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धमतरी में बारिश की वजह से बढ़ रहा बांधों का जल स्तर - धमतरी में बांधों का स्थिति

पिछले कुछ दिनों से छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है. इस बारिश से अब बांध का जल स्तर (water level of dams) तेजी से बढ़ने लगा है. इसके अलावा शहर के दूसरे बांधों में भी वॉटर लेवल बढ़ गया है. जिसे देखते हुए प्रशासन भी अलर्ट पर है.

Water level of dams
बढ़ रहा बांध का जलस्तर
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Published : Jun 28, 2021, 6:02 PM IST

धमतरी: जिले में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से अब बांध का जल स्तर तेजी से बढ़ने लगा है. 32.150 टीएमसी जल भराव क्षमता वाले गंगरेल बांध (Gangrel Dam) में वर्तमान में 11.530 टीएमसी उपयोगी पानी के अलावा कुल 16.601 टीमएसी पानी का भराव हो चुका है. गंगरेल बांध के कैचमेंट एरिया (catchment area) से भी लगातार पानी का बहाव जारी है.

बढ़ रहा बांध का जलस्तर

प्रदेश के बड़े बांधों में शुमार गंगरेल बांध में करीब 50 फीसदी पानी का भराव हो गया है. बांध में अब तक 16 टीएमसी से ज्यादा पानी जमा हो चुका है. आने वाले समय में तेज बारिश हुई तो बांध का गेट खोला जा सकता है. बताया जा रहा है कि 1 जून से अब तक कुल 128 मिलीलीटर बारिश हो चुकी है. इसके साथ ही कैचमेंट एरिया से प्रति सेकेंड 670 क्यूसेक पानी का जल जमाव हो चुका है.

जिले के दूसरे बांधों की स्थिति:

  • मॉडमसिल्ली बांध में 40 प्रतिशत
  • दुधावा बांध में 32 प्रतिशत
  • सोंढुर बांध में 57 प्रतिशत जलभराव हो चुका है.

फिलहाल बांध के हेड रेगुलेटर भिलाई नहर में 400 क्यूसेक और रेडियल गेट से 115 क्यूसेक समेत कुल 515 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है.

छत्तीसगढ़ में बाढ़ को देखते हुए कैसी हैं तैयारियां, पिकनिक स्पॉट्स पर सुरक्षा के क्या हैं इंतजाम ?

नदी किनारे बसे गांव के लिए आफत

बांध में जलभराव ज्यादा होने पर यहां का पानी महानदी में छोड़ा जाता है. इससे नदी किनारे बसे गांवो में आफत आ जाती है. नदी से सटे गांवो में बाढ़ का खतरा भी हो जाता है. बहरहाल जिला प्रशासन ने हालात से निपटने के लिए व्यापक तैयारियां शुरू कर दी है. भारी बारिश की संभावना (possibility of rain) के मद्देनजर बाढ़ आपदा बचाव कार्य के लिए बचाव दल गठित करने के साथ ही जरूरी तैयारियां पूरी कर ली गई है.

क्या है प्रशासन की तैयारी ?

गंगरेल, मॉडमसिल्ली, रुद्री बैराज और सोंढूर बांध देखने दूर-दूर से लोग आते हैं. बाढ़ के हालात और किसी भी तरह की आपदा से निपटने के लिए नगर सेना बाढ़ बचाव दल (flood rescue team) में 22 जवानों को शामिल किया गया है. ट्रेनिंग के बाद ये जवान 15 जून से लेकर 15 अक्टूबर तक नगर सेना लाइन रुद्री में तैनात किए गए हैं.

77 से ज्यादा गांव होते हैं प्रभावित

जिले में ऐसे 77 गांव हैं, जो बाढ़ से प्रभावित हैं. इन गांवों में 4 महीने का राशन और खाद बीज का भंडारण स्थानीय शासकीय भवनों सहित सामुदायिक भवनों में सुनिश्चित किया गया है. इसके अलावा ऐसे गांव जो ज्यादा बारिश से प्रभावित हो सकते हैं, उनकी सूची तैयार की गई है. बारिश से संपर्क टूटने वाली सड़कों की सूची भी तैयार की गई है. वहीं आपातकालीन स्थिति में लोगों को अस्थाई तौर पर ठहराने के लिए भवनों का भी चयन किया गया है.

