धमतरी: प्रदेश के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और वर्तमान कुरूद विधायक अजय चंद्राकर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों से चर्चा की.वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उन्होंने कहा कि 'विश्व जिस दौर से गुजर रहा है ऐसे समय में छत्तीसगढ़ को खतरे में डालने के लिए सरकार ने शराब बेचना शुरू कर दिया है और अब ऐसा लगता है कि सरकार की अर्थव्यवस्था शराब पर ही टिकी हुई है.
लॉकडाउन से शराबबंदी के लिए अच्छा मौका था, लेकिन अब सरकार घर-घर जाकर शराब की सप्लाई करने लगी है.प्रदेश की महाविद्यालयों की परीक्षा कैसे होगी, इसपर सरकार मौन है. बिलासपुर में डायरिया और रायपुर में फैल रही पीलिया बीमारी पर भी सरकार मौन है.उन्होंने कहा कि 'सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने पर ही कोरोना जैसी महामारी से बचा सकता है. इसके लिए जागरूकता ही अच्छा माध्यम है, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार बिना तैयारी के शराब दुकान खोल दी है और लोगों को मौत के मुंह में ढकेल दिया है.
जनता बनेगी भाग्यविधाता
अजय चंद्राकर ने कहा कि 'कांग्रेस शराबबंदी के नाम पर सत्ता पर आई है. 40 दिन के लॉकडाउन के बाद छत्तीसगढ़ में शराबबंदी के लिए सही वातावरण बन गया था, लेकिन 4 मई को शराब दुकान खोलकर छत्तीसगढ़ को ज्वालामुखी के मुंहाने पर बैठा दिया है. जिस प्रकार ये सरकार अपनी साख और विश्वसनीयता दोनों खो चुकी है अब कोरोना और किसी अन्य विषयों पर जनता को निर्देश या मदद मांगने या देने का नैतिक अधिकार सरकार के पास नहीं बचा है.आखिर में उन्होंने कहा कि 'छत्तीसगढ़ की जनता स्वयं भाग्यविधाता बनेगी. अपने संयम और नैतिक बल से कोरोना और पीलिया दोनों को पराजित करेंगे'.
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बता दें कि 4 मई से सरकार ने प्रदेश में शराब दुकान खोलने का आदेश जारी कर दिया था. दुकानों के खुलते ही लोग लगातार इसका विरोध कर रहे हैं. बीजेपी के साथ कांग्रेस के भी कुछ नेता और कार्यकर्ता शराब दुकान को बंद करने की बात कर रहे हैं'.