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दुर्ग में जिला लोक अदालत का बहिष्कार, जिला अधिवक्ता संघ ने किया समर्थन

आंदोलन पर बैठे कर्मचारियों ने अपने मौलिक अधिकार की मांग करते हुए जज पर कई आरोप भी लगाए. साथ ही मांगें पूरी नहीं होने पर हड़ताल जारी रखने की बात कही है.

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Published : Jul 14, 2019, 12:23 PM IST

आंदोलन.

दुर्ग: जिला एवं सत्र न्यायालयीन कर्मचारी संघ का आक्रोश दूसरे दिन भी शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. जिला अधिवक्ता संघ ने भी कर्मचारी संघ के इस अनिश्चितकालीन धरने का समर्थन किया है. बता दें कि जिला सत्र न्यायलय में शनिवार को जिला लोक अदालत का आयोजन किया गया था, जिसका सभी ने मिलकर बहिष्कार किया है.

वीडियो.

मामला शुक्रवार का है, जब एक महिला जज ने भृत्य को बंगले में ड्यूटी नहीं करने पर चार घंटे तक खड़े रहने की सजा सुनाई थी. इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ने पर कर्मचारियों ने जज के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने का फैसला किया था. इसी मामले को लेकर कर्मचारियों ने जिला लोक अदालत का बहिष्कार किया. साथ ही जज के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.

दी उग्र आंदोलन की चेतावनी
आंदोलन पर बैठे कर्मचारियों ने अपने मौलिक अधिकार की मांग करते हुए जज पर कई आरोप भी लगाए. साथ ही मांगें पूरी नहीं होने पर हड़ताल जारी रखने की बात कही है. कर्मचारियों का कहना था कि कुछ अधिकारियों का व्यवहार उनके प्रति अच्छा नहीं है. नियम के खिलाफ बंगले में ड्यूटी कराई जाती है. साथ ही काम करने का समय तय नहीं है, जिसकी वजह से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं भृत्य का कहना है कि उन्हें बंगले में ड्यूटी करवाकर शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है.

दुर्ग: जिला एवं सत्र न्यायालयीन कर्मचारी संघ का आक्रोश दूसरे दिन भी शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. जिला अधिवक्ता संघ ने भी कर्मचारी संघ के इस अनिश्चितकालीन धरने का समर्थन किया है. बता दें कि जिला सत्र न्यायलय में शनिवार को जिला लोक अदालत का आयोजन किया गया था, जिसका सभी ने मिलकर बहिष्कार किया है.

वीडियो.

मामला शुक्रवार का है, जब एक महिला जज ने भृत्य को बंगले में ड्यूटी नहीं करने पर चार घंटे तक खड़े रहने की सजा सुनाई थी. इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ने पर कर्मचारियों ने जज के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने का फैसला किया था. इसी मामले को लेकर कर्मचारियों ने जिला लोक अदालत का बहिष्कार किया. साथ ही जज के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.

दी उग्र आंदोलन की चेतावनी
आंदोलन पर बैठे कर्मचारियों ने अपने मौलिक अधिकार की मांग करते हुए जज पर कई आरोप भी लगाए. साथ ही मांगें पूरी नहीं होने पर हड़ताल जारी रखने की बात कही है. कर्मचारियों का कहना था कि कुछ अधिकारियों का व्यवहार उनके प्रति अच्छा नहीं है. नियम के खिलाफ बंगले में ड्यूटी कराई जाती है. साथ ही काम करने का समय तय नहीं है, जिसकी वजह से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं भृत्य का कहना है कि उन्हें बंगले में ड्यूटी करवाकर शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है.

Intro:दुर्ग जिले में जिला एवं सत्र न्यायालयीन कर्मचारी संघ का आक्रोश दुसरे दिन भी शांत होने का नाम नही ले रहा है ..जिला सत्र न्यायलय में आज जिला लोक अदालत का आयोजन किया गया था न्यायालनीय कर्मचारी संघ ने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठा गए इस अनिश्चितकालीन घरने का समर्थन जिला अधिवक्ता संघ के भी दिया और सभी ने मिलकर लोक अदालत का बहिष्कार किया है .....Body:मामला बीते दिन का है जहा महिला जज के द्वारा भृत्य को बंगले में ड्यूटी नही करने पर 4 घंटे तक खड़े रहने की सजा सुनाई थी जिसके बाद उसकी तबियत बिगड़ने से कर्मचारियों ने जज के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था ..दुर्ग जिले में आज लोक अदालत का आयोजन किया गया था लोक अदालत में सहयोग करने के बजाय कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल में बैठे गए ...मामला कल की घटना से जुदा हुआ है लेकिन कर्मचारी का आक्रोश भी शांत नही हुआ...आंदोलन पर बैठे कर्मचारियों ने अपने मौलिक अधिकारी की मांग करते हुए जज पर आरोप लगाने से भी नही चुके ....उनका कहना था कि कुछ अधिकारियो का व्यवहार उनके प्रति निष्टकरिय नियम विरुध्द बगले में ड्यटी कराई जाता है...काम करने का भी घंटे या समय तय नही है ...उन सभी सब कर्मचारियों की मांग है कि इनका मौलिक अधिकार प्राप्त हो इस वजह से आज लोक अदालत का बहिष्कार करने आंदोलन पर बैठे है ...वही भृत्य का कहना है कि बगले में ड्यूटी करकर शाररिक रूप से प्रतडित किया जाता है जिसके चलते सेहत पर असर पड़ता है इसके पहले भी बगले में ड्यूटी के दौरान इतवारी साहू नाम की भृत्य की काम के बोझतले मौत हो चुकी है ..
Conclusion: कल भी एक ऐसी घटना हुई जिसमे एक भृत्य ने बंगल में काम करने से इंकार किया तो जज ने तानाशाही फैसला सुनते हुए उस भृत्य को 4 घंटे खड़े रहना पड़ा जिससे वह कर्मचारी बीमार हो गया ...जज के रवैये से नाराज होकर हमें मजबूरन आंदोलन के लिए उतरना पड़ा उनका कहाँ था कि जब तक हमारी मांगे पूरी नही होगी तब तक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेगे ....



बाईट_सुषमा मिश्रा,महिला कर्मचारी ,जिला सत्र न्यायलय दुर्ग



बाईट_राधेश्याम, कर्मचारी,जिला न्यायालय,दुर्ग
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