धमतरी: कहीं होली के त्योहार को एक सप्ताह पहले मनाने की परंपरा है, तो कहीं एक सप्ताह बाद होली मनाने की परंपरा है.लेकिन धमतरी जिले के मगरलोड क्षेत्र में एक ऐसा गांव है जहां लोग होली तो मनाते है. लेकिन होलिका दहन नहीं करते.
बता दें कि मगरलोड क्षेत्र के अमलीडीह गांव में लोग होलिका दहन नहीं करते है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में होलिका दहन नहीं करने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है.
बुजुर्गों को भी नहीं पता कारण
वहीं ETV भारत की टीम ने इसके पीछे के कारण को जानने की कोशिश की. लेकिन गांव के बुजुर्गों को भी इसका कारण नहीं पता है. बुजुर्गों का कहना है कि उनके दादा परदादाओं ने भी इसके कारणों को उजागर नहीं किया है. लोगों का कहना है कि परंपरा वर्षों से चलती आ रही है. इसलिए वे इसे नहीं तोड़ना चाहते. जिसके कारण ही गांव वाले इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं.
गांव के युवा होलिका दहन करना चाहते हैं
वहीं गांव के युवाओं ने बताया कि दूसरे जगहों में होलिका दहन देखकर उनको अपने गांव में भी होलिका दहन मनाने का मन करता है. इसके लिए उन्होंने अपने बुजुर्गों के पास भी अपनी बात रखी है. लेकिन बुजुर्ग अहित के डर से परंपरा को बदलने की अनुमति नहीं देते है. वहीं पूर्वजों के चलाए गए परंपरा को आगे जारी रखने की हिदायत देते हैं.