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कब खुलेंगे मूक बधिर विद्यार्थियों के स्कूल ? ऑनलाइन पढ़ाई में हो रही दिक्कत

मूक बधिर आवासीय विद्यालय भी शामिल है. ऐसे में इन स्कूल में अभी भी टीचर वीडियो कॉलिंग के जरिये साइन लैग्वेंज से छात्राओं को शिक्षित कर रहे हैं.

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साइन लैग्वेंज की पढ़ाई
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Published : Aug 8, 2021, 5:02 PM IST

Updated : Aug 8, 2021, 5:17 PM IST

धमतरी: लंबे इंतजार के बाद 2 अगस्त से स्कूल कॉलेजों को अनलॉक कर दिया गया है. जहां कोरोना के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए 50 फीसदी छात्रों को स्कूल आने की अनुमति दी गई है. लेकिन कई ऐसे संस्थान हैं, जिन्हे अभी भी स्कूल खोलने की अनुमति नहीं दी गई है. जिनमें मुकबधिर आवासीय विद्यालय भी शामिल है. ऐसे में इन स्कूल में अभी भी टीचर वीडियो कॉलिंग के जरिये साईन लैग्वेंज से छात्राओं को शिक्षित कर रहे हैं.

बच्चों की पढ़ाई चौपट होता देख कोरोना संकट के बीच स्कूल खोले जा रहे है. छात्राओं का एक ऐसा वर्ग जो इससे दोगुनी समस्याओं के बीच पढ़ाई कर रहे हैं. धमतरी के मूक बधिर स्कूल में पढ़ने वाली 20 से 25 छात्राएं जो न तो सुन पाते हैं, ऐसे छात्राओं को उनके घरों में ऑनलाइन वीडियो कॉलिंग से पढ़ाई कराई जा रही है. टीचर साइन लैंग्वेज के वीडियो से कोर्स पूरा करा रहे हैं.

कब खुलेंगे मूक बधिर स्कूल?

स्कूल में करीब 6 प्रशिक्षित शिक्षक है, जो छात्राओं का कोर्स पूरा करने में तन्मयता के साथ जुटे हुए हैं. वैसे साइन लैग्वेंज से छात्राओं को पढ़ाई कराना आसान नहीं है. फिर भी यहां के शिक्षक इनके सपनों को साकार करने के लिए खूब मेहनत कर रहे हैं. राज्य शासन से इन विद्यालयों को खोलने की अनुमति नहीं मिली है. लिहाजा टीचर मूक बधिर स्कूल की छात्राओं को वीडियो कॉलिंग पर साइन लैंग्वेज से पढ़ाई करा रही है.

यूपी : गाजियाबाद धर्म परिवर्तन केस में यूपी एटीएस ने मूक बधिर शिक्षक को थमाया नोटिस

विभागीय अधिकारी एमएल पाल ने बताया कि यह आवासीय स्पेशल स्कूल है. अन्य स्कूलों में छात्र आएंगे और पढ़ाई कर चले जाएंगे. लेकिन यहां पर सभी छात्राएं एक हॉस्टल में रहेंगे. ऐसे में संक्रमण का खतरा ज्यादा है. शासन से इस स्कूल को खोलने के लिए फिलहाल अभी निर्देश नहीं मिला है. यहां प्रदेश के विभिन्न जिलों की मूक बधिर छात्राओं को दाखिला दिया गया है.

बताया जा रहा है कि विद्यालय के कई छात्राओं के पालक गरीब वर्ग से है. जिनके पास एंड्रॉयड मोबाइल नहीं है. ऐसे से वे भी पढ़ाई करने में चूक रहे हैं. कई छात्राओं के पालक शिक्षित नहीं है. कोरोना संक्रमण के इस मुश्किल दौर में विद्यालय संचालित नहीं हो पा रहे हैं. लेकिन वीडियों कालिंग और अन्य माध्यमों से पढ़ाई लगातार जारी है. ताकि मुखबधिर छात्राएं आगे चलकर अपने पैरों पर खड़े हो सके.

धमतरी: लंबे इंतजार के बाद 2 अगस्त से स्कूल कॉलेजों को अनलॉक कर दिया गया है. जहां कोरोना के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए 50 फीसदी छात्रों को स्कूल आने की अनुमति दी गई है. लेकिन कई ऐसे संस्थान हैं, जिन्हे अभी भी स्कूल खोलने की अनुमति नहीं दी गई है. जिनमें मुकबधिर आवासीय विद्यालय भी शामिल है. ऐसे में इन स्कूल में अभी भी टीचर वीडियो कॉलिंग के जरिये साईन लैग्वेंज से छात्राओं को शिक्षित कर रहे हैं.

बच्चों की पढ़ाई चौपट होता देख कोरोना संकट के बीच स्कूल खोले जा रहे है. छात्राओं का एक ऐसा वर्ग जो इससे दोगुनी समस्याओं के बीच पढ़ाई कर रहे हैं. धमतरी के मूक बधिर स्कूल में पढ़ने वाली 20 से 25 छात्राएं जो न तो सुन पाते हैं, ऐसे छात्राओं को उनके घरों में ऑनलाइन वीडियो कॉलिंग से पढ़ाई कराई जा रही है. टीचर साइन लैंग्वेज के वीडियो से कोर्स पूरा करा रहे हैं.

कब खुलेंगे मूक बधिर स्कूल?

स्कूल में करीब 6 प्रशिक्षित शिक्षक है, जो छात्राओं का कोर्स पूरा करने में तन्मयता के साथ जुटे हुए हैं. वैसे साइन लैग्वेंज से छात्राओं को पढ़ाई कराना आसान नहीं है. फिर भी यहां के शिक्षक इनके सपनों को साकार करने के लिए खूब मेहनत कर रहे हैं. राज्य शासन से इन विद्यालयों को खोलने की अनुमति नहीं मिली है. लिहाजा टीचर मूक बधिर स्कूल की छात्राओं को वीडियो कॉलिंग पर साइन लैंग्वेज से पढ़ाई करा रही है.

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विभागीय अधिकारी एमएल पाल ने बताया कि यह आवासीय स्पेशल स्कूल है. अन्य स्कूलों में छात्र आएंगे और पढ़ाई कर चले जाएंगे. लेकिन यहां पर सभी छात्राएं एक हॉस्टल में रहेंगे. ऐसे में संक्रमण का खतरा ज्यादा है. शासन से इस स्कूल को खोलने के लिए फिलहाल अभी निर्देश नहीं मिला है. यहां प्रदेश के विभिन्न जिलों की मूक बधिर छात्राओं को दाखिला दिया गया है.

बताया जा रहा है कि विद्यालय के कई छात्राओं के पालक गरीब वर्ग से है. जिनके पास एंड्रॉयड मोबाइल नहीं है. ऐसे से वे भी पढ़ाई करने में चूक रहे हैं. कई छात्राओं के पालक शिक्षित नहीं है. कोरोना संक्रमण के इस मुश्किल दौर में विद्यालय संचालित नहीं हो पा रहे हैं. लेकिन वीडियों कालिंग और अन्य माध्यमों से पढ़ाई लगातार जारी है. ताकि मुखबधिर छात्राएं आगे चलकर अपने पैरों पर खड़े हो सके.

Last Updated : Aug 8, 2021, 5:17 PM IST
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