धमतरी: पिंक सिटी स्थित अटल आवास में रहने वाले लोग इन दिनों अभाव में जीवन गुजारने को मजबूर हैं. घर में राशन नहीं हैं. चूल्हा जलाना तक मुश्किल हो गया है. बच्चे भूखे हैं, उनके पास इतने भी पैसे नहीं हैं कि राशन खरीद सकें. मजबूरी में नमक और मिर्च के साथ ही उन्हें खाना खाना पड़ रहा है. लॉकडाउन की वजह से उनकी जिंदगी ऐसी ही कई दिक्कतों से गुजर रही है. वहीं अब इन लोगों को सरकार से मदद की आस है.
अटल आवास में करीब 50 घर हैं, जिनमें 200 से ज्यादा लोग रहते हैं. ज्यादातर लोग मजदूरी करते हैं और अपना जीवनयापन करते हैं. प्रदेश में लॉकडाउन के आदेश के बाद यहां रहने वाले सभी लोगों ने इसका पालन किया, लेकिन इस आदेश से उनकी रोजी-रोटी का जरिया भी खत्म हो गया. इस वजह घर में राशन नहीं बचा और खाने के लाले पड़ गए. ऐसी स्थिति में यहां के रहने वाले लोगों के जीवन में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा.
पैसे भी खत्म, खाना भी खत्म
इन परिवारों का कहना है कि शासन की ओर से सिर्फ राशन नमक और मिट्टी तेल मिला है, लेकिन इससे उनका गुजारा नहीं हो सकता. उनके पास इतने पैसे नहीं कि वे सब्जी खरीद सकें और जितने पैसे थे अब तक गुजारा करने में ही खत्म हो गया है. अब उनके पास खाने को कुछ नहीं बचा है.
मिर्ची और नमक के साथ खाने को मजबूर
अटल आवास में ही रहने वाली मंगतिन बाई पटेल की जिंदगी इन दिनों लॉकडाउन के कारण पटरी से उतर गई है. वह रोजाना मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का पेट पालती है. घर की हालत भी दयनीय हो चुकी है. जब हम वहां पहुंचे तो मंगतिन बाई अपने नातिन को खाना खिला रही थी, लेकिन खाने की थाली में सब्जी गायब थी. बस नमक के साथ कुछ मिर्ची थी जिसे चावल के साथ अपने नातिन को खिला रही थी, ताकि वह भूख से रोता बिलखता न रहे.
अधिकारियों ने दिया सूचना न होने का हवाला
मंगतिन ने बताया कि उनके पास सब्जी के लिए पैसे नहीं हैं और पिछले 4 दिन से वह इसी तरह खुद और अपने बच्चे को खिला रही है. यह हालात कमोबेश अटल आवास में रहने वाले सभी परिवारों की है, क्योंकि घर से नहीं निकलने के कारण काम बंद है और काम बंद होने के कारण इनकी आमदनी का जरिया भी बंद है. जाहिर है इनकी जिंदगी में यह लॉकडाउन मुसीबत लेकर आई है. इधर प्रशासनिक अधिकारियों ने सूचना नहीं होने का हवाला दिया है. उनका कहना है कि सभी जरूरतमंद परिवारों को राशन मुहैया कराई जा रहा है.