दरअसल, 6 महीने पहले बेलरगांव में बिजली विभाग का कार्यालय बनाया गया था. जिसके शुभारंभ के 15 दिनों के बाद ही कार्यालय में ताला लगा दिया गया, जो आज तक नहीं खुला. बिजली विभाग के कार्यालय में बंद होने के कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उपभोक्ताओं की समस्याओं का निराकरण नहीं हो पा रहा है.
15 से 20 किलोमीटर का सफर कर रहे लोग
बिजली संबंधी शिकायत और समस्या लेकर पहुंचे लोगों को कार्यालय बंद होने के कारण खाली हाख घर लौटना पड़ रहा है. लोगों को अपनी समस्याओं के लिए रोज 15 से 20 किलोमीटर की दूरी तय कर सिहावा और नगरी जाना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों की शिकायत है कि, कार्यालय में न कनिष्ठ यंत्री बैठते हैं और न ही कर्मचारी नजर आते हैं.
6 महीने से नहीं खुला कार्यालय
दरअसल, बेलरगांव सहित इलाके के सिंघनपुर, कट्टीगांव, बरोली, कसपुर, नवागांव, जैतपुरी, घुरावड़, बरबांधा, आमंगाव, भुरसीडोंगरी, बनोरा, डोमपदर के लोग पहले बिजली से संबंधित तमाम समस्याओं के निराकरण के लिए ब्लॉक मुख्यालय पर निर्भर रहते थे. लोगों की समस्याओं को देखते हुए सरकार ने बेलरगांव में बिजली विभाग का दफ्तर बना दिया. इसका शुभारंभ तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने किया था, लेकिन उद्घाटन के 6 महीने बीत जाने के बाद भी कार्यालय में न तो कर्मचारी बैठ पा रहे हैं और न ही अधिकारी.
बिजली बिल जमा करने में भी परेशानी
ऐसे में लोगों को बिजली बिल जमा करने से लेकर तमाम तहर की परेशानियों सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि, बिजली बिल संबंधी शिकायत के लिए उन्हें नगरी या सिहावा जाना पड़ता है. इलाके के लोगों ने कई बार जिला प्रशासन से मांग की है कि, कनिष्ठ यंत्री का कार्यालय नियमित रूप से खोला जाए, ताकि लोगों को राहत मिल सके. इधर जिला कलेक्टर ग्रामीणों की समस्याओं को देखते हुए जल्द ही बिजली विभाग के दफ्तर को सुचारू रूप से संचालन करने की बात कही है.