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विरोध नहीं, विपक्ष की सिर्फ नेतागिरी है: कवासी लखमा - उपज को घर में सहेज कर रखना मुश्किल हो रहा

जिला किसान संघ ने समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की तिथि बढ़ाने को लेकर नाराजगी जताई है. इस मामले में किसान संघों में भी नाराजगी देखी जा रही है. वहीं जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने इस विरोध को फर्जी बताया है.

किसानों के नाम पर सिर्फ नेतागिरी
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Published : Nov 6, 2019, 11:40 AM IST

Updated : Nov 6, 2019, 4:10 PM IST

धमतरी: समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की तिथि बढ़ने से किसानों में नाराजगी देखी जा रही है. जिला किसान संघ और किसानों ने 15 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है. किसानों ने कहा है कि, 15 नवंबर से जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू नहीं हुई तो, वे आंदोलन करेंगे.

धान खरीदी की बढ़ी तिथि को लेकर सौंपा ज्ञापन

दरअसल, खरीफ फसल के उत्पादन को लेकर 15 नवंबर से समर्थन मूल्य में राज्य सरकार खरीदी शुरू कराने वाली थी, लेकिन खरीदी की तारीख बढ़ाकर अब एक दिसंबर कर दी गई है. इस लेट लतीफी से धान खरीदी शुरू होने के कारण किसानों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

धान को सहेजना मुश्किल
जिले में धान कटाई-मिंजाई शुरू हो चुकी है. ऐसे में किसान एक दिसंबर तक धान को कहां रखेंगे, यह बड़ी समस्या है. किसान नेताओं का कहना है कि, किसानों ने दिवाली के पहले ही धान की कटाई शुरू कर दिया था. ऐसी स्थिति में अपनी उपज को घर में सहेज कर रखना मुश्किल हो रहा है. सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए.

पढे़:धान खरीदी को लेकर सीएम ने की सर्वदलीय बैठक

विरोध फर्जी
इधर, प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने इस विरोध को फर्जी बताया है. उन्होंने कहा कि, सरकार किसानों के मुद्दे पर गंभीर है. धान खरीदी की तारीख इसलिए बढ़ाई गई है, क्योंकि अभी भी खेतों में पानी है और धान गीला है. उन्होंने कहा कि, यह किसानों के नाम पर सिर्फ नेतागिरी कर रहे हैं.

धमतरी: समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की तिथि बढ़ने से किसानों में नाराजगी देखी जा रही है. जिला किसान संघ और किसानों ने 15 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है. किसानों ने कहा है कि, 15 नवंबर से जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू नहीं हुई तो, वे आंदोलन करेंगे.

धान खरीदी की बढ़ी तिथि को लेकर सौंपा ज्ञापन

दरअसल, खरीफ फसल के उत्पादन को लेकर 15 नवंबर से समर्थन मूल्य में राज्य सरकार खरीदी शुरू कराने वाली थी, लेकिन खरीदी की तारीख बढ़ाकर अब एक दिसंबर कर दी गई है. इस लेट लतीफी से धान खरीदी शुरू होने के कारण किसानों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

धान को सहेजना मुश्किल
जिले में धान कटाई-मिंजाई शुरू हो चुकी है. ऐसे में किसान एक दिसंबर तक धान को कहां रखेंगे, यह बड़ी समस्या है. किसान नेताओं का कहना है कि, किसानों ने दिवाली के पहले ही धान की कटाई शुरू कर दिया था. ऐसी स्थिति में अपनी उपज को घर में सहेज कर रखना मुश्किल हो रहा है. सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए.

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विरोध फर्जी
इधर, प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने इस विरोध को फर्जी बताया है. उन्होंने कहा कि, सरकार किसानों के मुद्दे पर गंभीर है. धान खरीदी की तारीख इसलिए बढ़ाई गई है, क्योंकि अभी भी खेतों में पानी है और धान गीला है. उन्होंने कहा कि, यह किसानों के नाम पर सिर्फ नेतागिरी कर रहे हैं.

Intro:समर्थन मूल्य में धान खरीदी की तिथि बढ़ने से किसानों में जमकर नाराजगी देखी जा रही है जिला किसान संघ और किसानों ने 15 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रशासन को पत्र सौपा है.किसानों ने कहा है कि 15 नवंबर से जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू नही हुई तो वे आंदोलन करेंगे.इधर इस मामले में जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा है ये सिर्फ नेतागिरी के अलावा कुछ नही है उनकी सरकार किसानों के साथ है.Body:दरअसल खरीफ धान फसल के उत्पादन को लेकर 15 नवंबर से समर्थन मूल्य में राज्य सरकार खरीदी शुरू कराने वाली थी, लेकिन खरीदी की तिथि बढ़ाकर अब एक दिसंबर कर दी गई है, इस लेटलतीफी से धान खरीदी शुरू होने के कारण किसानों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.बता दे कि जिले में धान कटाई-मिंजाई शुरू हो चुकी है ऐसे में किसान एक दिसंबर तक धान को कहां रखेंगे,यह बड़ी समस्या बनी हुई है.

किसान नेताओ का कहना है कि किसानों ने दिवाली के पहले ही धान की कटाई शुरू कर दिया था.ऐसी स्थिति में अपनी उपज को घर में सहज कर रखना मुश्किल हो रहा है.धान की खरीदी में महीने भर देरी से आढ़तियों की चांदी हो जाएगी.वही किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार किए जाने की जरूरत है.उन्होंने कहा है कि सरकार अगर उनकी मांगों को नजरअंदाज करती है किसान उग्र आंदोलन करेगी और सड़क तक की भी लड़ाई लड़ेगी.

Conclusion:इधर जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने इस विरोध को फर्जी बताया उन्होंने कहा है कि यह किसान नहीं है बल्कि किसी पार्टी विशेष के लोग है.उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के मुद्दे पर गंभीर है धान खरीदी की तिथि इसलिए बढ़ाई गई है क्योंकि अभी भी खेतों में अभी भी पानी है और धान गिला है.उन्होंने कहा कि यह किसानों के नाम पर सिर्फ नेतागिरी कर रहे है.

बाईट_01 बिसहत राम साहू,किसान नेता
बाईट_02 लीलाराम साहू,नेता किसान संघ
बाईट_03 कवासी लखमा,प्रभारी मंत्री

रामेश्वर मरकाम,ईटीवी भारत,धमतरी
Last Updated : Nov 6, 2019, 4:10 PM IST
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