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SPECIAL: छत्तीसगढ़ के 'ट्री मैन', जिन्होंने लगाए डेढ़ लाख से ज्यादा पौधे

आमतौर पर पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी से ही समय नहीं निकाल पाते हैं, लेकिन शहर में एक ऐसे पुलिसकर्मी हैं, जो अपनी ड्यूटी के साथ पर्यावरण की देखभाल भी कर रहे हैं.

tree man of chhattisgarh
छत्तीसगढ़ के 'ट्री मैन' शत्रुघ्न पांडेय
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Published : Dec 22, 2020, 8:35 PM IST

धमतरी: पुलिसवालों पर अपने विभाग की ड्यूटी का ही इतना बोझ रहता है कि वो अपने परिवार तक को समय नहीं दे पाते, लेकिन धमतरी के एक पुलिसकर्मी ने कुछ ऐसा कर दिखया कि वह लोगों के लिए मिसाल बन गई. अपनी ड्यूटी से समय निकालकर ये नेक काम करने वाले पुलिसकर्मी का नाम है शत्रुघ्न पांडेय. जिन्हें लोग पांडेय जी कहकर पुकारते हैं जो एसआई के पद पर कार्यरत हैं. इन्होंने 40 साल की नौकरी में न सिर्फ 1 लाख 85 हजार पौधे लगाए, बल्कि उनको पौधे से पेड़ भी बनाया. दर्जनों प्याउ खोले. इतना ही नहीं उन्होंने कई गरीब बच्चों के शिक्षा और शादी का खर्च भी उठाया है.

छत्तीसगढ़ के 'ट्री मैन'

पुलिस वाला कहते ही जेहन में जो आम तस्वीर बनती है, पांडेय जी भी उससे अलग नहीं हैं. खाकी वर्दी, बेल्ट में वायरलेस सेट और सिर पर टोपी. लेकिन इस खाकी के अंदर जो इंसान है वो बाकी पुलिसवालों से एकदम अलग है. क्योंकि उनकी सेवा और उपलब्धि सब से हटकर है. शत्रुघ्न पांडेय आज से 40 साल पहले बतौर आरक्षक पुलिस में भर्ती हुए थे. आज उनके कंधों पर दो सितारे चमक रहे हैं, लेकिन ये 40 साल सिर्फ आरक्षक से उप निरिक्षक बनने मात्र का सफर नहीं है. इन चार दशको में शत्रुघ्न पांडेय पांडेय जी भी हो गए.

जहां रहे उस जगह को कर दिया हराभरा

इनके नाम के बाद ये जो जी लगा है उसके पीछे वो एक लाख 85 हजार पेड़ हैं जिन्हें कभी शत्रुघ्न पांडेय ने रोपा था. खाद पानी दिया, सींचा और पौधे को पेड़ बनाया. पौधे रोप देना आसान है, लेकिन उन्हें पूरी देखभाल के साथ पेड़ बनाना ये आसान नहीं होता. लेकिन पांडेय जी ने वो कठिन काम भी किया. सिर्फ यहीं नहीं, उन्होंने दर्जनों प्याऊ भी खोल रखे हैं जो गर्मियों में लोगों की प्यास बुझाते हैं. 40 साल में शत्रुघ्न पांडेय धमतरी के लगभग सभी थानो में पदस्थ हो चुके हैं. वो जिस थाने में भी रहे उस इलाके को हराभरा कर दिया. धमतरी ही नहीं छत्तीसगढ़ के जिस जिले में रहे, वहां अपने सेवा भाव से अपनी गहरी छाप छोड़ी है.

पढ़ें: SPECIAL: पटवारियों की हड़ताल ने बढ़ाई किसानों की परेशानी, रकबा सुधार के दावे भी फेल

मदद करने में पीछे नहीं हटते एसआई पांडेय

फिलहाल धमतरी यातायात पुलिस में सेवा दे रहे पांडेय जी अपनी पुलिस की ड्यूटी में काफी इमानदार माने जाते हैं, लेकिन सड़क पर पुलिसिंग करते हुए कोई मजबूर मजलूम मिल जाए तो उसे हर संभव मदद करने में भी पीछे नहीं रहते. उनकी ये फितरत पुलिस विभाग की छवि को भी निखारने में मदद करती है. यहीं वजह है कि आला अफसर भी खुलकर उनकी तारीफ करते रहते हैं.

सरकार से सम्मान मिलने की जरूरत

पुलिस, जनता और प्रकृति की सेवा करते करते अब पांडेय जी के रिटायर होने का समय करीब आ चुका है. बाल सफेद हो चुके हैं. लेकिन हैरानी की बात ये है कि उनके इस समाज और प्रकृति के लिए योगदान को कभी प्रोत्साहन नहीं मिल पाया. धमतरी के आम लोग भी चाहते हैं कि पांडेय जी को सम्मान सरकार की तरफ से मिलना चाहिए.
सरकार पांडेय जी के लिए कुछ करेगी या नहीं ये तो पता नहीं. लेकिन एक सामान्य व्यक्ति होकर भी प्रकृति और समाज को कैसे पल्लवित किया जा सकता है, ये जरूर शत्रुघ्न पांडेय से सीखा जा सकता है.

