धमतरी: कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) के बीच अब धमतरी में महिला एवं बाल विकास की टीम कुपोषण से लड़ने के लिए तैयारियां (Preparations to Fight Malnutrition) शुरू कर दी है. जिले में कुपोषण की दर (Rate Of Malnutrition) अन्य जिलों की तुलना में बेहद कम है. लेकिन फिर भी प्रशासन इसे चुनौती के तौर पर ले रही है. बता दें कि धमतरी में छह हजार से ज्याद बच्चे कुपोषित (Children Malnourished) हैं.
प्रदेश में 2.92 लाख से ज्यादा बच्चे कुपोषित
दरअसल प्रदेश में 2.92 लाख से ज्यादा बच्चे कुपोषण के शिकार हैं. इसमें गंभीर, हल्के और मध्य श्रेणी तीनों तरह के कुपोषित बच्चे शामिल हैं. बताया जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर में कुपोषित बच्चों के लिए ज्यादा खतरा रहेगा. कोरोना की तीसरी लहर में कुपोषित बच्चों के बीमार पड़ने की ज्यादा संभावना है. ऐसे में महिला एवं बाल विकास विभाग (Women and Child Development Department) अपनी पूरी तैयारी कर रहा है. जिले में भी सितंबर महीने से राष्ट्रीय पोषण माह का आयोजन (National Nutrition Month) किया जाएगा.
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धमतरी में सुपोषण अभियान
इसके तहत बच्चों और महिलाओं में कुपोषण और एनीमिया के स्तर में कमी लाने के लिए पोषण अभियान (Nutrition Campaign) चलाए जाएंगे. इसमें अन्य विभागों का भी सहयोग लिया जाएगा. बता दें कि जिले की 1,102 आंगनबाड़ियों में बीतें 07 से 16 जुलाई के बीच हुए वजन त्योहार के दौरान कुपोषण दर में 4.7 फीसदी कमी आई है. इनके लिए पांच साल तक की उम्र के तकरीबन 56,138 बच्चों का वजन लिया गया था, जिसमें कुल 6, 801 बच्चे कुपोषित पाए गए थे.
बहरहाल जिले में प्रशासन के विभिन्न प्रयासों से कुपोषण की दरों में कमी आई है. फिलहाल जिले में कुपोषण की दर 12.11 फीसदी है जो अन्य जिलों की तुलना में कम है. वहीं एक बार फिर प्रशासन कुपोषण से जंग लड़ने की तैयारी में जुट गया है.