धमतरी: रेत खदान में चल रहे माफियागिरी को रोकने के लिए जिला प्रशासन सख्त मूड में है. जिला कलेक्टर जेपी मौर्य ने बताया कि जिले के रेत खदानों में अब बाहरी व्यक्ति काम नहीं कर पाएंगे. खदान संचालकों से वहां काम करने वाले लोगों की आईडी मांगी जाएगी ताकि उन्हें चिन्हांकित किया जा सके.
रेत माफिया को लेकर प्रशासन सख्त
दरसअल, बीते महीने जिले के जोरातराई ढाभा रेत खदान में जिला पंचायत सदस्य खूबलाल ध्रुव को बंधक बनाकर मारपीट की वारदात को अंजाम दिया गया था. इस घटना को लेकर प्रदेश में खूब सियासत भी हुई. भाजपा ने प्रदेश सरकार को इस घटना के लिए जिम्मेदार बताते हुए रेत माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगाया था.
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रेत खदानों में गुंडागर्दी
इन रेत खदानों में काम करने वाले ज्यादातर लोग यूपी और बिहार सहित अन्य राज्यों से थे. वहीं इनके द्वारा लगातार रेत खदानों में गुंडागर्दी की जा रही थी, जिसकी लगातार शिकायतें भी मिल रही थी. ऐसे में अब जिला प्रशासन ने जिले के रेत खदानों में माफिया राज और गुंडागर्दी को रोकने के लिए फैसला किया है.
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छत्तीसगढ़ के मूल निवासी को मिलेगा काम
सरकार के इस फैसले के बाद अब धमतरी के रेत खदानों में सिर्फ छत्तीसगढ के मूल निवासी ही काम कर पाएंगे. जिला प्रशासन का कहना है कि रेत खदानों में किसी तरह की गुंडागर्दी बर्दास्त नहीं की जाएगी. इन खदानों में कर्मचारियों और मजदूरों को अपना आधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेज की कॉपी पुलिस और जिला प्रशासन के पास जमा करानी होगी.