धमतरी: रेत खदान बंद होने से पहले ही रेत के दाम में बढ़ोतरी हो गई है. प्रति ट्रॉली 11-12 सौ रुपये में बिकने वाला रेत बढ़कर 2 हजार रुपये तक हो गया है. ऐसे में मकान बनाने वाले लोगों का बजट बिगड़ने लगा है. कुछ लोगों ने रेत के बढ़ते दामों को देखते हुए स्टॉक रखना शुरू कर दिए है. बारिश के मौसम को देखते हुए रेत की डिमांड (demand for sand) बढ़ गई है.
बारिश शुरू होते ही बंद हो जाएंगे रेत खदान
दरअसल धमतरी जिले में 29 रेत खदान (sand quarry) संचालित है. जानकारी के अनुसार 15 जून से ये सभी रेत खदान बंद हो जाएंगे. इसे देखते हुए रेत सप्लायरों ने रेत के दाम में बढ़ोतरी (sand price hike) कर दी है. इससे मकान बनाने वाले लोगों की दिक्कत और बढ़ गई है. बारिश शुरू होने के बाद रेत के दाम और बढ़ने की आशंका है. फिलहाल रेत के दाम में 150 से ज्यादा रुपये की बढ़ोतरी हुई है. प्रति ट्रॉली रेत 750 बिक रहा था. अब 900 रुपये ट्रॉली हो गया है. धमतरी शहर के लिए प्रति हाइवा रेत 4500 रुपये है. ग्रामीण क्षेत्रों में 5000 रुपये है. इससे पहले प्रति हाइवा रेत 4200 रुपये था. दाम बढ़ने से मकान बनाने वालों का बजट बिगड़ गया है.
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ज्यादा दाम पर रेत बेचने वालों पर होगी कार्रवाई
इस संबंध में सहायक खनिज अधिकारी (assistant mineral officer) सनत कुमार साहू ने बताया कि धमतरी जिले में रेत की किल्लत न हो और दाम को नियंत्रित करने इस साल 60 भंडारण केंद्रों को अनुमति दी गई है. जिसमें मंदरौद, गाड़ाडीह, चारभाठा, कुल्हाड़ीकोट, कपालफोड़ी, राजपुर, लीलर, सारंगपुरी, ढीमरटिकुर, कुरुद, भोयना, मथुराडीह, भाठागांव, बंजारी शामिल है. इस साल करीब ढाई से तीन लाख घन मीटर की अनुमति है. रेत भंडारण करने वाले ठेकेदार दाम खुद तय करेंगे. उन्होंने कहा कि अवैध डंपिंग करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. महंगे दाम पर बेचने वालों पर जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी.
राजनांदगांव में तूफानी बारिश ने मचाई तबाही
बहरहाल बारिश में रेत खदान बंद होने के बाद रेत की किल्लत (sand shortage) शुरू हो जाती है. इसे देखते हुए रेत भंडारण के संचालक (sand storage operator) मनमाने दाम पर रेत बेचते हैं. इसके लिए खनिज विभाग व शासन की ओर से दाम में नियंत्रण करने कोई आदेश व नियम नहीं है, ऐसे में वे मनमानी करते हैं. साथ ही जिले से बाहर महंगे दामों पर रेत की सप्लाई करते हैं.