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वेस्ट से बेस्ट: धमतरी में इन महिलाओं ने कचरा से बना डाला घर का सजावटी सामान....

धमतरी में स्वच्छता (Cleanliness) की दीदियों ने कचरा अपशिष्ट (garbage waste) के माध्यम से अलग-अलग सजावटी सामान (decorative items) बनाने का काम शुरू कर दिया है. इससे एक तरफ जहां उनके लिए आमदनी का एक मार्ग प्रशस्त हुआ है वहीं वह इसके सहारे पर्यावरण सुरक्षा का भी बड़ा संदेश दे रही हैं.

Big message of cleanliness didis in Dhamtari
धमतरी में स्वच्छता दीदियों का बड़ा संदेश
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Published : Nov 10, 2021, 10:08 PM IST

Updated : Nov 10, 2021, 10:13 PM IST

धमतरीः शहर की शक्ल बदलने में स्वच्छता दीदियों का योगदान शायद ही कोई भूल सकता है. सुबह सिटी की आवाज सुनते ही लोग अपने घरों से बाहर निकलते हैं. उनके हाथों में घर का कचरा होता है. जिसे स्वच्छता दीदियों द्वारा प्रत्येक घरों से डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन (door-to-door garbage collection) किया जाता है. ये उनका रोजमर्रा का काम हो गया है.

धमतरी में स्वच्छता दीदियों का बड़ा संदेश

लेकिन इन महिलाओं ने अब उन्ही कचरों से वेस्ट से बेस्ट खोज निकाला है. जिसके तहत ये महिलाएं कचरा से घर सजाने का सामान बना रही है. एक से बढ़ कर एक आकर्षक डिजाइन (attractive design) तैयार कर इन महिलाओं ने एक अच्छी पहल की है. उन्हें अब आमदनी के लिए खरीददार का इंतजार है. धमतरी में स्वच्छता का काम कर रही महिलाएं समाज के लिए नजीर बनकर सामने आई हैं.

ये महिलाएं मणिकंचन केंद्र में पदस्थ सुपरवाईजर रंजीता पटवा के नेतृत्व में अनुपयोगी सामानों से सजावट का सामान तैयार कर रही हैं. उनके इस प्रयास से कचरा प्रबंधन (waste management) के गुर सिखाने के साथ ही लोगों को ग्लोबल वार्मिंग के प्रति सचेत भी कर रही हैं. कचरा से सजावट का सामान बनाने का काम सबसे पहले रंजीता पटवा ने प्रारंभ किया. तब वे स्वच्छता दीदियों को ये काम सिखा कर उन्हें आत्मनिर्भर बनने प्रेरित कर रही हैं.

मणिकंचन केंद्र की सुपरवाईजर रंजीता पटवा ने बताया कि उनके साथ में 20 महिलाएं काम करती हैं, जो रोज 40 वार्ड में से 6 वार्डों के डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन करती हैं. कचरा को लाकर मणिकंचन केंद्र में संग्रहित कर गीला और सूखा अलग करती हैं. इस दौरान उन्हें टूटे-फूटे वेस्टेज सामान मिल जाते हैं. उन्हें वे घर सजावट के सामान बनाने के लिए रख लेती हैं.

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अनुपयोगी वस्तुओं से बना रही हैं सजावटी सामान

वे बताती हैं कि खाली समय में अनुपयोगी सामानों के इस्तेमाल से सजावट का सामान तैयार किया जाता है और धरती भी कचरे के नुकसान से बच जाती है. सजावट के सामान बनाने के लिए महिलाएं अनुपयोगी प्लास्टिक के बोतल, एक्स-रे प्लेट, डिस्पोजल, खड्डे, खाली पेन, ऊन और धागे के टुकड़ों का इस्तेमाल करती हैं. जो काफी आकर्षक सजावट के रूप में बनकर तैयार हो जाती है.

इन महिलाओं ने डिस्पोजल ग्लास से झूमर और सजावटी गुलदस्ता, पुराने बोरे तथा उन के टुकड़ों से खूबसूरत कालीन, प्लास्टिक के अनुपयोगी बोरो से टोकरी, डिस्पोजल ग्लास से झूमर तैयार किया है. अब उन्हें सही मार्केटिंग की जरूरत है. पिछले दिनों इन महिलाओं ने राज्योत्सव में लगाये गये स्टाल में अपनी कलाकारी की प्रदर्शनी भी लगाई थीं. जिसे लोगों ने खूब सराहा था.

