धमतरी: रेत उत्खनन मामले में धमतरी जिला हमेशा सुर्खियां में रहा है. इन दिनों करेली बड़ी के ग्रामीण रेत खदान को बंद करने की मांग पर डटे हुए हैं. जिला प्रशासन की टीम गांव पहुंची. पंचायत में आवश्यक बैठक कर ग्रामीणों को समझाइश दी गई. बावजूद इसके ग्रामीण अपनी मांग पर डटे हुए हैं. प्रशासन को बैरंग ही लौटना पड़ा.
करेली बड़ी: रेत खदान बंद कराने के लिए ग्रामीण अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
खनिज विभाग ने करेली बड़ी में रेत खदान संचालित करने टेंडर निकालकर ठेकेदार को दिया है. ठेकेदार चेन माउंटेन और जेसीबी मशीन से रेत खनन कर परिवहन करा रहा है. ठेकेदार माइनिंग एक्ट के नियम कानून को ताक में रख कर काम कर रहा है. इससे नाराज ग्रामीण खदान बंद कराने की मांग पर अड़ गए हैं.
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प्रशासन की टीम को वापस लौटना पड़ा
ग्रामीणों ने 19 फरवरी को कलेक्टर जनदर्शन में आवेदन दिया था. अब कार्रवाई नहीं होने पर सत्यनारायण मंदिर के पास धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. जिला प्रशासन की टीम ने ग्रामीणों को जोड़कर समझौता करने की कोशिश की. बावजूद इसके प्रशासन का सुझाव असफल हो गया. प्रशासन की टीम को वापस लौटना पड़ा.
ग्रामीण सड़क की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार
कलेक्टर जेपी मौर्य, पुलिस अधीक्षक बीपी राजभानू, एसडीएम योगिता देवांगन, खनिज अधिकारी सनत साहू और पंचायत पदाधिकारियों की बैठक थी. बैठक में प्रशासनिक सुझाव और चर्चा की गई. ग्रामीणों को एक बार और विचार करने को कहा गया है. करेली बड़ी के ग्रामीण एकजुट होकर सड़क की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं.
प्रशासन की तमाम कोशिशें नाकाम
मामले में कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने ग्रामीणों को आश्वलासन दिया है. अब पूरे नियम के तहत ही यहां पर रेत उत्खनन होगा. बावजूद ग्रामीण किसी भी स्थिति में रेत खनन शुरू नहीं करने की मांग पर अड़े हुए हैं. प्रशासन की तमाम कोशिशें नाकाम साबित हो रहे हैं.