दुर्ग: जिला एवं सत्र न्यायालयीन कर्मचारी संघ का आक्रोश दूसरे दिन भी शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. जिला अधिवक्ता संघ ने भी कर्मचारी संघ के इस अनिश्चितकालीन धरने का समर्थन किया है. बता दें कि जिला सत्र न्यायलय में शनिवार को जिला लोक अदालत का आयोजन किया गया था, जिसका सभी ने मिलकर बहिष्कार किया है.
मामला शुक्रवार का है, जब एक महिला जज ने भृत्य को बंगले में ड्यूटी नहीं करने पर चार घंटे तक खड़े रहने की सजा सुनाई थी. इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ने पर कर्मचारियों ने जज के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने का फैसला किया था. इसी मामले को लेकर कर्मचारियों ने जिला लोक अदालत का बहिष्कार किया. साथ ही जज के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.
दी उग्र आंदोलन की चेतावनी
आंदोलन पर बैठे कर्मचारियों ने अपने मौलिक अधिकार की मांग करते हुए जज पर कई आरोप भी लगाए. साथ ही मांगें पूरी नहीं होने पर हड़ताल जारी रखने की बात कही है. कर्मचारियों का कहना था कि कुछ अधिकारियों का व्यवहार उनके प्रति अच्छा नहीं है. नियम के खिलाफ बंगले में ड्यूटी कराई जाती है. साथ ही काम करने का समय तय नहीं है, जिसकी वजह से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं भृत्य का कहना है कि उन्हें बंगले में ड्यूटी करवाकर शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है.