दुर्ग: प्रदेश में किसी नगर निगम ने पहली बार किसी पेड़ को नोटिस देने का पहला ऐसा मामला सामने आया है. नगर पालिक निगम भिलाई के उनको में ऐसे ही 30 साल पुराने पीपल के पेड़ को नगर पालिक निगम भिलाई के अधिकारियों ने नोटिस जारी किया है. नोटिस में कहा गया है कि यह चबूतरा अवैध है. 8 तारीख तक कब्जा नहीं हटाया गया तो तोड़फोड़ की कार्रवाई की जाएगी. अब एक पेड़ कैसे निगम के आदेश का पालन करेगा. ये निगम के अधिकारी ही बताएंगे.
नगर पालिक निगम भिलाई के अधिकारियों ने पेड़ को नोटिस चस्पा कर 8 तारीख तक जगह खाली करने का निर्देश जारी कर दिया है. वहीं कब्जा नहीं हटाए जाने पर अधिकारी दल बल के साथ 8 दिसंबर को पीपल पेड़ के चबूतरे को तोड़ने की कार्रवाई करेंगे. इसे लेकर आसपास के लोगों ने इसका विरोध भी किया, लेकिन अब इस पेड़ के पीछे राजनीति शुरू हो गई है.
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निगम को खाली हाथ वापस लौटाया
वहीं हुडको वासियों ने इस पेड़ और चबूतरे को बचाने के लिए आंदोलन शुरू कर दिया है. इससे पहले भी निगम अधिकारियों ने हुडको के उस स्थान को खाली कराने की कोशिश की, लेकिन स्थानीय लोगों ने विरोध कर निगम को खाली हाथ वापस लौटा दिया था. अब निगम के अधिकारी ही बता पाएंगे कि एक पेड़ नोटिस का पालन कैसे करेगा.
चबूतरा और पीपल के पेड़ को नोटिस
फिलहाल स्थानीय निवासियों को 8 दिसम्बर का इंतजार है. वहीं इस मामले की जानाकरी लगते ही विधायक और महापौर देवेन्द्र यादव ने इस नोटिस को निरस्त कर दिया. चबूतरा और पीपल के पेड़ को सौंदर्यीकरण करने का आदेश अधिकारियों को दिया है.