धमतरी: जिले में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से अब बांध का जल स्तर तेजी से बढ़ने लगा है. 32.150 टीएमसी जल भराव क्षमता वाले गंगरेल बांध (Gangrel Dam) में वर्तमान में 11.530 टीएमसी उपयोगी पानी के अलावा कुल 16.601 टीमएसी पानी का भराव हो चुका है. गंगरेल बांध के कैचमेंट एरिया (catchment area) से भी लगातार पानी का बहाव जारी है.

बढ़ रहा बांध का जलस्तर

प्रदेश के बड़े बांधों में शुमार गंगरेल बांध में करीब 50 फीसदी पानी का भराव हो गया है. बांध में अब तक 16 टीएमसी से ज्यादा पानी जमा हो चुका है. आने वाले समय में तेज बारिश हुई तो बांध का गेट खोला जा सकता है. बताया जा रहा है कि 1 जून से अब तक कुल 128 मिलीलीटर बारिश हो चुकी है. इसके साथ ही कैचमेंट एरिया से प्रति सेकेंड 670 क्यूसेक पानी का जल जमाव हो चुका है.

जिले के दूसरे बांधों की स्थिति:

  • मॉडमसिल्ली बांध में 40 प्रतिशत
  • दुधावा बांध में 32 प्रतिशत
  • सोंढुर बांध में 57 प्रतिशत जलभराव हो चुका है.

फिलहाल बांध के हेड रेगुलेटर भिलाई नहर में 400 क्यूसेक और रेडियल गेट से 115 क्यूसेक समेत कुल 515 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है.

छत्तीसगढ़ में बाढ़ को देखते हुए कैसी हैं तैयारियां, पिकनिक स्पॉट्स पर सुरक्षा के क्या हैं इंतजाम ?

नदी किनारे बसे गांव के लिए आफत

बांध में जलभराव ज्यादा होने पर यहां का पानी महानदी में छोड़ा जाता है. इससे नदी किनारे बसे गांवो में आफत आ जाती है. नदी से सटे गांवो में बाढ़ का खतरा भी हो जाता है. बहरहाल जिला प्रशासन ने हालात से निपटने के लिए व्यापक तैयारियां शुरू कर दी है. भारी बारिश की संभावना (possibility of rain) के मद्देनजर बाढ़ आपदा बचाव कार्य के लिए बचाव दल गठित करने के साथ ही जरूरी तैयारियां पूरी कर ली गई है.

क्या है प्रशासन की तैयारी ?

गंगरेल, मॉडमसिल्ली, रुद्री बैराज और सोंढूर बांध देखने दूर-दूर से लोग आते हैं. बाढ़ के हालात और किसी भी तरह की आपदा से निपटने के लिए नगर सेना बाढ़ बचाव दल (flood rescue team) में 22 जवानों को शामिल किया गया है. ट्रेनिंग के बाद ये जवान 15 जून से लेकर 15 अक्टूबर तक नगर सेना लाइन रुद्री में तैनात किए गए हैं.

77 से ज्यादा गांव होते हैं प्रभावित

जिले में ऐसे 77 गांव हैं, जो बाढ़ से प्रभावित हैं. इन गांवों में 4 महीने का राशन और खाद बीज का भंडारण स्थानीय शासकीय भवनों सहित सामुदायिक भवनों में सुनिश्चित किया गया है. इसके अलावा ऐसे गांव जो ज्यादा बारिश से प्रभावित हो सकते हैं, उनकी सूची तैयार की गई है. बारिश से संपर्क टूटने वाली सड़कों की सूची भी तैयार की गई है. वहीं आपातकालीन स्थिति में लोगों को अस्थाई तौर पर ठहराने के लिए भवनों का भी चयन किया गया है.

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