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धमतरी में सजग अभियान से घरों में बन रहा प्यार दुलार का माहौल, बच्चों का हो रहा विकास

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Published : May 18, 2021, 10:42 PM IST

Updated : May 19, 2021, 11:47 AM IST

कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों में ताला लटका हुआ है. ऐसे हालातों में बच्चों के विकास निरंतरता रखने के लिए सजग अभियान चलाया जा रहा है. जिसके अंतर्गत बच्चों के लालन-पालन से जुड़ी जरूरी बातों की जानकारी ऑडियो के जरिये पालकों तक पहुंचाया जा रहा है. धमतरी में इस कार्यक्रम का व्यापक असर भी दिख रहा है. ETV भारत ने पालकों के साथ ही कार्यक्रम में अहम भूमिका निभा रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से बात की है.

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सजग अभियान से घरों में बन रहा प्यार दुलार का माहौल

धमतरी: लॉकडाउन के दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों में ताला लटका हुआ है. लगभग एक साल से केंद्रों का संचालन ठीक से नहीं हो सका है. ऐसे में इन दिनों बच्चों के सही विकास के लिए सजग अभियान चलाया जा रहा है. जिसके अंतर्गत बच्चों के लालन-पालन से जुड़ी जरूरी बातों की जानकारी ऑडियो के जरिए पालकों तक पहुंचाया जा रहा है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सजग अभियान को सफल बनाने के लिए अहम भूमिका निभाई है. ऑडियो क्लिप के जरिए माता-पिता को जागरूक किया जा रहा है, ताकि बच्चों का बौद्धिक विकास ठीक से हो सके. पालको में बच्चों के भावी जीवन गढ़ने की क्षमता तैयार हो सके.

सजग अभियान से घरों में बन रहा प्यार दुलार का माहौल

SPECIAL: आंगनबाड़ी केंद्रों में दूध की सप्लाई बंद, कैसे होगा कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ ?

ऑडियो क्लिप के माध्यम से पालकों को ट्रेनिंग

समाज सेवी संस्था सेंटर फॉर लर्निंग रिसोर्सेस द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से आंगनबाड़ी केंद्रों में सजग कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इस कार्यक्रम के तहत अभिभावक और बच्चों के लिए छोटे-छोटे खेल ढेर सारी बातचीत और प्यार दुलार का वातावरण कैसे बना सकते हैं. इस संबंध में पालकों को जानकारी दी जाती है. मौजूदा दौर में लॉकडाउन के चलते सभी संस्थाएं बंद हैं. ऐसी स्थिति में बच्चे घर पर हैं. घर के वातावरण में उन्हें सिखाने के लिए माता-पिता का सहयोग जरूरी है. इसके लिए ऑडियो क्लिप के माध्यम से पालकों को ट्रेनिंग दी जा रही है.

कार्यक्रम से बच्चों को होगा फायदा

कोविड-19 के इस दौर में लोगों के पास रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है. ऐसे में छोटे-छोटे बच्चों की देखभाल भी सही ढंग से नहीं हो पाती है. सजग कार्यक्रम के तहत ऑडियो संदेश से पालकों को खुद को संभालने के तरीके सुझाए गए हैं. परिवार में तनाव मुक्त वातावरण बनाने के लिए समझाया गया है. पालक अगर तनाव मुक्त रहेंगे तो बच्चों का भी सर्वांगीण विकास होगा. बच्चों की नींव कैसे मजबूत करें इसकी भी जानकारी पालकों को होनी जरूरी है.

लोकवाणी कार्यक्रम: हेलो मुख्यमंत्री जी, मैं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गोशिया बानो

5 मिनट का संदेश किया जाता है तैयार

ऑडियो क्लिप के माध्यम से किसी एक जरूरी जानकारी पर आधारित 5 मिनट का संदेश सामाजिक संस्था सेंटर फॉर लर्निंग रिसोर्सेस द्वारा तैयार किया जाता है. इसके बाद यह संदेश डायरेक्टर महिला एवं बाल विकास द्वारा जिले के कार्यक्रम अधिकारियों को व्हाट्सएप के जरिए भेजा जाता है. जिससे वे अपनी सीडीपीओ को फिर अपने पर्यवेक्षकों को भेजते हैं. पर्यवेक्षिकाएं यह संदेश आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भेजती हैं. कार्यकर्ता इन्हें पालकों को सुनाते हैं. उन्हें समझाती भी हैं, कि बच्चों का लालन-पालन कैसे करें.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका अहम

ऑडियो क्लिप के जरिए अभिभावक बच्चों के विकास के गुर सीख रहे हैं. इस पूरे कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं अहम भूमिका अदा कर रही हैं. कई बार कार्यकर्ता खुद अभिभावकों से मिल रही हैं और उन्हें बता रही हैं कि बच्चों का लालन-पालन कैसे करें. कैसे उनके बौद्धिक विकास के लिए काम किया जाए. बहरहाल कोरोना संक्रमण का दौर एक ओर जहां कई लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है तो वहीं जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रयास से सजग कार्यक्रम के जरिए लालन पालन के जानकारी साथ बच्चों का विकास हो रहा है.