धमतरी: पुलिसवालों पर अपने विभाग की ड्यूटी का ही इतना बोझ रहता है कि वो अपने परिवार तक को समय नहीं दे पाते, लेकिन धमतरी के एक पुलिसकर्मी ने कुछ ऐसा कर दिखया कि वह लोगों के लिए मिसाल बन गई. अपनी ड्यूटी से समय निकालकर ये नेक काम करने वाले पुलिसकर्मी का नाम है शत्रुघ्न पांडेय. जिन्हें लोग पांडेय जी कहकर पुकारते हैं जो एसआई के पद पर कार्यरत हैं. इन्होंने 40 साल की नौकरी में न सिर्फ 1 लाख 85 हजार पौधे लगाए, बल्कि उनको पौधे से पेड़ भी बनाया. दर्जनों प्याउ खोले. इतना ही नहीं उन्होंने कई गरीब बच्चों के शिक्षा और शादी का खर्च भी उठाया है.

छत्तीसगढ़ के 'ट्री मैन'

पुलिस वाला कहते ही जेहन में जो आम तस्वीर बनती है, पांडेय जी भी उससे अलग नहीं हैं. खाकी वर्दी, बेल्ट में वायरलेस सेट और सिर पर टोपी. लेकिन इस खाकी के अंदर जो इंसान है वो बाकी पुलिसवालों से एकदम अलग है. क्योंकि उनकी सेवा और उपलब्धि सब से हटकर है. शत्रुघ्न पांडेय आज से 40 साल पहले बतौर आरक्षक पुलिस में भर्ती हुए थे. आज उनके कंधों पर दो सितारे चमक रहे हैं, लेकिन ये 40 साल सिर्फ आरक्षक से उप निरिक्षक बनने मात्र का सफर नहीं है. इन चार दशको में शत्रुघ्न पांडेय पांडेय जी भी हो गए.

जहां रहे उस जगह को कर दिया हराभरा

इनके नाम के बाद ये जो जी लगा है उसके पीछे वो एक लाख 85 हजार पेड़ हैं जिन्हें कभी शत्रुघ्न पांडेय ने रोपा था. खाद पानी दिया, सींचा और पौधे को पेड़ बनाया. पौधे रोप देना आसान है, लेकिन उन्हें पूरी देखभाल के साथ पेड़ बनाना ये आसान नहीं होता. लेकिन पांडेय जी ने वो कठिन काम भी किया. सिर्फ यहीं नहीं, उन्होंने दर्जनों प्याऊ भी खोल रखे हैं जो गर्मियों में लोगों की प्यास बुझाते हैं. 40 साल में शत्रुघ्न पांडेय धमतरी के लगभग सभी थानो में पदस्थ हो चुके हैं. वो जिस थाने में भी रहे उस इलाके को हराभरा कर दिया. धमतरी ही नहीं छत्तीसगढ़ के जिस जिले में रहे, वहां अपने सेवा भाव से अपनी गहरी छाप छोड़ी है.

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मदद करने में पीछे नहीं हटते एसआई पांडेय

फिलहाल धमतरी यातायात पुलिस में सेवा दे रहे पांडेय जी अपनी पुलिस की ड्यूटी में काफी इमानदार माने जाते हैं, लेकिन सड़क पर पुलिसिंग करते हुए कोई मजबूर मजलूम मिल जाए तो उसे हर संभव मदद करने में भी पीछे नहीं रहते. उनकी ये फितरत पुलिस विभाग की छवि को भी निखारने में मदद करती है. यहीं वजह है कि आला अफसर भी खुलकर उनकी तारीफ करते रहते हैं.

सरकार से सम्मान मिलने की जरूरत

पुलिस, जनता और प्रकृति की सेवा करते करते अब पांडेय जी के रिटायर होने का समय करीब आ चुका है. बाल सफेद हो चुके हैं. लेकिन हैरानी की बात ये है कि उनके इस समाज और प्रकृति के लिए योगदान को कभी प्रोत्साहन नहीं मिल पाया. धमतरी के आम लोग भी चाहते हैं कि पांडेय जी को सम्मान सरकार की तरफ से मिलना चाहिए.
सरकार पांडेय जी के लिए कुछ करेगी या नहीं ये तो पता नहीं. लेकिन एक सामान्य व्यक्ति होकर भी प्रकृति और समाज को कैसे पल्लवित किया जा सकता है, ये जरूर शत्रुघ्न पांडेय से सीखा जा सकता है.

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