दुर्ग: दुर्ग जिले में स्थित एशिया के सबसे बड़े भिलाई इस्पात संयंत्र में यूनियन की मान्यता को लेकर हुए चुनाव में इस बार भिलाई इस्पात मजदूर संघ यानी कि बीएमएस को जीत हासिल हुई है. अधिक से अधिक संयंत्र कर्मियों ने अपना वोट देकर संयंत्र आधारित हितों की पूर्ति के लिये बीएसएम को अपना प्रतिनिधि चुन लिया है. जीत के बाद बीएमएस के सदस्य व अन्य संयंत्र कर्मी ने विजय जुलूस का आयोजन किया. जुलूस में सैकड़ों की तादाद में कर्मियों ने शामिल हो कर जयघोष के नारे (BMS bike rally in Durg) लगाए.
बीएसएस को कुल 3582 वोट मिले: बता दें कि बीएसपी के यूनियन मान्यता चुनाव के इतिहास में पहली बार कर्मचारियों ने भिलाई इस्पात मजदूर संघ यानी बीएमएस को अपना प्रतिनिधि चुना है. शनिवार को हुए चुनाव में बीएमएस को सबसे ज्यादा मत मिले. बीएसएस को कुल 3582 वोट मिले जबकि दो यूनियन से गठबंधन कर चुनाव लड़ने वाली इंटक को इस बार मुंह की खानी पड़ी. बीएमएस यूनियन के पदाधिकारियों के सामने अब यह बड़ी चुनौती होगी कि संयंत्र कर्मियों के लंबित पे रिवीजन और लाभांश वितरण पर स्टील ऑथोरिटी ऑफ इंडिया और संयंत्र प्रबंधन को मनवाया जा सके.
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बीएमएस का वादा: इसके साथ ही बीएसपी लगातार चिकित्सा सुविधाओं की कटौती की जा रही है. इस वजह से श्रमिकों को निजी चिकित्सालयों में जाना पड़ रहा है जबकि अच्छे से अच्छा इलाज मुहैया कराना संयंत्र प्रबंधन की बड़ी जिम्मेदारियों में शामिल है. इस विषय में बीएमएस प्रमुख चन्ना केशवलु व अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि "श्रमिकों के हित के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे.