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धमतरी: रेत माफिया की गुंडागर्दी, जिला पंचायत सदस्य को बंधक बनाकर पीटा

धमतरी में रेत माफियों ने जिला पंचायत सदस्य और उनके साथियों को एक कमरे बंधक बनाकर लाठी, डंडे और रॉड से प्राणघातक हमला कर दिया.

sand mafia beat the district panchayat member
पुलिस कर रही जांच
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Published : Jun 19, 2020, 12:36 PM IST

Updated : Jun 19, 2020, 2:06 PM IST

धमतरी: रेत माफिया कारोबार करने के लिए खुलकर गुंडागर्दी पर उतर आया है. शुक्रवार को ग्रामीणों की शिकायत पर राजपुर ढाभा रेत खदान पहुंचे जिला पंचायत सदस्य खूबलाल ध्रुव और उनके साथियों को रेत माफिया और उनके गुर्गों ने एक कमरे बंधक बनाकर, उनपर लाठी, डंडे और रॉड से प्राणघातक हमला कर दिया. इस हमले में जिला पंचायत सदस्य और उनके कुछ साथी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. घटना के तूल पकड़ने के बाद बीजेपी और आदिवासी समाज ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. वहीं कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है.

जिला पंचायत सदस्य को बंधक
दरअसल 15 जून से प्रदेश में रेत की खदानों को बंद करने के आदेश हैं. इसके बाद भी जिले में धड़ल्ले से रेत माफिया खदानों का संचालन कर रहा है. वहीं इन खदानों में देर रात जेसीबी से रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है. जिसकी शिकायत मिलने पर जिला पंचायत सदस्य अपने कार्यकर्ताओं के साथ राजपुर ढाभा रेत खदान पहुंचे थे. जहां माफिया के करीब 60 से 70 गुर्गों ने जिला पंचायत सदस्य और उनके कार्यकर्ताओं को बंधक बना लिया और लाठी-डंडों से उनकी पिटाई की.

पढ़ें- पत्नी और बेटे पर शख्स की हत्या का आरोप, हरकतों से थे परेशान


बंधक बनाकर की पिटाई

जिला पंचायत सदस्य का कहना है कि, विरोध करने पर उन्हें जान से मारने की धमकी देकर कुरूद थाना के बाहर छोड़ दिया. उनका कहना है कि मौके पर पहुंची कुरूद पुलिस की टीम तमाशबीन बनी रही. ऐसे इस पूरे घटनाक्रम में जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की कार्यशैली को लेकर अब सवाल उठने शुरू हो गए हैं. जिला पंचायत सदस्य खूबलाल ध्रुव ने बताया कि रेत खदान में नागू चंद्राकर और बाहरी लोगों का जमवाड़ा था. जिन्होंने उन्हें बंधक बनाया और उनके साथ मारपीट की. यहां तक कि उन्हें अधनग्न कर उनका अश्लील वीडियो भी बनाया गया.

बीजेपी ने राज्य सरकार पर उठाए सवाल

इस घटना पर बीजेपी और आदिवासी समाज ने आक्रोश जताया है. बीजेपी ने प्रदेश के कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाया और इसकी जानकारी पार्टी हाईकमान को देने की बात कही है. वहीं इस मामले में आदिवासी समाज ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है. इधर पुलिस आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर कार्रवाई की बात कही है.

पुलिस कर रही है जांच

बहरहाल बिना अनुमति खदानों के संचालन और सूचना दिए जाने के बाद भी पुलिस का तमाशबीन बने रहना कई तरह के सवालों को जन्म देता है. ऐसे में देखना होगा कि प्रशासन इस मामले को कितनी गम्भीरता से लेता है.

धमतरी: रेत माफिया कारोबार करने के लिए खुलकर गुंडागर्दी पर उतर आया है. शुक्रवार को ग्रामीणों की शिकायत पर राजपुर ढाभा रेत खदान पहुंचे जिला पंचायत सदस्य खूबलाल ध्रुव और उनके साथियों को रेत माफिया और उनके गुर्गों ने एक कमरे बंधक बनाकर, उनपर लाठी, डंडे और रॉड से प्राणघातक हमला कर दिया. इस हमले में जिला पंचायत सदस्य और उनके कुछ साथी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. घटना के तूल पकड़ने के बाद बीजेपी और आदिवासी समाज ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. वहीं कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है.

जिला पंचायत सदस्य को बंधक
दरअसल 15 जून से प्रदेश में रेत की खदानों को बंद करने के आदेश हैं. इसके बाद भी जिले में धड़ल्ले से रेत माफिया खदानों का संचालन कर रहा है. वहीं इन खदानों में देर रात जेसीबी से रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है. जिसकी शिकायत मिलने पर जिला पंचायत सदस्य अपने कार्यकर्ताओं के साथ राजपुर ढाभा रेत खदान पहुंचे थे. जहां माफिया के करीब 60 से 70 गुर्गों ने जिला पंचायत सदस्य और उनके कार्यकर्ताओं को बंधक बना लिया और लाठी-डंडों से उनकी पिटाई की.

पढ़ें- पत्नी और बेटे पर शख्स की हत्या का आरोप, हरकतों से थे परेशान


बंधक बनाकर की पिटाई

जिला पंचायत सदस्य का कहना है कि, विरोध करने पर उन्हें जान से मारने की धमकी देकर कुरूद थाना के बाहर छोड़ दिया. उनका कहना है कि मौके पर पहुंची कुरूद पुलिस की टीम तमाशबीन बनी रही. ऐसे इस पूरे घटनाक्रम में जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की कार्यशैली को लेकर अब सवाल उठने शुरू हो गए हैं. जिला पंचायत सदस्य खूबलाल ध्रुव ने बताया कि रेत खदान में नागू चंद्राकर और बाहरी लोगों का जमवाड़ा था. जिन्होंने उन्हें बंधक बनाया और उनके साथ मारपीट की. यहां तक कि उन्हें अधनग्न कर उनका अश्लील वीडियो भी बनाया गया.

बीजेपी ने राज्य सरकार पर उठाए सवाल

इस घटना पर बीजेपी और आदिवासी समाज ने आक्रोश जताया है. बीजेपी ने प्रदेश के कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाया और इसकी जानकारी पार्टी हाईकमान को देने की बात कही है. वहीं इस मामले में आदिवासी समाज ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है. इधर पुलिस आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर कार्रवाई की बात कही है.

पुलिस कर रही है जांच

बहरहाल बिना अनुमति खदानों के संचालन और सूचना दिए जाने के बाद भी पुलिस का तमाशबीन बने रहना कई तरह के सवालों को जन्म देता है. ऐसे में देखना होगा कि प्रशासन इस मामले को कितनी गम्भीरता से लेता है.

Last Updated : Jun 19, 2020, 2:06 PM IST
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