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प्रदेश के किसान रजनीगंधा फूल की खेती कब और कैसे करें, कौन सा मौसम उपयुक्त रहेगा, जानिए

किसी भी फल, फूल, सब्जी या फिर अनाज की खेती करने के लिए उपयुक्त मौसम के साथ ही बागवानी या फिर खेत की मिट्टी भी उपयुक्त होनी चाहिए. Farmers know when and how to cultivate Rajnigandha उक्त चीजों का चयन करने के बाद ही छत्तीसगढ़ के किसान इन चीजों की खेती करके अधिक लाभ और मुनाफा कमा सकते हैं. प्रदेश के किसान रजनीगंधा के फूल की खेती कैसे करें, कौन सा मौसम उपयुक्त है. कौन-कौन सी ऐसी किस्में है, जिसकी खेती करके छत्तीसगढ़ के किसान खुशहाल और समृद्ध हो सकते हैं. Raipur latest news आइए जानते हैं रजनीगंधा फूल की खेती के लिए कौन सा मौसम उपयुक्त है, और कौन-कौन सी ऐसी किस्मे है जिससे अच्छा लाभ अर्जित किया जा सकता है.

Farmers know when and how to cultivate Rajnigandha
रजनीगंधा फूल की खेती के तरीके
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Published : Dec 29, 2022, 10:12 PM IST

रजनीगंधा फूल की खेती के तरीके

रायपुर: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के फूल वैज्ञानिक डॉ समीर ताम्रकार ने बताया कि "रजनीगंधा की 2 किस्में होती है, जिसमें सिंगल पंखुड़ी और दूसरा डबल पंखुड़ी वाली होती है.Farmers know when and how to cultivate Rajnigandha सिंगल पंखुड़ी वाली में सुगंध ज्यादा होती हैं और दोहरी पंखुड़ी वाले में एक से अधिक पंखुड़ियां पाई जाती हैं. Rajnigandha flower which season will be suitable सिंगल पंखुड़ी वाली रजनीगंधा की किस्म अलका प्रज्वल, हैदराबाद सिंगल, कोलकाता सिंगल और सुगंधी सिंगल होती है. Raipur latest news इसी तरह रजनीगंधा की डबल पंखुड़ी वाली किस्में वैभव, सुहासिनी, हैदराबाद डबल और कोलकाता डबल वाली रजनीगंधा की किस्में लगाकर प्रदेश के किसान अच्छी उपज और अच्छा लाभ कमा सकते हैं."

रजनीगंधा की खेती करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के फूल वैज्ञानिक डॉ समीर ताम्रकार ने बताया कि "रजनीगंधा की खेती रजनीगंधा के कंद से तैयार किया जाता है. किसानों को रजनीगंधा के कंद लगाते समय इस बात का ध्यान रखना होता है कि कंद की गोलाई लगभग डेढ़ से 2 सेंटीमीटर होनी चाहिए. रजनीगंधा की खेती करने के लिए उपयुक्त समय फरवरी-मार्च या जून-जुलाई के समय में इसकी खेती की जा सकती हैं. रजनीगंधा के कंद का आकार सही होने के साथ ही क्वालिटी अच्छी होनी चाहिए."

यह भी पढ़ें: happy new year 2023: रायपुर में नए साल सेलिब्रेशन के लिए दिशानिर्देश जारी, सुरक्षा व्यवस्था होगी सख्त

रजनीगंधा की एक खेती से 3 सालों तक मिलता है फूल: फूल वैज्ञानिक डॉ समीर ताम्रकार बताते हैं कि "छत्तीसगढ़ के किसानों को खेत अच्छी तरह से तैयार करने के बाद रजनीगंधा की कंद को खेतों में लगाया जाना चाहिए." उन्होंने बताया कि "रजनीगंधा की खेती करते समय किसानों को खासतौर पर कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. प्रति एकड़ खेत में लगभग 25 से 30 टन गोबर की खाद, डेढ़ बोरा यूरिया खाद और डेढ़ बोरा पोटाश भी खेतो में डालना होगा. एक बार रजनीगंधा की खेती शुरू करने के बाद 3 सालों तक रजनीगंधा का फूल आसानी से लिया जा सकता है."

रजनीगंधा फूल की खेती के तरीके

रायपुर: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के फूल वैज्ञानिक डॉ समीर ताम्रकार ने बताया कि "रजनीगंधा की 2 किस्में होती है, जिसमें सिंगल पंखुड़ी और दूसरा डबल पंखुड़ी वाली होती है.Farmers know when and how to cultivate Rajnigandha सिंगल पंखुड़ी वाली में सुगंध ज्यादा होती हैं और दोहरी पंखुड़ी वाले में एक से अधिक पंखुड़ियां पाई जाती हैं. Rajnigandha flower which season will be suitable सिंगल पंखुड़ी वाली रजनीगंधा की किस्म अलका प्रज्वल, हैदराबाद सिंगल, कोलकाता सिंगल और सुगंधी सिंगल होती है. Raipur latest news इसी तरह रजनीगंधा की डबल पंखुड़ी वाली किस्में वैभव, सुहासिनी, हैदराबाद डबल और कोलकाता डबल वाली रजनीगंधा की किस्में लगाकर प्रदेश के किसान अच्छी उपज और अच्छा लाभ कमा सकते हैं."

रजनीगंधा की खेती करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के फूल वैज्ञानिक डॉ समीर ताम्रकार ने बताया कि "रजनीगंधा की खेती रजनीगंधा के कंद से तैयार किया जाता है. किसानों को रजनीगंधा के कंद लगाते समय इस बात का ध्यान रखना होता है कि कंद की गोलाई लगभग डेढ़ से 2 सेंटीमीटर होनी चाहिए. रजनीगंधा की खेती करने के लिए उपयुक्त समय फरवरी-मार्च या जून-जुलाई के समय में इसकी खेती की जा सकती हैं. रजनीगंधा के कंद का आकार सही होने के साथ ही क्वालिटी अच्छी होनी चाहिए."

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रजनीगंधा की एक खेती से 3 सालों तक मिलता है फूल: फूल वैज्ञानिक डॉ समीर ताम्रकार बताते हैं कि "छत्तीसगढ़ के किसानों को खेत अच्छी तरह से तैयार करने के बाद रजनीगंधा की कंद को खेतों में लगाया जाना चाहिए." उन्होंने बताया कि "रजनीगंधा की खेती करते समय किसानों को खासतौर पर कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. प्रति एकड़ खेत में लगभग 25 से 30 टन गोबर की खाद, डेढ़ बोरा यूरिया खाद और डेढ़ बोरा पोटाश भी खेतो में डालना होगा. एक बार रजनीगंधा की खेती शुरू करने के बाद 3 सालों तक रजनीगंधा का फूल आसानी से लिया जा सकता है."

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