ETV Bharat / state

आमदी नगर पंचायत: काम तो कुछ हुआ नहीं, जो हुआ उसका लोकार्पण भी नहीं हुआ

जनसंघ और बीजेपी का गढ़ माने जाने वाले आमदी नगर पंचायत के पहले निर्वाचित अध्यक्ष कांग्रेस के मनोज साहू रहे हैं. हालांकि दूसरी बार यहां कमल भी खिल चुका है. नगर पंचायत बनने के साथ लोगों की उम्मीदें भी बढ़ी, लेकिन उम्मीद के मुताबिक इस नगर पंचायत में उतना काम नहीं हो पाया. जितना की जिले के अन्य नगर पंचायतों में हुआ है.

aamdi nagar panchayat
author img

By

Published : Oct 24, 2019, 11:40 PM IST

धमतरी: ब्लॉक के सबसे बड़े गांव आमदी को 2008 में नगर पंचायत बनाया गया. जिसके बाद यहां के लोगों के जीवन स्तर में काफी बदलाव आया है. हालांकि नगर पंचायत में ज्यादातर किसान ही रहते हैं, इस लिहाज से क्षेत्र में बेरोजगारी तो नहीं है, लेकिन नगर पंचायत का रेवेन्यू भी काफी कम है. आमदी नगर पंचायत सरकारी फंड पर ही निर्भर है.

जनसंघ और बीजेपी का गढ़ माने जाने वाले इस आमदी नगर पंचायत के पहले निर्वाचित अध्यक्ष कांग्रेस के मनोज साहू रहे हैं. हालांकि दूसरी बार यहां कमल भी खिल चुका है. वर्तमान में बीजेपी के प्रीति कुम्भकार नगर पंचायत के अध्यक्ष हैं.

आरक्षित है अध्यक्ष का पद

नगर पंचायत बनने के साथ लोगों की उम्मीदें भी बढ़ीं, लेकिन उम्मीद के मुताबिक इस नगर पंचायत में उतना काम नहीं हो पाया, जितना कि जिले की अन्य नगर पंचायतों में हुआ है. इसके पीछे एक वजह इस नगर पंचायत में पर्याप्त फंड का नहीं मिलना भी है. आमदी नगर पंचायत की कुल जनसंख्या 6 हजार 600 है, इसमें करीब 5 हजार 500 मतदाता हैं. इस बार पिछड़ा वर्ग के लिए अध्यक्ष पद आरक्षित हुआ है.

पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं लोग

आमदी नगर पंचायत बनने के बाद यहां कई काम हुए हैं, जिनमें मिनी स्टेडियम, बाजार हाट, बस स्टैंड, तालाबों का सौन्दर्यीकरण, सड़कें, सार्वजनिक शौचालय, सीसी रोड, नाली शामिल हैं. लेकिन स्थानीय बताते हैं कि मौजूदा वक्त में अधिकांश कार्यों की उपयोगिता नहीं है. कुछ कामों में नगर प्रशासन की लापरवाही भी सामने आई है, जैसे बस स्टैंड का आज तक उद्घाटन नहीं हो पाया है. वहीं तालाबों के सौंदर्यीकरण का काम भी अटका पड़ा है. बाजार हाट में बाजार नहीं लग पा रही है. इसके अलावा स्थानीय पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं.

साल भर पहले इस नगर पंचायत में महाविद्यालय बनाने की घोषणा हुई थी, लेकिन महाविद्यालय के लिए भवन अब तक नहीं बन पाया है. वहीं कॉलेज में प्रोफेसरों और स्टॉफ की कमी बनी हुई है. नगर पंचायत के अंतर्गत आने वाले कई परिवारों को आज तक स्थाई पट्टा नहीं मिला है. जिसे लेकर लोग भटक रहे हैं, वहीं शॉपिंग कॉम्पलेक्स बनाए जाने की मांग भी लंबे अरसे से लंबित है.

धमतरी: ब्लॉक के सबसे बड़े गांव आमदी को 2008 में नगर पंचायत बनाया गया. जिसके बाद यहां के लोगों के जीवन स्तर में काफी बदलाव आया है. हालांकि नगर पंचायत में ज्यादातर किसान ही रहते हैं, इस लिहाज से क्षेत्र में बेरोजगारी तो नहीं है, लेकिन नगर पंचायत का रेवेन्यू भी काफी कम है. आमदी नगर पंचायत सरकारी फंड पर ही निर्भर है.

जनसंघ और बीजेपी का गढ़ माने जाने वाले इस आमदी नगर पंचायत के पहले निर्वाचित अध्यक्ष कांग्रेस के मनोज साहू रहे हैं. हालांकि दूसरी बार यहां कमल भी खिल चुका है. वर्तमान में बीजेपी के प्रीति कुम्भकार नगर पंचायत के अध्यक्ष हैं.

आरक्षित है अध्यक्ष का पद

नगर पंचायत बनने के साथ लोगों की उम्मीदें भी बढ़ीं, लेकिन उम्मीद के मुताबिक इस नगर पंचायत में उतना काम नहीं हो पाया, जितना कि जिले की अन्य नगर पंचायतों में हुआ है. इसके पीछे एक वजह इस नगर पंचायत में पर्याप्त फंड का नहीं मिलना भी है. आमदी नगर पंचायत की कुल जनसंख्या 6 हजार 600 है, इसमें करीब 5 हजार 500 मतदाता हैं. इस बार पिछड़ा वर्ग के लिए अध्यक्ष पद आरक्षित हुआ है.

पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं लोग

आमदी नगर पंचायत बनने के बाद यहां कई काम हुए हैं, जिनमें मिनी स्टेडियम, बाजार हाट, बस स्टैंड, तालाबों का सौन्दर्यीकरण, सड़कें, सार्वजनिक शौचालय, सीसी रोड, नाली शामिल हैं. लेकिन स्थानीय बताते हैं कि मौजूदा वक्त में अधिकांश कार्यों की उपयोगिता नहीं है. कुछ कामों में नगर प्रशासन की लापरवाही भी सामने आई है, जैसे बस स्टैंड का आज तक उद्घाटन नहीं हो पाया है. वहीं तालाबों के सौंदर्यीकरण का काम भी अटका पड़ा है. बाजार हाट में बाजार नहीं लग पा रही है. इसके अलावा स्थानीय पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं.

साल भर पहले इस नगर पंचायत में महाविद्यालय बनाने की घोषणा हुई थी, लेकिन महाविद्यालय के लिए भवन अब तक नहीं बन पाया है. वहीं कॉलेज में प्रोफेसरों और स्टॉफ की कमी बनी हुई है. नगर पंचायत के अंतर्गत आने वाले कई परिवारों को आज तक स्थाई पट्टा नहीं मिला है. जिसे लेकर लोग भटक रहे हैं, वहीं शॉपिंग कॉम्पलेक्स बनाए जाने की मांग भी लंबे अरसे से लंबित है.

Intro:धमतरी ब्लॉक के सबसे बड़े ग्राम रहे आमदी को 2008 में नगर पंचायत का दर्जा दिया गया.यहां के लोग ज्यादातर किसान है लिहाजा यहां बेरोजगारी की समस्या नही है.आमदी का नाम धार्मिक आयोजनों को लेकर जिले में जाना जाता है.विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों में यहां लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते है.इसके अलावा यहां लोग काफी जागरूक भी है.चुनावों में अपनी शत प्रतिशत भागीदारी निभाते हैं और दोनों दल भाजपा कांग्रेस को समय समय पर मौका देते आए है.




Body:जनसंघ और भाजपा का गढ़ माने जाने वाले इस आमदी नगर पंचायत में पहले निर्वाचित अध्यक्ष कांग्रेस के मनोज साहू बने.मनोज साहू ने बीजेपी के तेजराम साहू को 2021 वोट से जीत हासिल किया था.वहीं दूसरी बार जब चुनाव हुए तो उसमे भाजपा के प्रीति कुंभकार ने कांग्रेस के सुशीला देवी साहू को 872 वोटों से शिकस्त दी और नगर पंचायत पहली महिला अध्यक्ष बनी.फिलहाल प्रीति कुंभकार वर्तमान में नगर पंचायत के अध्यक्ष है.

नगर पंचायत बनने के साथ लोगों की उम्मीदें भी बड़ी लेकिन उम्मीद के मुताबिक इस नगर पंचायत में उतना काम नही हो पाया जितना अन्य नगर पंचायतों में हुआ है.इसके पीछे एक वजह इस नगर पंचायत पर्याप्त फंड नही मिल पाना है.वही एक सशक्त नेतृत्व की कमी भी है.

आमदी नगर पंचायत की कुल जनसँख्या 6600 है और करीब 5500 मतदाता है इनमे 2400 मतदाता पुरुष वर्ग से है तो वही 2100 मतदाता महिला है. इस बार आरक्षण में यहां नगर पंचायत की जीत पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हुआ है जिसके लिए कांग्रेस से मनोज साहू संभावित प्रत्याशी हो सकते है वहीं बीजेपी में प्रवीण साहू,नीलकंठ साहू,तेजराम साहू संभावित प्रत्याशी हो सकते है.

आमदी नगर पंचायत बनने के बाद यहां कई काम हुए जिनमें मिनी स्टेडियम बाजार हाट,बस स्टैंड,तालाबों का सौन्दर्यकरण,सड़कें,सार्वजनिक शौचालय,सीसी रोड,नाली शामिल है.लेकिन इसके विपरीत मौजूदा वक्त में अधिकांश कार्यों की उपयोगिता नहीं दिखाई दे रही है मसलन बस स्टैंड का आज तक उद्घाटन नहीं हो पाया है वही तालाबों के सौंदर्यीकरण का काम अटका पड़ा है.बाजार हाट में बाजार नही लग पा रही है.इसके अलावा पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं वही बिजली की समस्या भी यहां बरकरार है.

साल भर पहले इस नगर पंचायत में महाविद्यालय की घोषणा हुई थी लेकिन महाविद्यालय के लिए भवन अब तक नहीं बन पाया है वहीं कॉलेज में प्रोफेसरों और स्टाफ की कमी बनी हुई है.ये सभी मुद्दे इस बार चुनाव में हावी रहेंगे.




Conclusion:नगर पंचायत के अंतर्गत आने वाले कई परिवारों को आज तक स्थाई पट्टा नहीं मिला है जिसको लेकर लोग भटक रहे है तो वही शॉपिंग कांप्लेक्स में बनाए जाने की मांग भी लम्बे समय से है. इसके अलावा अतिक्रमण एक बड़ा मुद्दा है विपक्ष अधिकारी राज होने का राग अलाप रहे है और पुराने एजेंटों के काम नहीं होने का हवाला देते आ रहे है.

रामेश्वर मरकाम,ईटीवी भारत,धमतरी
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.