धमतरी: जिले के नगरी ब्लॉक के राष्ट्रीय गौरव ग्राम का दर्जा प्राप्त बेलरगांव में सरकार ने स्टेडियम तो बना दिया, लेकिन उसके बाद अब तक इसे देखने प्रशासन का कोई नुमाइंदा गांव नहीं पहुंचा.
पांच साल पहले इस स्टेडियम को 51 लाख की लागत से बनवाया गया था. निर्माण एजेंसी RES विभाग थी और विभाग ने स्टेडियम को खेतों के बीचो-बीच बना दिया. स्टेडियम में गेट तो है, लेकिन गेट तक पहुंचने के लिए रास्ता नहीं है. इसके चारो तरफ खेतों में धान की फसल लहलहा रही है. भला सोचिए कि आखिर खिलाड़ी यहां तक पहुंचेंगे कैसे? और अगर पहुंच गए तो अंदर बिल्कुल भी गुजाईश नहीं है कि कोई खेल खेला भी जा सके.
असामाजिक तत्व स्टेडियम को कर रहे खराब
निर्माण के बाद आज तक इस स्टेडियम का एक बार भी उपयोग नहीं किया जा सका है और तो और गांव के शराबी, जुआरी और असामाजिक तत्व जरूर इस स्टेडियम का जमकर उपयोग कर रहे हैं और इन्हीं कारणों से इसका बेहाल है.
स्टेडियम का हाल अब कुछ ऐसा है कि यहां कि खिड़कियां, पंखे, लाईट सब कुछ तहस-नहस हो चुके हैं. इसके अलावा यहां की दीवारें, बाउंड्रीवाल, लोहे का मेनगेट, ट्री गार्ड सब बर्बाद हो रहा है.
जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान
इस स्टेडियम का लोकार्पण तत्कालीन सिहावा विधायक और भाजपा नेता श्रवण मरकाम के हाथों हुआ था. अब न तो पूर्व विधायक को इसकी सुध है, न ही नई कांग्रेस विधायक लक्ष्मी ध्रुव यहां ध्यान देना जरूरी समझती हैं और न ही जिला प्रशासन ने कभी स्टेडियम का हाल-चाल जानने की कोशिश की, लेकिन इसे लेकर गांव के खिलाड़ी और निवासी जरूर परेशान हैं.
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कलेक्टर ने मामले में संज्ञान लेने का आश्रासन जरूर दिया है. लेकिन सवाल यह उठता कि, पहले तो स्टेडियम को खेतों के बीचों बीच क्यों बनवाया गया और फिर इसकी देखरेख क्यों नहीं की गई. अगर प्रशासन पहले ही इस ओर ध्यान देता तो शायद जनता की गाढ़ी कमाई से बने इस स्टेडियम की दुर्दशा न होती.