया है. इस लीज रजिस्ट्री के जरिए इन्हें मालिकाना हक प्राप्त हो गया है.
''पहले यह एग्रीमेंट एक प्राइवेट डॉक्यूमेंट था, अब यह पब्लिक डाक्यूमेंट हो गया है. पहले कानूनी अधिकार मिला. अब बैंक से लोन भी मिलेगा. इसके लिए भिलाई स्टील प्लांट से एनओसी लेने की भी जरूरत नहीं है. बैंक अपनी प्रक्रिया के तहत लीजधारियों को लोन देगा.'' नीरज पाल, महापौर
इस दौरान महापौर नीरज पाल ने सुपेला बस्ती को लेकर भी घोषणा की है.महापौर के मुताबिक 10 हजार परिवार को जल्द राहत दी जाएगी.जो लोग पट्टे में रह रहे हैं उनकी भी रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरु की जाएगी. इसी महीने निगम की सामान्य सभा होनी है.इसमें प्रस्ताव पारित कर शासन को भेजा जाएगा.