धमतरी : गर्मी की छुट्टियों के बाद एक जुलाई से स्कूल शुरू होने जा रहे हैं, लेकिन जिले के स्कूलों में शिक्षकों की कमी अब भी दूर नहीं हो पाई है. जिले में तकरीबन 1 हजार 978 शिक्षकों की कमी बनी हुई है, जिसमें सबसे ज्यादा गणित, विज्ञान और अंग्रेजी संकाय के शिक्षक शामिल हैं.
दरअसल, जिले में करीब 1 हजार 4092 स्कूल संचालित हैं, जहां कक्षा पहली से लेकर बारहवीं तक बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं. इस साल शिक्षकों की कमी के कारण दसवीं में 70.46 फीसदी और बारहवीं में 85.32 फीसदी रिजल्ट आया है, जबकि निजी स्कूलों का सरकारी स्कूलों की बजाए बेहतर परिणाम सामने आया है.
मांग के बाद भी नहीं प्रशासन गंभीर नहीं
जिले में वनांचल क्षेत्र नगरी-सिहावा, बेलरगांव, रिसगांव, दक्षिण सिंगपुर और धमतरी डूबान क्षेत्र के स्कूलों का परिणाम शिक्षकों की कमी के चलते सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, जबकि पिछले सत्र में स्कूल खुलते ही वनांचल में रहने वाले पालक शिक्षकों की मांग करने बार-बार जनदर्शन में भी पहुंचते रहे हैं, लेकिन अधिकारियों ने उस समय मामले में गंभीरता नहीं दिखाई.
1 हजार 978 पद खाली
शिक्षा विभाग के मुताबिक प्राथमिक से लेकर हायर सेकंडरी स्कूल में कुल 7,917 शिक्षकों के पद हैं, लेकिन सिर्फ 6 हजार 66 शिक्षक ही पदस्थ हैं, जबकि 1978 शिक्षकों का पद अब भी रिक्त हैं. इसमें सर्वाधिक वर्ग-3 में 1231 शिक्षकों के पद खाली हैं. इसी तरह वर्ग-2 में 519 और वर्ग-1 में 228 शिक्षकों की कमी बनी हुई है. अधिकांश स्कूलों में प्रभार से काम चलाया जा रहा है. यही कारण है कि इसका सीधा असर बच्चों के रिजल्ट पर भी पड़ रहा है.
'जल्द भरे जाएंगे पद'
इस मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि, 'शिक्षकों की कमी को देखते हुए राज्य स्तर पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है. व्यापमं के जरिए जल्द परीक्षा आयोजित कर शिक्षकों के रिक्त पदों को भर लिया जाएगा'.