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24वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता शुरू, रायपुर पहुंची 30 टीमें, नेपाल से भी आए खिलाड़ी - NATIONAL VANVASI KRIDA COMPETITION

रायपुर के साइंस कॉलेज में 31 दिसंबर तक फुटबाल और तीरंदाजी के खेल का आयोजन किया जाएगा.

National Vanvasi Krida Competition
नेपाल से भी आए खिलाड़ी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 14 hours ago

रायपुर: साइंस कॉलेज ग्राउंड में 24वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीडा प्रतियोगिता का आगाज शनिवार को हुआ. राष्ट्रीय शोक की वजह से यह कार्यक्रम औपचारिक उद्घाटन के बाद शुरू हुआ. देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देने के साथ ही 2 मिनट का मौन भी रखा गया. पूरे देश के लगभग 30 राज्यों के तीरंदाजी और फुटबॉल के खिलाड़ी शामिल हो रहे हैं. पड़ोसी देश नेपाल के खिलाड़ी यहां पर पहुंचे हैं. कोटा स्टेडियम में फुटबॉल का मैच आयोजित होगा और पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ग्राउंड में तीरंदाजी का गेम होगा.

24वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीडा प्रतियोगिता: आर्चरी गेम में माहिर खिलाड़ियों ने बताया कि वो तीरंदाजी के इस गेम को पिछले 2 साल से खेल रहे हैं. अब तक यह दूसरा नेशनल गेम रायपुर में खेल रहे हैं. साल 2023 में पहले नेशनल गेम उत्तर प्रदेश में खेला गया था. खिलाड़ियों ने बताया कि अंडमान निकोबार में टेंपरेचर नॉरमल होता है लेकिन दूसरे राज्यों में ठंड की वजह से तीरंदाजी में निशाना साधते समय कुछ दिक्कतें होती है. ठंड ज्यादा होने की वजह से तीरंदाजी के गेम में निशाना साध पाना मुश्किल होता है और परफॉर्मेंस भी बिगड़ जाता है.

तीरंदाजी और फुटबाल का खेल: फुटबॉल खिलाड़ियों ने बताया कि वह फुटबाल और कबड्डी दोनों खेलते हैं, लेकिन कबड्डी में कम मेहनत की जरूरत पड़ती है और फुटबॉल में ज्यादा मेहनत दौड़ भाग होती है. कबड्डी का मैदान छोटा होने के साथ ही इसमें खिलाड़ियों की संख्या 14 होती है. फुटबाल का ग्राउंड बड़ा होने के साथ ही इसमें 22 खिलाड़ी दोनों तरफ होते हैं. फुटबॉल खिलाड़ी ने बताया कि वह पहली बार फुटबॉल खेल रहे हैं लेकिन पिछले 5 सालों से कबड्डी के गेम में माहिर हैं. पांच बार कबड्डी के क्षेत्र में नेशनल भी खेल चुके हैं.

ग्राउंड में मिलनी चाहिए सुविधाएं: हिमाचल प्रदेश से आए फुटबॉल के खिलाड़ी ने बताया कि वह पिछले 8 सालों से फुटबॉल खेलने आ रहे हैं और अब तक कई बार नेशनल भी खेल चुके हैं. इसके साथ ही फुटबॉल ग्राउंड समतल होने के साथ उसमें घास भी होनी चाहिए. जिससे प्लेयर को जमीन में गिरे तो लगे ना. उन्होंने बताया कि पढ़ाई में जितना मन लगाकर मार्क्स लाते हैं ठीक उसी तरह से फुटबॉल में मन लगाकर मेहनत करना भी जरूरी है.

नेपाल की टीम भी ले रही हिस्सा: वनवासी विकास समिति छत्तीसगढ़ के स्वागत समिति के सचिव अमर बंसल ने बताया कि लगभग 30 राज्य के खिलाड़ी यहां पर पहुंचे हैं. पड़ोसी देश नेपाल भी शामिल है. 27 दिसंबर को सभी खिलाड़ी राजधानी रायपुर पहुंच चुके थे. आज का पहला मैच आंध्र और ओडिशा के साथ कोटा स्टेडियम में खेला गया. इसके साथ ही फुटबॉल का दूसरा मैच महाकौशल और असम के बीच हुआ. तीरंदाजी का पहला गेम रविवार को पंडित रविशंकर शुक्ल के यूनिवर्सिटी के ग्राउंड में होगा.

