धमतरी: छत्तीसगढ़ सरकार ने पढ़ई तुहंर दुआर योजना के अंतर्गत मोहल्ला क्लास शूरू की है. इस योजना के शुरू होने से सुदूर वनांचल क्षेत्र के गांवों में छात्रों को बड़ी राहत मिली है. ऐसे इलाकों में मोबाइल नेटवर्क नहीं है, वहां मोहल्ला क्लास 1 जुलाई से शुरू की गई है.
बता दें कि कोरोना काल में 2 साल से शिक्षण संस्थान बंद था, अब कोर्स कवर करने के लिए बच्चे और शिक्षक जमकर पसीना बहा रहे है. ये नजारा धमतरी जिला मुख्यालय से करीब 110 किलोमीटर दूर खुदुर पानी और भैसा मुड़ा गांव का है. जहां मोहल्ला क्लास शुरू हुई है. इस मोहल्ला क्लास में स्कूली बच्चे पूरी ध्यान और लगन से पढ़ाई कर रहे हैं.
कोरोना की दूसरी लहर और कई दौर के लॉकडाउन ने स्कूलिंग और शिक्षा को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. हालांकि सरकार सभी को जनरल प्रोमोशन देकर पास करती जा रही है, लेकिन सिलेबस वाइज तो बच्चे पिछड़े हुए हैं. ऑनलाइन क्लास से कुछ रिकवरी जरूर हुई है, लेकिन उन इलाकों में तो रत्ती भर पढ़ाई नहीं हो पाई. जहां न मोबाइल नेटवर्क है और न ही स्मार्ट फोन है.
मोहल्ला क्लास में आ रही बच्चों की भीड़, लोगों ने कहा- 'इससे अच्छा स्कूल खोल दें'
धमतरी जिले में भी ऐसे गांव बड़ी संख्या में है. जहां आज तक मोबाइल नेटवर्क नहीं है. लिहाजा लोगों के पास स्मार्ट फोन भी नहीं है. अब ऐसे इलाकों में मोहल्ला क्लास शुरू होने से शिक्षण ने गति पकड़ी है. दो साल से बच्चे स्कूल जाने को तरस गए थे, ऑनलाइन क्लास भी नहीं हो पाई. शिक्षक भी अपने विद्यार्थियों के लिए परेशान थे, अब फिर से गांव के बरामदों में पाठशाला लगने लगी है.
मोहल्ला क्लास शुरू होने से कोर्स को पूरा किया जा रहा है. जितना पिछड़ गए थे वो तेजी से कवर कर ली जाए. इसलिए मोहल्ला क्लास शुरु की गई है. शिक्षक भी उतना ही पसीना बहा रहे हैं.