धमतरी: आदिवासियों की जमीन को अधिकारियों से साठगांठ कर फर्जी तरीके से हड़पने और एक आदिवासी परिवार का जबरन हुक्कापानी बंद करने के मामले को लेकर आदिवासी समाज में भारी नाराजगी देखी जा रही है. मगरलोड क्षेत्र के ग्राम बेलरदोना, कपालफोड़ी, नारधा, शुक्लाभाठा, मड़ेली, कुल्हाड़ीकोट और धौराभाठा सहित अन्य गांवों के आदिवासी परिवारों की जमीन फर्जी तरीके से हड़पने (tribal society angry over fake sale land of tribals in Dhamtari) से संबंधित करीब 10 प्रकरण लंबे समय से लंबित है. मामले को लेकर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. सोमवार को सर्वआदिवासी समाज के बैनरतले जिले के मगरलोड ब्लॉक के करीब 5-6 गांवों के बड़ी संख्या में ग्रामीण कलेक्टर से मुलाकात कर इसकी शिकायत करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
आदिवासियों की जमीन हड़पने के आरोप: आदिवासी समाज का कहना है कि "मड़ेली के एक दलाल व्यक्ति द्वारा गांव के जमीनों को कब्जा किया जा रहा है. दलाल द्वारा जालसाजी करके जमीन की ब्रिकी (tribal society angry in dhamtari) की जा रही है. आरोप है कि "जालसाजी करके आदिवासियों की लगानी जमीन की भी बिक्री कर रहा है. जबकि इसके सभी दस्तावेज पीड़ित परिवारों के पास है."
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क्या है आदिवासी परिवार को गांव से बहिष्कृत करने का मामला: नारधा के रहने वाले रामूराम कंवर को बेजबरन गांव से बहिष्कृत करने का मामला सामने आया है. गांव में उनका हुक्कापानी बंद कर दिया गया है. रामू राम का कहना है कि "उन पर घास जमीन को कब्जा किए जाने का आरोप है, जबकि गांव प्रमुखों की सहमति से अन्य लोगों को भी जमीन आबंटित की गई थी. स्थानीय सरपंच द्वारा उन्हें बेजबरन प्रताड़ित किया जा रहा है, क्योंकि उन्होंने गांव के एक तालाब को लीज पर लिया था और उस पर मछलीपालन कर रहा था." इसी तरह मड़ेली के रहने वाले रोशन कुमार ग्रामसभा में प्रस्ताव के बावजूद पट्टा नही दिया गया है.
कलेक्टर ने जांच कर उचित कार्रवाई का दिया आश्वासन: सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष जीवराखन लाल मरई ने बताया कि "इन मामलों की शिकायत बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. सर्वआदिवासी समाज के संज्ञान में आने के बाद पीड़ित परिवारों के साथ इसकी शिकायत कलेक्टर से की गई है. वहीं कार्रवाई नहीं होने पर उन्होने आंदोलन करने की बात कही है. इधर कलेक्टर पीएस एल्मा ने एक सप्ताह के भीतर जांच के बाद उचित कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है.