धमतरी: लॉकडाउन के दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों में ताला लटका हुआ है. लगभग एक साल से केंद्रों का संचालन ठीक से नहीं हो सका है. ऐसे में इन दिनों बच्चों के सही विकास के लिए सजग अभियान चलाया जा रहा है. जिसके अंतर्गत बच्चों के लालन-पालन से जुड़ी जरूरी बातों की जानकारी ऑडियो के जरिए पालकों तक पहुंचाया जा रहा है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सजग अभियान को सफल बनाने के लिए अहम भूमिका निभाई है. ऑडियो क्लिप के जरिए माता-पिता को जागरूक किया जा रहा है, ताकि बच्चों का बौद्धिक विकास ठीक से हो सके. पालको में बच्चों के भावी जीवन गढ़ने की क्षमता तैयार हो सके.

सजग अभियान से घरों में बन रहा प्यार दुलार का माहौल

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ऑडियो क्लिप के माध्यम से पालकों को ट्रेनिंग

समाज सेवी संस्था सेंटर फॉर लर्निंग रिसोर्सेस द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से आंगनबाड़ी केंद्रों में सजग कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इस कार्यक्रम के तहत अभिभावक और बच्चों के लिए छोटे-छोटे खेल ढेर सारी बातचीत और प्यार दुलार का वातावरण कैसे बना सकते हैं. इस संबंध में पालकों को जानकारी दी जाती है. मौजूदा दौर में लॉकडाउन के चलते सभी संस्थाएं बंद हैं. ऐसी स्थिति में बच्चे घर पर हैं. घर के वातावरण में उन्हें सिखाने के लिए माता-पिता का सहयोग जरूरी है. इसके लिए ऑडियो क्लिप के माध्यम से पालकों को ट्रेनिंग दी जा रही है.

कार्यक्रम से बच्चों को होगा फायदा

कोविड-19 के इस दौर में लोगों के पास रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है. ऐसे में छोटे-छोटे बच्चों की देखभाल भी सही ढंग से नहीं हो पाती है. सजग कार्यक्रम के तहत ऑडियो संदेश से पालकों को खुद को संभालने के तरीके सुझाए गए हैं. परिवार में तनाव मुक्त वातावरण बनाने के लिए समझाया गया है. पालक अगर तनाव मुक्त रहेंगे तो बच्चों का भी सर्वांगीण विकास होगा. बच्चों की नींव कैसे मजबूत करें इसकी भी जानकारी पालकों को होनी जरूरी है.

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5 मिनट का संदेश किया जाता है तैयार

ऑडियो क्लिप के माध्यम से किसी एक जरूरी जानकारी पर आधारित 5 मिनट का संदेश सामाजिक संस्था सेंटर फॉर लर्निंग रिसोर्सेस द्वारा तैयार किया जाता है. इसके बाद यह संदेश डायरेक्टर महिला एवं बाल विकास द्वारा जिले के कार्यक्रम अधिकारियों को व्हाट्सएप के जरिए भेजा जाता है. जिससे वे अपनी सीडीपीओ को फिर अपने पर्यवेक्षकों को भेजते हैं. पर्यवेक्षिकाएं यह संदेश आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भेजती हैं. कार्यकर्ता इन्हें पालकों को सुनाते हैं. उन्हें समझाती भी हैं, कि बच्चों का लालन-पालन कैसे करें.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका अहम

ऑडियो क्लिप के जरिए अभिभावक बच्चों के विकास के गुर सीख रहे हैं. इस पूरे कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं अहम भूमिका अदा कर रही हैं. कई बार कार्यकर्ता खुद अभिभावकों से मिल रही हैं और उन्हें बता रही हैं कि बच्चों का लालन-पालन कैसे करें. कैसे उनके बौद्धिक विकास के लिए काम किया जाए. बहरहाल कोरोना संक्रमण का दौर एक ओर जहां कई लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है तो वहीं जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रयास से सजग कार्यक्रम के जरिए लालन पालन के जानकारी साथ बच्चों का विकास हो रहा है.

Last Updated : May 19, 2021, 11:47 AM IST
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