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रायपुर: साइंस कॉलेज ग्राउंड में 24वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीडा प्रतियोगिता का आगाज शनिवार को हुआ. राष्ट्रीय शोक की वजह से यह कार्यक्रम औपचारिक उद्घाटन के बाद शुरू हुआ. देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देने के साथ ही 2 मिनट का मौन भी रखा गया. पूरे देश के लगभग 30 राज्यों के तीरंदाजी और फुटबॉल के खिलाड़ी शामिल हो रहे हैं. पड़ोसी देश नेपाल के खिलाड़ी यहां पर पहुंचे हैं. कोटा स्टेडियम में फुटबॉल का मैच आयोजित होगा और पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ग्राउंड में तीरंदाजी का गेम होगा.

24वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीडा प्रतियोगिता: आर्चरी गेम में माहिर खिलाड़ियों ने बताया कि वो तीरंदाजी के इस गेम को पिछले 2 साल से खेल रहे हैं. अब तक यह दूसरा नेशनल गेम रायपुर में खेल रहे हैं. साल 2023 में पहले नेशनल गेम उत्तर प्रदेश में खेला गया था. खिलाड़ियों ने बताया कि अंडमान निकोबार में टेंपरेचर नॉरमल होता है लेकिन दूसरे राज्यों में ठंड की वजह से तीरंदाजी में निशाना साधते समय कुछ दिक्कतें होती है. ठंड ज्यादा होने की वजह से तीरंदाजी के गेम में निशाना साध पाना मुश्किल होता है और परफॉर्मेंस भी बिगड़ जाता है.

तीरंदाजी और फुटबाल का खेल: फुटबॉल खिलाड़ियों ने बताया कि वह फुटबाल और कबड्डी दोनों खेलते हैं, लेकिन कबड्डी में कम मेहनत की जरूरत पड़ती है और फुटबॉल में ज्यादा मेहनत दौड़ भाग होती है. कबड्डी का मैदान छोटा होने के साथ ही इसमें खिलाड़ियों की संख्या 14 होती है. फुटबाल का ग्राउंड बड़ा होने के साथ ही इसमें 22 खिलाड़ी दोनों तरफ होते हैं. फुटबॉल खिलाड़ी ने बताया कि वह पहली बार फुटबॉल खेल रहे हैं लेकिन पिछले 5 सालों से कबड्डी के गेम में माहिर हैं. पांच बार कबड्डी के क्षेत्र में नेशनल भी खेल चुके हैं.

ग्राउंड में मिलनी चाहिए सुविधाएं: हिमाचल प्रदेश से आए फुटबॉल के खिलाड़ी ने बताया कि वह पिछले 8 सालों से फुटबॉल खेलने आ रहे हैं और अब तक कई बार नेशनल भी खेल चुके हैं. इसके साथ ही फुटबॉल ग्राउंड समतल होने के साथ उसमें घास भी होनी चाहिए. जिससे प्लेयर को जमीन में गिरे तो लगे ना. उन्होंने बताया कि पढ़ाई में जितना मन लगाकर मार्क्स लाते हैं ठीक उसी तरह से फुटबॉल में मन लगाकर मेहनत करना भी जरूरी है.

नेपाल की टीम भी ले रही हिस्सा: वनवासी विकास समिति छत्तीसगढ़ के स्वागत समिति के सचिव अमर बंसल ने बताया कि लगभग 30 राज्य के खिलाड़ी यहां पर पहुंचे हैं. पड़ोसी देश नेपाल भी शामिल है. 27 दिसंबर को सभी खिलाड़ी राजधानी रायपुर पहुंच चुके थे. आज का पहला मैच आंध्र और ओडिशा के साथ कोटा स्टेडियम में खेला गया. इसके साथ ही फुटबॉल का दूसरा मैच महाकौशल और असम के बीच हुआ. तीरंदाजी का पहला गेम रविवार को पंडित रविशंकर शुक्ल के यूनिवर्सिटी के ग्राउंड में होगा.

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