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धमतरी : बर्न यूनिट में नहीं है एसी की सुविधा, मरीज रहते हैं परेशान

200 बिस्तर वाले इस अस्पताल में कई सालों बाद बर्न यूनिट बना दिया गया है, लेकिन इसे अभी तक शुरू नहीं किया गया है, क्योंकि यहां एसी नहीं लगा है.बर्न यूनिट में नए एसी की जरूरत है.

मरीज रहते हैं परेशान
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Published : May 25, 2019, 6:25 PM IST

धमतरी: जिले के सबसे बड़े अस्पताल में तमाम कोशिशों के बावजूद भी सुविधाओं की कमी बनी हुई है, जिससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. 200 बिस्तर वाले इस अस्पताल में कई सालों बाद बर्न यूनिट बना दिया गया है.

मरीज रहते हैं परेशान

51 लाख की लागत से 10 बिस्तर वाला बर्न यूनिट भवन पिछले सात महीने से बनकर तैयार है, लेकिन इसे अभी तक शुरू नहीं किया गया है, क्योंकि यहां एसी नहीं लगा है. बर्न यूनिट में नए एसी की जरूरत है. यहीं कारण है कि बर्न यूनिट के मरीजों को इसी वजह से राहत नहीं मिल रही है.

बर्न मरीज को नहीं मिल रहा नई सेवा का लाभ
बताया जा रहा है कि एसी लगाने का मामला जिला अस्पताल और सीजीएमएससी के बीच अटका हुआ है. एसी लगाने के खर्च को लेकर दोनों के बीच खींचतान चल रही है. नतीजा बर्न मरीज को नई सेवा का लाभ नहीं मिल रहा है, जो वैकल्पिक बर्न यूनिट है वहां भी एसी नहीं है, लिहाजा बर्न पेशेंट दर्द और जलन से कराहते रहते हैं. जिम्मेदारों का यह रवैया तब भी बरकरार है, जबकि पिछले एक साल में 27 बर्न पेशेंट की मौत हो चुकी है.

मरीजों को दी जाएगी सुविधाएं
इधर, भाजपा ने आरोप लगाया है कि सरकार जिन वादों के साथ सत्ता में आई है, उन वादों को पूरा नहीं कर रही है, तो वहीं कांग्रेस नेताओं का कहना है कि मामले को प्रशासन के संज्ञान में लाया जाएगा और मरीजों को हर संभव सुविधाएं दी जाएगी.

बेहतर इलाज के अभाव में मरीजों की चली जाती है जान
बता दें कि जिला अस्पताल में धमतरी सहित बालोद, कांकेर और गरियाबंद जिले के मरीज भी आश्रित हैं. आग में झुलसे और सड़क हादसे में गंभीर मरीजों को अस्पताल लाया जाता है, लेकिन बेहतर इलाज के अभाव में उनकी जान चली जाती है या फिर उन्हें रेफर कर दिया जाता है.

धमतरी: जिले के सबसे बड़े अस्पताल में तमाम कोशिशों के बावजूद भी सुविधाओं की कमी बनी हुई है, जिससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. 200 बिस्तर वाले इस अस्पताल में कई सालों बाद बर्न यूनिट बना दिया गया है.

मरीज रहते हैं परेशान

51 लाख की लागत से 10 बिस्तर वाला बर्न यूनिट भवन पिछले सात महीने से बनकर तैयार है, लेकिन इसे अभी तक शुरू नहीं किया गया है, क्योंकि यहां एसी नहीं लगा है. बर्न यूनिट में नए एसी की जरूरत है. यहीं कारण है कि बर्न यूनिट के मरीजों को इसी वजह से राहत नहीं मिल रही है.

