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दुर्ग में ऑटो चालकों पर पड़ रही है दोहरी मार, जीना हुआ मुश्किल

दुर्ग में लगभग 7 हजार से ज्यादा ऑटो वाहन संचालित हो रहे हैं. डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी और कोरोन गाइडलाइन की वजह से ऑटो चालकों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

auto drivers facing lots of problem in durg
ऑटो चालकों का जीना हुआ मुश्किल
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Published : Jun 5, 2021, 11:44 AM IST

Updated : Jun 5, 2021, 12:23 PM IST

दुर्ग: ऑटो चालकों को इन दिनों दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. एक तरफ डीजल के दामों ने लगातार वृद्धि हो रही है तो दूसरी ओर कोविड गाइडलाइन के अनुसार ऑटो चालकों को 3 से ज्यादा सवारी ले जाने पर प्रतिबंध है. डीजल की कीमतों में वृद्धि से यात्रियों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

ऑटो चालकों पर महंगाई की मार

जिले में लगभग 7 हजार से ज्यादा ऑटो वाहन संचालित हो रहे हैं. जो ऑटो चलाकर अपना परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं, लेकिन वर्तमान में उनका घर चलाना मुश्किल हो गया है. डीजल के दाम में आए दिन बढ़ोतरी हो रही है. कोरोना गाइडलाइन के अनुसार सवारियां ले जाने को मजबूर है. कई ऑटो ड्राइवर अपने ऑटो की किश्त तक जमा नहीं कर पा रहे हैं. कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है.

लॉकडाउन में परेशान हैं रायपुर के ऑटो चालक, कर्ज लेकर चला रहे परिवार

ऑटो चालकों ने बताया कि जब तक शहर में बस और ट्रेनों का परिचालन शुरू नहीं होगा तब तक ऐसे ही परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. कोरोना गाइडलाइन की वजह से रोजाना 2 से 3 चक्कर ही मार पा रहे हैं. उसमें भी डीजल का खर्च नहीं निकलता है. सरकार को ऑटो चालकों की परेशानियों को देखते हुए कुछ ठोस कदम उठाना चाहिए. जिससे ऑटो चालकों के स्थिति में सुधार हो सके.

राहगीरों की जेब पर भी पड़ रहा असर

इधर, रोजाना सफर करने वाले बताते हैं कि पहले ऑटो हर समय उपलब्ध रहता था, लेकिन कोविड की वजह से ऑटो में कम सवारी बैठा सकते हैं. जिसके चलते सही समय मे ऑटो नहीं मिलता है. डीजल के बढ़ते दामों से यात्रियों की जेब पर असर पड़ा है. कई बार किराया को लेकर ऑटो चालक और सवारी के बीच वाद-विवाद भी हो जाता है. बढ़ते दामों की वजह से दोगुना किराया देना पड़ रहा है.

दुर्ग: ऑटो चालकों को इन दिनों दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. एक तरफ डीजल के दामों ने लगातार वृद्धि हो रही है तो दूसरी ओर कोविड गाइडलाइन के अनुसार ऑटो चालकों को 3 से ज्यादा सवारी ले जाने पर प्रतिबंध है. डीजल की कीमतों में वृद्धि से यात्रियों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

ऑटो चालकों पर महंगाई की मार

जिले में लगभग 7 हजार से ज्यादा ऑटो वाहन संचालित हो रहे हैं. जो ऑटो चलाकर अपना परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं, लेकिन वर्तमान में उनका घर चलाना मुश्किल हो गया है. डीजल के दाम में आए दिन बढ़ोतरी हो रही है. कोरोना गाइडलाइन के अनुसार सवारियां ले जाने को मजबूर है. कई ऑटो ड्राइवर अपने ऑटो की किश्त तक जमा नहीं कर पा रहे हैं. कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है.

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ऑटो चालकों ने बताया कि जब तक शहर में बस और ट्रेनों का परिचालन शुरू नहीं होगा तब तक ऐसे ही परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. कोरोना गाइडलाइन की वजह से रोजाना 2 से 3 चक्कर ही मार पा रहे हैं. उसमें भी डीजल का खर्च नहीं निकलता है. सरकार को ऑटो चालकों की परेशानियों को देखते हुए कुछ ठोस कदम उठाना चाहिए. जिससे ऑटो चालकों के स्थिति में सुधार हो सके.

राहगीरों की जेब पर भी पड़ रहा असर

इधर, रोजाना सफर करने वाले बताते हैं कि पहले ऑटो हर समय उपलब्ध रहता था, लेकिन कोविड की वजह से ऑटो में कम सवारी बैठा सकते हैं. जिसके चलते सही समय मे ऑटो नहीं मिलता है. डीजल के बढ़ते दामों से यात्रियों की जेब पर असर पड़ा है. कई बार किराया को लेकर ऑटो चालक और सवारी के बीच वाद-विवाद भी हो जाता है. बढ़ते दामों की वजह से दोगुना किराया देना पड़ रहा है.

Last Updated : Jun 5, 2021, 12:23 PM IST
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