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दिवाली से पहले निकला नगर निगम का दिवाला, कर्मचारियों को वेतन के पड़े लाले - 167 करोड़ रुपये

निगम प्रशासन ने 302 कर्मचारियों को अक्टूबर का आधा महीना बीत जाने के बाद भी सितंबर माह की सैलरी नहीं दिया है. जिससे नाराज कर्मचारियों ने आंदोलन की चेतावनी दी है.

दीवाली के पहले निगम का निकला दिवाला
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Published : Oct 18, 2019, 6:26 PM IST

Updated : Oct 18, 2019, 9:48 PM IST

धमतरी: जिले निगम प्रशासन की लापरवाही के कारण 302 निगम के कर्मचारियों को अब तक सितंबर माह का वेतन नहीं मिला है. वेतन नहीं मिलने से कर्मचारियों में खासा नाराजगी है. वहीं त्योहार के हफ्तेभर पहले वेतन नहीं मिलने से कर्मचारी संघ ने आंदोलन की चेतावनी दी है.

दीवाली से पहले निकला नगर निगम का दिवाला

दरअसल, निगम की कंगाली का कारण यहां के कर्मचारियों की अक्षमता ही है. निगम के खजाने में कायदे से हर साल राजस्व के तौर पर करीब साढ़े 10 करोड़ रुपये आने चाहिए, लेकिन मौजूदा वित्तीय वर्ष में महज 167 करोड़ रुपये के ही राजस्व की वसूली हुई है, जो अनुमानित राजस्व के 10 फीसदी से थोड़ा ज्यादा है.

302 कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन
बता दें कि नगर निगम हर महीने 80 लाख रुपए नियमित कर्मचारियों को वेतन बांटता है, लेकिन निगम के राजस्व कर्मी इतनी राशि भी नहीं जुटा पा रहे हैं. जिसका असर यह हुआ कि नगर निगम अपने 302 नियमित कर्मचारियों को अक्टूबर का आधा महीना निकल जाने के बाद भी सितंबर महीने का वेतन नहीं दे पाया है.

निगम प्रशासन ने दिया आश्वासन
कर्मचारियों का कहना है कि 'सरकार का स्पष्ट आदेश है कि कोई बड़ा त्यौहार 25 तारीख के बाद हो, तो उस महीने का वेतन भी कर्मचारियों को दिया जाए, लेकिन निगम सितंबर का वेतन नहीं दे पा रहा है. कर्मचारियों को सितंबर और अक्टूबर का वेतन नहीं मिला, तो दिवाली के पहले वो आंदोलन करेंगे. वहीं निगम प्रशासन एक-दो दिन के भीतर कर्मचारियों के खाते में डालने की बात कह रहा है.

धमतरी: जिले निगम प्रशासन की लापरवाही के कारण 302 निगम के कर्मचारियों को अब तक सितंबर माह का वेतन नहीं मिला है. वेतन नहीं मिलने से कर्मचारियों में खासा नाराजगी है. वहीं त्योहार के हफ्तेभर पहले वेतन नहीं मिलने से कर्मचारी संघ ने आंदोलन की चेतावनी दी है.

दीवाली से पहले निकला नगर निगम का दिवाला

दरअसल, निगम की कंगाली का कारण यहां के कर्मचारियों की अक्षमता ही है. निगम के खजाने में कायदे से हर साल राजस्व के तौर पर करीब साढ़े 10 करोड़ रुपये आने चाहिए, लेकिन मौजूदा वित्तीय वर्ष में महज 167 करोड़ रुपये के ही राजस्व की वसूली हुई है, जो अनुमानित राजस्व के 10 फीसदी से थोड़ा ज्यादा है.

302 कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन
बता दें कि नगर निगम हर महीने 80 लाख रुपए नियमित कर्मचारियों को वेतन बांटता है, लेकिन निगम के राजस्व कर्मी इतनी राशि भी नहीं जुटा पा रहे हैं. जिसका असर यह हुआ कि नगर निगम अपने 302 नियमित कर्मचारियों को अक्टूबर का आधा महीना निकल जाने के बाद भी सितंबर महीने का वेतन नहीं दे पाया है.

निगम प्रशासन ने दिया आश्वासन
कर्मचारियों का कहना है कि 'सरकार का स्पष्ट आदेश है कि कोई बड़ा त्यौहार 25 तारीख के बाद हो, तो उस महीने का वेतन भी कर्मचारियों को दिया जाए, लेकिन निगम सितंबर का वेतन नहीं दे पा रहा है. कर्मचारियों को सितंबर और अक्टूबर का वेतन नहीं मिला, तो दिवाली के पहले वो आंदोलन करेंगे. वहीं निगम प्रशासन एक-दो दिन के भीतर कर्मचारियों के खाते में डालने की बात कह रहा है.

Intro:निगम प्रशासन की लापरवाही के कारण निगम के कर्मचारियों को अब तक सितंबर माह का वेतन नहीं मिल पाया है.बता दे कि दीपावली त्यौहार के कुछ दिन ही बचे है निगम के 302 नियमित कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है.वही समय पर वेतन नहीं मिलने से अब निगम कर्मचारियों में नाराजगी है.इधर त्यौहार के हफ्तेभर पहले वेतन नहीं देने पर कर्मचारी संघ ने आंदोलन की चेतावनी दी है.

Body:दरअसल इसके पीछे कारण है निगम की कंगाली और कंगाली का कारण भी यहाँ के कर्मचारियों की अक्षमता ही है.निगम के खजाने में कायदे से हर साल करीब साढ़े 10 करोड़ रुपये बतौर राजस्व वसूला जाना चाहिए. लेकिन मौजूदा वित्तीय वर्ष में महज 167 करोड़ रुपये का ही राजस्व वसूली हुई है.मतलब लक्ष्य का साढ़े 10 प्रतिशत और ये वसूली इन्ही कर्मचारियों को करनी होती है जिन्हें वेतन नही मिला है निगम में हर माह 80 लाख रुपये वेतन का खर्च है.आज निगम का खजाना पूरी तरह खाली है.प्रशासन दबाव में है और आश्वासन देकर स्थिति को काबू करने की कोशिश चल रही है.

बता दे कि नगर निगम हर महीने 80 लाख रुपए नियमित कर्मचारियों को वेतन बांटता है, लेकिन निगम के राजस्व कर्मी इतनी राशि भी नहीं जुटा पा रहे है.ऐसे में नगर निगम अपने कर्मचारियों को इन दिनों समय पर वेतन ही नहीं दे पा रहा है.यहां के कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़ गए है.अक्टूबर का आधा महीना निकल गया, लेकिन 302 नियमित कर्मचारियों को सितंबर महीने का ही वेतन नहीं मिला है.कुछ दिन बाद साल का सबसे बड़ा त्यौहार दीपावली है.कर्मचारी अब वेतन के लिए आंदोलन करने की तैयारी में है.

स्वायत्तशासी कर्मचारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष अभिमन्यु सिन्हा का कहना है कि अधिकारी-कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा.निगम में 302 नियमित कर्मचारी है जिन्हें सितंबर का वेतन नहीं मिला है.समय पर वेतन नहीं मिलने से कर्मचारियों की बजट गड़बड़ा गया है। रोज की जरूरतों के खर्चों के अलावा पानी, बिजली, मेडिकल और राशन जैसे खर्चों के लिए परेशान होना पड़ रहा है.उनका कहना है कि सरकार का स्पष्ट आदेश है कि कोई बड़ा त्यौहार 25 तारीख के बाद हो, तो उस महीने का वेतन भी कर्मचारियों को दिया जाए,लेकिन निगम सितंबर का वेतन नहीं दे पा रहा है.कर्मचारियों को सितंबर और अक्टूबर का वेतन नहीं मिला, तो दीवाली के पहले ही आंदोलन करेंगे.

Conclusion:बहरहाल ये हो सकता है कि आंदोलन के दबाव में वेतन की व्यवस्था कर भी ली जाए,लेकिन ये निगम ऐसे ही लापरवाह रहा तो ये स्थिति बार बार आएगी.वैसे निगम प्रशासन ने सितंबर महीने का वेतन एक-दो दिन के भीतर कर्मचारियों के खाते में डलवाये जाने की बात जरूर कह रहे है.

बाईट_01 अभिमन्यु सिन्हा,प्रदेश उपाध्यक्ष निगम कर्मचारी संघ

बाईट_आशीष टिकरिहा,कमिश्नर निगम धमतरी

रामेश्वर मरकाम,ईटीवी भारत,धमतरी





 
Last Updated : Oct 18, 2019, 9:48 PM IST
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