बर्न मरीज को नहीं मिल रहा नई सेवा का लाभ
बताया जा रहा है कि एसी लगाने का मामला जिला अस्पताल और सीजीएमएससी के बीच अटका हुआ है. एसी लगाने के खर्च को लेकर दोनों के बीच खींचतान चल रही है. नतीजा बर्न मरीज को नई सेवा का लाभ नहीं मिल रहा है, जो वैकल्पिक बर्न यूनिट है वहां भी एसी नहीं है, लिहाजा बर्न पेशेंट दर्द और जलन से कराहते रहते हैं. जिम्मेदारों का यह रवैया तब भी बरकरार है, जबकि पिछले एक साल में 27 बर्न पेशेंट की मौत हो चुकी है.

मरीजों को दी जाएगी सुविधाएं
इधर, भाजपा ने आरोप लगाया है कि सरकार जिन वादों के साथ सत्ता में आई है, उन वादों को पूरा नहीं कर रही है, तो वहीं कांग्रेस नेताओं का कहना है कि मामले को प्रशासन के संज्ञान में लाया जाएगा और मरीजों को हर संभव सुविधाएं दी जाएगी.

बेहतर इलाज के अभाव में मरीजों की चली जाती है जान
बता दें कि जिला अस्पताल में धमतरी सहित बालोद, कांकेर और गरियाबंद जिले के मरीज भी आश्रित हैं. आग में झुलसे और सड़क हादसे में गंभीर मरीजों को अस्पताल लाया जाता है, लेकिन बेहतर इलाज के अभाव में उनकी जान चली जाती है या फिर उन्हें रेफर कर दिया जाता है.

Intro:धमतरी के सबसे बड़े अस्पताल जिला अस्पताल में तमाम कोशिशों के बावजूद सुविधाओं की कमी बनी हुई है जिससे मरीजों को समस्याओं से जूझना पड़ रहा है.200 बिस्तर वाले इस अस्पताल में कई सालों बाद बर्न युनिट तो बना दिया गया है.बर्न यूनिट में नए एसी यानि एयर कडीशनर की दरकार है.बता दे कि लागत 51 लाख की लागत से 10 बिस्तर वाला बर्न यूनिट भवन पिछले सात माह से बन कर तैयार है लेकिन इसे अभी तक शुरुआत नहीं किया गया है क्योंकि यहां एसी नहीं लगा है.ऐसे में बर्न यूनिट के मरीजों को राहत नही मिल रही है.Body:बताया जा रहा है कि एसी लगाने का मामला जिला अस्पताल और सीजीएमएससी के बीच अटका हुआ है.एसी लगाने के खर्च को लेकर दोनों के बीच खींचतान चल रही है.नजीता बर्न पेशेंट को नई सेवा का लाभ नहीं मिल रहा है जो वैकल्पिक बर्न यूनिट है वहां भी एसी नहीं है.लिहाजा बर्न पेशेंट दर्द और जलन से कराहते रहते है.जिम्मेदारों का यह रवैय्या तब भी बरकरार है.जबकि पिछले एक साल में 27 बर्न पेशेंट की मौत हो चुकी है.

बाईट.डी के तुर्रे,सीएमएचओ जिला अस्पताल

इधर भाजपा ने आरोप लगाया है कि सरकार जिन वायदों के साथ सत्ता में आई है उन वादों को पूरा नही कर रही है तो वही कांग्रेस नेताओं ने कहना है कि मामले को प्रशासन के संज्ञान में लाया जाएगा.मरीजों को हर संभव सुविधाएं दी जाएगी.

बाईट.जगदीश रोहरा,जिलाध्यक्ष भाजपा
बाईट.मोहन लालवानी,जिलाध्यक्ष कांग्रेस

गौरतलब है कि जिला अस्पताल में धमतरी सहित बालोद,कांकेर और गरियाबंद जिले के मरीज भी आश्रित है.आग से झुलसे और सड़क हादसे में गंभीर मरीजों को अस्पताल लाया जाता है, लेकिन बेहतर इलाज के अभाव में उनकी जान चली जाती है या फिर उन्हें रेफर कर दिया जाता है.

रामेश्वर मरकाम धमतरी
Conclusion:
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