महापौर ने की लोगों से बड़ी अपील

मणिकंचन केंद्र की महिलाओं ने बताया कि उन्हें दिनभर के कामों में बहुत वक्त लग जाता है. थोड़ा टाइम निकालकर सजावट सामान बनाने में जुटती हैं. महिलाओं का अभिनव प्रयास देखकर नगर निगम महापौर ने भी उनके कामों में सराहा है. साथ ही लोगों से अपील की है कि महिलाओं से सजावट सामान लेकर उन्हें मदद करें.

धमतरीः शहर की शक्ल बदलने में स्वच्छता दीदियों का योगदान शायद ही कोई भूल सकता है. सुबह सिटी की आवाज सुनते ही लोग अपने घरों से बाहर निकलते हैं. उनके हाथों में घर का कचरा होता है. जिसे स्वच्छता दीदियों द्वारा प्रत्येक घरों से डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन (door-to-door garbage collection) किया जाता है. ये उनका रोजमर्रा का काम हो गया है.

धमतरी में स्वच्छता दीदियों का बड़ा संदेश

लेकिन इन महिलाओं ने अब उन्ही कचरों से वेस्ट से बेस्ट खोज निकाला है. जिसके तहत ये महिलाएं कचरा से घर सजाने का सामान बना रही है. एक से बढ़ कर एक आकर्षक डिजाइन (attractive design) तैयार कर इन महिलाओं ने एक अच्छी पहल की है. उन्हें अब आमदनी के लिए खरीददार का इंतजार है. धमतरी में स्वच्छता का काम कर रही महिलाएं समाज के लिए नजीर बनकर सामने आई हैं.

ये महिलाएं मणिकंचन केंद्र में पदस्थ सुपरवाईजर रंजीता पटवा के नेतृत्व में अनुपयोगी सामानों से सजावट का सामान तैयार कर रही हैं. उनके इस प्रयास से कचरा प्रबंधन (waste management) के गुर सिखाने के साथ ही लोगों को ग्लोबल वार्मिंग के प्रति सचेत भी कर रही हैं. कचरा से सजावट का सामान बनाने का काम सबसे पहले रंजीता पटवा ने प्रारंभ किया. तब वे स्वच्छता दीदियों को ये काम सिखा कर उन्हें आत्मनिर्भर बनने प्रेरित कर रही हैं.

मणिकंचन केंद्र की सुपरवाईजर रंजीता पटवा ने बताया कि उनके साथ में 20 महिलाएं काम करती हैं, जो रोज 40 वार्ड में से 6 वार्डों के डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन करती हैं. कचरा को लाकर मणिकंचन केंद्र में संग्रहित कर गीला और सूखा अलग करती हैं. इस दौरान उन्हें टूटे-फूटे वेस्टेज सामान मिल जाते हैं. उन्हें वे घर सजावट के सामान बनाने के लिए रख लेती हैं.

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अनुपयोगी वस्तुओं से बना रही हैं सजावटी सामान

वे बताती हैं कि खाली समय में अनुपयोगी सामानों के इस्तेमाल से सजावट का सामान तैयार किया जाता है और धरती भी कचरे के नुकसान से बच जाती है. सजावट के सामान बनाने के लिए महिलाएं अनुपयोगी प्लास्टिक के बोतल, एक्स-रे प्लेट, डिस्पोजल, खड्डे, खाली पेन, ऊन और धागे के टुकड़ों का इस्तेमाल करती हैं. जो काफी आकर्षक सजावट के रूप में बनकर तैयार हो जाती है.

इन महिलाओं ने डिस्पोजल ग्लास से झूमर और सजावटी गुलदस्ता, पुराने बोरे तथा उन के टुकड़ों से खूबसूरत कालीन, प्लास्टिक के अनुपयोगी बोरो से टोकरी, डिस्पोजल ग्लास से झूमर तैयार किया है. अब उन्हें सही मार्केटिंग की जरूरत है. पिछले दिनों इन महिलाओं ने राज्योत्सव में लगाये गये स्टाल में अपनी कलाकारी की प्रदर्शनी भी लगाई थीं. जिसे लोगों ने खूब सराहा था.

महापौर ने की लोगों से बड़ी अपील

मणिकंचन केंद्र की महिलाओं ने बताया कि उन्हें दिनभर के कामों में बहुत वक्त लग जाता है. थोड़ा टाइम निकालकर सजावट सामान बनाने में जुटती हैं. महिलाओं का अभिनव प्रयास देखकर नगर निगम महापौर ने भी उनके कामों में सराहा है. साथ ही लोगों से अपील की है कि महिलाओं से सजावट सामान लेकर उन्हें मदद करें.

Last Updated : Nov 10, 2021, 10:13 PM IST
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