भिलाई: भिलाई इस्पात संयंत्र में आए दिन अनुकंपा नियुक्ति को लेकर विवाद होते रहता है. जिसका सबसे बड़ा कारण सेल की अनुकम्पा नियुक्ति के प्रावधानों की जटिलता है. सात दिन पहले बीएसपी कर्मचारी जी कामराजु की मौत बीएसपी प्लांट के एसएमएस 3 में काम के दौरान हो गई थी. जिसके बाद परिजनों ने अनुकम्पा नियुक्ति की मांग को लेकर शव के पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार से मना कर दिया है.
भिलाई इस्पात संयंत्र में कार्यरत जी कामराजु 21 सितंबर को प्लांट में काम के दौरान अचानक बेहोश होकर गिर पड़े, जिससे उनके सिर में चोट लगने से उनकी मृत्यु हो गई. अब परिवार ने अनुकम्पा नियुक्ति को लेकर प्रबंधन से मांग की, लेकिन बीएसपी प्रबंधन ने मांग को मानने इंकार कर दिया है. वहीं सात दिन के बाद भी परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने के लिए मना कर दिया है. इस घटनाक्रम में बीएसपी प्रबंधन की ओर से अनुकम्पा नियुक्ति को लेकर कोई भी सकारात्मक रवैया नहीं आने पर परिजनों ने निर्णय लिया कि जबतक प्रबंधन की ओर से परिवार के किसी एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति का पत्र नहीं मिलेगा, तबतक वे मृतक जी कामराजु के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे.
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'अनुकंपा नियुक्ति के लिए पात्र नहीं'
परिवार का आरोप है कि बीएसपी प्रबंधन प्लांट के अंदर हुई दुर्घटना को एक घटना का रूप देकर अनुकंपा नियुक्ति से पल्ला झाड़ने में लगा हुआ है और अपने पुराने अनुकंपा नियमों में संशोधन का हवाला देते हुए नियुक्ति से इंकार कर रहा है. सेल के वर्तमान नियमों के अनुसार अगर किसी बीएसपी कर्मचारी की प्लांट में मृत्यु हो जाती है और उनके परिवार में (पत्नी, पुत्र, पुत्री) किसी की भी सरकारी नौकरी है तो वे अनुकंपा नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होंगे. इसी तर्क पर प्रबंधन और परिवार का गतिरोध बना हुआ है और पीड़ित परिवार को मृतक के अंतिम संस्कार करने के लिए दबाव डाला जा रहा है. पुलिस ने भी पोस्टमार्टम के लिए परिवार से अनुमती पत्र पर साइन चाहती है, लेकिन परिजनों ने मना कर दिया है.
चर्चा के बाद ही कोई फैसला
शव के डिकम्पोज होने का खतरा भी बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण जिला प्रशासन की मुश्किलें बढ़ गई है. जिला कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर भुरे ने कहा है कि बीएसपी प्रबंधन से इस विषय पर चर्चा के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा.