धमतरी: छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से गुंडाधुर सम्मान के लिए खिलाड़ी के चयन के बाद इस पर विवाद शुरू हो गया है. धमतरी के जाने-माने बॉडी बिल्डर रमेश हिरवानी ने हाईकोर्ट में इसे चुनौती देने का फैसला किया है.
रमेश हिरवानी बॉडी बिल्डिंग के क्षेत्र में कई बार अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और कई राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित भी हुए हैं. रमेश हिरवानी ने सरकार के बनाए नियमों का हवाला देते हुए इसमें पक्षपात का आरोप लगाया है.
हिरवानी का कहना है कि पिछले साल उन्होंने विश्व चैंपियनशिप में अच्छा प्रदर्शन करते हुए पुरुष्कार हासिल किए हैं. इस लिहाज से उन्हें गुंडाधुर पुरस्कार दिया जाना चाहिए था, लेकिन इसमें पक्षपात करते हुए एक दूसरे खिलाड़ी को यह पुरस्कार इस साल दिया जा रहा है.
दरअसल, राज्योत्सव के दौरान विभिन्न प्रकार के अलंकरण पुरस्कार दिए जा रहे हैं. इसमें एक खेल अलंकरण में गुंडाधुर पुरस्कार भी दिया जाना है. जिन्हें पुरस्कृत किया जाना है उनके नामों की घोषणा भी हो चुकी है. इस पुरस्कार की दौड़ में बॉडी बिल्डर रमेश हिरवानी भी शामिल थे, जिनका चयन नहीं होने से वे दुखी हैं. उन्होंने इस चयन में सरकार पर पारदर्शिता नहीं बरतने का आरोप लगाया है.
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हिरवानी ने कहा है कि, 'गुंडाधुर पुरस्कार में इस बार 14 खिलाड़ियों ने फॉर्म भरा था, जिसमें टॉप 3 में उनका चयन हो गया था. जब पुरस्कार की घोषणा की गई थी उनका नाम कट गया'. उनका कहना है कि 'इस पुरस्कार के चयन में पहली प्राथमिकता ओलंपिक खेल, विश्व चैंपियनशिप और राष्ट्रीय खेलों को शामिल किया जाता है, लेकिन जिनका चयन हुआ है वह खिलाड़ी एशिया लेबल में खेला हुआ है जबकि वह खुद विश्व चैंपियन में भाग ले चुके हैं.
रमेश हिरवानी बॉडी बिल्डिंग खेल में भाग लेते आते आ रहे हैं. इस दौरान 10 बार मिस्टर एमपी, 15 बार मिस्टर छत्तीसगढ़ और दो बार वेस्टर्न इंडिया चैंपियनशिप का खिताब जीत चुके हैं. बहरहाल, हिरवानी इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में जाने की तैयारी कर रहे हैं.